Pollution Essay in Hindi | प्रदूषण पर निबंध

By | August 2, 2022
Pollution Essay in Hindi

Pollution Essay in Hindi में बताया गया है तीन प्रकार का होता है – वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण तथा ध्वनि प्रदूषण. Here you can also read Dahej Pratha Nibandh.

Pollution Essay in Hindi

पर्यावरण का अर्थ – हमारे चारों ओर का वातावरण. दुर्भाग्य से हमारा यही पर्यावरण आज दूषित हो गया है. प्रदूषण मुखतः तीन प्रकार का होता है – वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण तथा ध्वनि प्रदूषण.
प्रदूषण के कारण – प्रदूषण का जन्म अंधाधुंध वैज्ञानिक प्रगति के कारण हुआ है. जब से मनुष्य ने प्रकृति के साथ मनचाही छेड़छाड़ की है, तब से प्रकृति मनुष्य पर कुपित है. मनुष्य ने अपने भवन सुंदर बनाने के लिए वन काटे, पहाड़ तोड़े, समतल मैदान बनाए, वृक्ष काटे, ईट – बजरी और तारकोल के निर्माण किए, विद्युत गृह और ताप – घर बनाए, परमाणु भट्टियां बनाई, प्लास्टिक जैसी घातक कृत्रिम वस्तुएं बनाई, परमाणु हथियारों, बमों, कीटनाशकों का अनावश्यक निर्माण किया.
मनुष्य की इस अंधाधुंध प्रगति का दुष्परिणाम यह हुआ कि हमारा समूचा परिवेश जीवन – घातक तत्वों से भर गया है. महानगरों में स्वच्छ वायु में सांस लेने को तरस गया है आदमी. वायु – प्रदूषण के कारण आंखों में जलन, त्वचा में एलर्जी, सांस में कष्ट, प्लेग, डेंगू आदि कितनी ही प्राणघातक बीमारियां जन्म ले रही हैं.
अविवेकपूर्ण औद्योगिकरण और पारिवारिक प्रयोगों के कारण विश्व – भर का मौसम चक्र बिगड़ गया है. धरती पर गर्मी बढ़ रही है. वैज्ञानिकों की चेतावनी है कि यदि इसी प्रकार का ऊर्जा का प्रवाह होता रहा तो हिमखंड पिघलेंगे, बाढ़ आयेंगी, समुंद्र – जल में वृद्धि होगी. रहने – योग्य भूमि और कम होगी. समुद्र ही नहीं, आकाश में फैली ओजोन गैस की सुरक्षा – छतरी में छेद हो जाएगा, जिसके परिणाम स्वरूप धरती का पर्यायवरण विषाक्त हो जाएगा.
प्रदूषण का निवारण – प्रदूषण से मुक्ति का सर्वोत्तम उपाय है – इस समस्या के प्रति सचेत होना. अन्य उपाय हैं – आसपास पेड़ लगाना, हरियाली को अधिकाधिक स्थान देना. अनावश्यक शोर को कम करना. विलास की वस्तुओं की वजाय सादगीपूर्ण ढंग से जीवन यापन करना. वनों की कटाई पर रोक लगाना. लकड़ी के नए विकल्प खोजना. फैक्ट्रियों के दूषित जल और धुएँ के निष्कासन का उचित उपाय खोजना. घातक बीमारियां पैदा करने वाले उद्योगों को बंद करना. परमाणु विस्फोटों पर रोक लगाना. इन उपायों को स्वयं पर लागू करना तथा समाज को बाध्य करना ही प्रदूषण से बचने का एकमात्र उपाय है.