Mehangai Par Nibandh | in Hindi

By | August 2, 2022
Mehangai Par Nibandh in Hindi

Mehangai Par Nibandh – बाजार में महंगाई तभी बढ़ती है जबकि मांग अधिक हो, किंतु वस्तुओं की कमी हो जाए. भारत के सामाजिक जीवन में आज भ्रष्टाचार का बोलबाला है जिसका मुख्य कारण है महंगाई.

Mehangai Par Nibandh

भूमिका – जीवन है तो समस्याएं रहेंगी. जिन समस्याओं के कारण जीवन जीना दूभर हो जाता है, वे समस्याएं मनुष्य को चिंता में डाल देती हैं.
महंगाई की समस्या – वर्तमान की अनेक समस्याओं में से एक महत्वपूर्ण समस्या है – महंगाई. जब से देश स्वतंत्र हुआ है, तब से वस्तुओं की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं. रोजमर्रा की चीजों में 150 से 250 गुना तक की कीमत वृद्धि हो सकती है.
महंगाई बढ़ने के कारण – बाजार में महंगाई तभी बढ़ती है जबकि मांग अधिक हो, किंतु वस्तुओं की कमी हो जाए. भारत में स्वतंत्रता के बाद से लेकर आज तक जनसंख्या में चार गुना वृद्धि हो चुकी है. इसलिए स्वाभाविक रूप से चार गुना मुंह और पेट भी बढ़ गए हैं. अतः जब मांग बढ़ी तो महंगाई भी बढ़ी. दूसरे, पहले भारत में गरीबी की रेखा के नीचे जीने वाले लोग अधिक थे. परंतु अब ऐसे लोगों की संख्या कम है. अब अधिकतर भारतीय पेट-भर अन्न-जल पा रहे हैं. इस कारण भी वस्तुओं की मांग बढ़ी है. बहुत सी चीजों पर हम विदेशों पर निर्भर हो गए हैं. हमारे देश की एक बड़ी धनराशि पेट्रोल पर व्यय होती है. इसके लिए भारत कुछ नहीं कर पाया. अतः रोज-रोज पेट्रोल का भाव बढ़ता जा रहा है. परिणामस्वरूप हर चीज महंगी होती जा रही है.
कालाबाजारी – महंगाई बढ़ने के कुछ बनावटी कारण भी होते हैं. जैसे –कालाबाजारी. बड़े-बड़े व्यापारी और पूंजीपति धन के बल पर आवश्यक वस्तुओं का भंडारण कर लेते हैं. इससे बाजार में अचानक वस्तुओं की आपूर्ति कम हो जाती है.
परिणाम – महंगाई बढ़ने का सबसे बड़ा दुष्परिणाम गरीबों और निम्न मध्यवर्ग को होता है. इससे उनका आर्थिक संतुलन बिगड़ जाता है. या तो उन्हें पेट काटना पड़ता है, यह बच्चों की पढ़ाई-लिखाई जैसी आवश्यक सुविधा छीन लेनी पड़ती है.
उपाय – दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि रोकने के ठोस उपाय किए जाने चाहिए. इसके लिए सरकार को लगातार मूल्य-नियंत्रण करते रहना चाहिए. कालाबाजारी को भी रोका जा सकता है. इस दिशा में जनता का भी कर्तव्य है कि वह सयंम से काम ले. जिस तरह से वर्तमान सरकार ने महंगाई दर पर नियंत्रण किया है और दालों की कीमतों पर लगाम लगाई है, उससे लगता है कि अब कालाबाजारियों की दाल नहीं गल पाएगी.
उपसंहार – महंगाई का घटना-बढ़ना स्वाभाविक है. इसे नियंत्रित करने के कुछ उपाय किए जा सकते हैं किंतु हमेशा-हमेशा के लिए नहीं रोका जा सकता.