Aatankwad Ki Samasya Nibandh | in Hindi

By | August 2, 2022
Aatankwad Ki Samasya Nibandh

Aatankwad Ki Samasya Nibandh- आज पूरे विश्व में आतंक का साया मंडरा रहा है. न जाने कौन-सा हवाई जहाज अगुआ कर लिया जाए.  ये मानव जाति के लिये एक बड़ा खतरा है. Berojgari भी आतंक फैलाने का कारण है.

Aatankwad Ki Samasya Nibandh

भूमिका – आज पूरे विश्व में आतंक का साया मंडरा रहा है. न जाने कौन-सा हवाई जहाज अगुआ कर लिया जाए और किसी गगनचुंबी इमारत से टकरा दिया जाए. न जाने, कब-कहां कौन मारा जाए ? जब आतंकवाद के क्रूर पंजों से संसद, विधानसभा और मुख्यमंत्री तक सुरक्षित नहीं तो आम आदमी कहां जाए ?
आतंकवाद क्यों – आज आतंक फैलाने का कारण है – धर्मांधता. बेरोजगारी भ्रष्टाचार, गरीबी, भूख, क्षेत्रवाद, धर्मांधता आदि अन्य कारण हैं. ये कारण इतने जटिल होते हैं कि कोई दवाई इन पर असर नहीं करती. इस कारण आतंकवाद फलता-फूलता रहता है.
विश्वव्यापी समस्या – आज आतंकवाद की जड़ें बहुत गहरी और विस्तृत हो गई हैं. ओसामा बिन लादेन अफगानिस्तान में बैठकर जिस तरह अमेरिका के दो टावरों को ध्वस्त किया ; जिस तरह पाकिस्तानी नागरिकों ने भारत से बाहर बैठकर मुंबई, संसद तथा कश्मीर पर आक्रमण किए, उससे उनके अंतरराष्ट्रीय संबंधों का प्रमाण मिल जाता है. आज जर्मनी, फ्रांस, इंग्लैंड जैसे देश भी भारत की तरह आतंकवादी से पीड़ित हैं. सीरिया, इराक, बगदाद, पाकिस्तान, अफगानिस्तान जैसे देश तो इस समस्या के कारण नष्ट होने के कगार पर हैं.
भारत में आतंकवाद – भारत में आतंकवाद का आरंभ स्वतंत्रता-प्राप्ति के साथ-साथ हो गया था. कश्मीर के मुद्दे पर भारत-पाकिस्तान के बीच जो खींचतान हुई, वह धीरे-धीरे हिंदू-मुसलमान संघर्ष का घिनौना रूप धारण करने लगी. नए-नए आतंकवादी संगठन कुकुरमुत्तों की तरह उग रहे हैं. नागालैंड, मिजोरम, सिक्किम, उत्तर-पूर्व, तमिलनाडु, असम और अब हैदराबाद सबमें कोई न कोई आतंकवादी गतिविधि जारी है.
हानियाँ – आतंकवाद फैलने से चारों ओर अशांति का साम्राज्य हो जाता है. लोग चूहों की भांति सांस लेते हैं और मरने को तैयार रहते हैं. वहां किसी प्रकार की खुशी और उन्नति पसर नहीं पाती. आतंकवादी का कोई दीन-धर्म नहीं होता. वह अपनों का खून बहाने से भी बाज नहीं आता.
उपाय – आतंकवाद का सफाया करने के लिए जी-जान लगाने की हिम्मत चाहिए. हिम्मत ही नहीं, उसे कुचलने के लिए पूरी सावधानी, कुशलता और तत्परता भी चाहिए. सौभाग्य से अमेरिका के नेतृत्व में ऐसी कुछ शुरुआत हुई है. अगर अन्य देश भी कुछ ठोस उपाय कर सकें तो एक न एक दिन यह विश्व आतंकमुक्त सुशांत प्रदेश बन सकेगा.