Pad Kise Kahate Hain | परिचय & Paribhasha

By | July 28, 2022
Pad Kise Kahate Hain परिचय & Paribhasha

आज हम आपको इस पोस्ट में पद विषय से जुड़ी जानकारी देने वाले है जैसे की Pad Kise Kahate Hain, paribhasha, example और विद्यार्थियों की practice के लिए कुछ exercise भी दी गई हैं. Here we also provide Alankar Kise Kahate Hain for your high score.

Pad Kise Kahate Hain

परिभाषा – वाक्यों में प्रयुक्त शब्द ‘पद’ कहलाते हैं. इन पदों का परिचय देना, अर्थात उनकी स्थिति बताना, उनका लिंग, वचन, कारक – भेद तथा अन्य शब्दों से संबंध बताना ‘पद – परिचय’ कहलाता है. दूसरे शब्दों में, वाक्य के अंतर्गत किसी शब्द की सभी भूमिकाओं का परिचय देना ‘पद – परिचय’ कहलाता है.
पद परिचय के आवश्यक पहलू –
पद – परिचय के लिए पदों के निम्नलिखित पहलुओं की जानकारी देनी अपेक्षित होती है –
संज्ञा – संज्ञा के तीनों भेद, लिंग, वचन, कारक, क्रिया के साथ संबंध.
सर्वनाम – सर्वनाम के भेद, पुरुष, लिंग, वचन, कारक, क्रिया के साथ संबंध.
विशेषण – विशेषण के भेद, लिंग, वचन, विशेष्य, अवस्था (तर, तम आदि कोठियां), प्रविशेषण का उल्लेख.
क्रिया – अकर्मक, सकर्मक, लिंग, वचन, पुरुष, धातु, काल वाच्य, प्रयोग, कर्ता और कर्म का संकेत.
क्रियाविशेषण – भेद, जिस क्रिया की विशेषता बताई गई हो उसके बारे में निर्देश.
समुच्चयबोधक – भेद, संयुक्त शब्दों, वाक्यांशों तथा कार्यों का उल्लेख.
संबंधबोधक – भेद, पदों, पदबंधों, वाक्यांशों से संबंध का निर्देश.
विस्मयादिबोधक – भेद का नाम.
इस प्रकार ‘पद – परिचय’ के अंतर्गत किसी पद का पूर्ण व्याकरणिक परिचय दिया जाता है.
उदाहरण –

1.हम अपने देश पर मर मिटेंगे.
हम – सर्वनाम, उत्तम पुरुष, बहुवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक.
अपने – सर्वनाम, निजवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, संबंधकारक, ‘देश’ से संबंध.
देश पर – संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, अधिकरण कारक.
मर मिटेंगे – अकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, बहुवचन, भविष्यतकाल, उत्तम पुरुष, अपूर्ण पक्ष, कर्तवाच्य, ‘हम’ कर्ता की क्रिया.
2.रमेश वहां दसवीं कक्षा में बैठा है.
रमेश
– संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक, ‘बैठा है’ क्रिया का कर्ता.
वहां – स्थानवाचक, क्रियाविशेषण, ‘बैठा है’ क्रिया का स्थान – निर्देश.
दसवीं – विशेषण, संख्यावाचक, क्रमसूचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य का विशेषण.
कक्षा में – संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, अधिकरणकारक, ‘बैठा’ क्रिया से संबंध.
बैठा है – अकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, एकवचन, अन्य पुरुष, पूर्णपक्ष, कर्तवाच्य रमेश कर्ता.
3.वह पत्र लिखता है.
वह
– अन्य पुरुष सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता ‘लिखता है’ क्रिया का कर्ता.
पत्र – जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एक वचन, कर्म कारक, ‘लिखता है’ क्रिया का कर्म.
लिखता है – सकर्मक क्रिया, कर्तवाच्य, पुल्लिंग, सामान्य वर्तमान काल, अन्य पुरुष, एकवचन, ‘वह’ सर्वनाम के अनुसार, कर्तरि प्रयोग, निश्चयार्थ.
4.वह किसे देखता है ?
वह –
पुरुषवाचक सर्वनाम, अन्य पुरुष, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक, ‘देखता है’ क्रिया का कर्ता.
किसे – प्रश्नवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग (या स्त्रीलिंग भी), एक वचन, कर्म कारक, ‘देखता है’ क्रिया का कर्म.
देखता है – सकर्मक क्रिया, कर्तवाच्य, पुल्लिंग, एकवचन, सामान्य वर्तमान काल, कर्ता ‘वह’ के अनुसार. कर्तरि प्रयोग, निश्चयार्थ.
5.यह छात्र बहुत चतुर है.
यह –
सार्वनामिक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, ‘छात्र’ विशेष्य का विशेषण.
छात्र – जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक, ‘है’ क्रिया का कर्ता.
बहुत – परिमाणवाचक विशेषण, ‘चतुर’ विशेषण का प्रविशेषण.
चतुर – गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, ‘लड़का’ विशेष्य.
है – अपूर्ण अकर्मक, अस्तित्वबोधक, कर्तवाच्य, ‘लड़का’ कर्ता की क्रिया.
6.मैं रोज सवेरे धीरे धीरे चलता हूं.
मैं –
पुरुषवाचक सर्वनाम, उत्तम पुरुष, एकवचन, कर्ता कारक, ‘चलता हूं’ क्रिया का कर्ता.
रोज सवेरे – कालवाचक क्रियाविशेषण, ‘चलता हूं’ क्रिया की विशेषता बताता है.
धीरे-धीरे – रीतिवाचक क्रियाविशेषण, ‘चलता हूं’ क्रिया की विशेषता बताता है.
चलता हूं – अकर्मक क्रिया, कर्तवाच्य, पुल्लिंग, एक वचन, सामान्य वर्तमान काल, ‘मैं’ कर्ता की क्रिया.
7.हम बाग में गए, परंतु वहां कोई आम न मिला.
हम
– पुरुषवाचक सर्वनाम, उत्तम पुरुष, पुल्लिंग, बहुवचन, ‘कर्ता कारक’, ‘गए’, क्रिया का कर्ता.
बाग में – जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, अधिकरण कारक.
गए – अकर्मक क्रिया, ‘जा’ धातु, पुल्लिंग, बहुवचन, भूतकाल, निश्चयार्थ, कृत वाच्य, कर्तरि प्रयोग, ‘हम’ सर्वनाम कर्ता की क्रिया.
परंतु – व्याधिकरण समुच्चयबोधक, दो वाक्यों को जोड़ता है.
वहां – स्थानवाचक क्रियाविशेषण, ‘गये’ क्रिया की विशेषता बताता है.
कोई – संख्यावाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, ‘आम’ विशेष्य.
आम – जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक.
– रीतिवाचक क्रियाविशेषण, निषेधात्मक, ‘मिला’ क्रिया की विशेषता बताता है.
मिला – सकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, एकवचन, ‘मिल’ धातु, भूतकाल, निश्चयार्थ, कर्तवाच्य, कर्तरि, प्रयोग.
8.जो अपनी बात को नहीं रखता, वह विश्वास के योग्य नहीं है.
जो
– संबंधवाचक सर्वनाम, अन्य पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक, ‘रखता है, क्रिया का कर्ता.
अपनी – सर्वनामिक विशेषण, ‘बात’ संज्ञा की विशेषता बताता है, स्त्रीलिंग, एकवचन.
बात को – भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक, ‘रखता’ क्रिया का कर्म.
नहीं – निषेधात्मक क्रियाविशेषण, ‘रखता’ क्रिया की विशेषता बताता है.
रखता – सकर्मक क्रिया, कर्तवाच्य, पुल्लिंग, एकवचन, वर्तमान काल, निश्चयार्थ प्रकार, ‘जो’ कर्ता और ‘बात’ इसका कर्म है, कर्तरि प्रयोग.
वह – निश्चयवाचक सर्वनाम, अन्य पुरुष, एकवचन, कर्ता कारक, ‘है’ क्रिया का कर्ता.
विश्वास के – भाववाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, संबंध कारक.
योग्य – गुणवाचक विशेषण, ‘वह’ विशेष्य.
नहीं – निषेधवाचक क्रियाविशेषण, ‘है’ क्रिया से संबंध है.
है – अपूर्ण क्रिया, पुल्लिंग, एकवचन, वर्तमान काल, कर्तवाच्य, ‘वह’ कर्ता की क्रिया.
9.अहा ! उपवन में सुंदर फूल खिले हैं.
अहा
– अव्यय, विस्मयादिबोधक, हर्षसूचक.
उपवन में – जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, अधिकरण कारक.
सुंदर – गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, बहुवचन, ‘फूल’ विशेष्य.
फूल – जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ताकारक, ‘खिले हैं’ क्रिया का कर्ता.
खिले हैं – अकर्मक क्रिया, बहुवचन, पुल्लिंग, कर्तवाच्य, कर्तरि प्रयोग.
10.शीत ऋतु में हिमालय क्षेत्र पूर्णतया बर्फ से ढक जाता है और वहां जनजीवन अस्त – व्यस्त हो जाता है.
शीत
– गुणवाचक विशेषण, ‘ऋतु’ संज्ञा विशेष्य, स्त्रीलिंग, एकवचन.
ऋतु में – जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, अधिकरण कारक.
हिमालय का – व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, संबंध कारक.
क्षेत्र – जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक, ‘ढक जाता है’ क्रिया का कर्ता.
पूर्णतया – रीतिवाचक क्रियाविशेषण, ‘ढक जाता है’ क्रियापद की विशेषता बताता है.
बर्फ से – जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, करण कारक.
ढक जाता है – अकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, एकवचन, वर्तमान काल, निश्चयार्थ प्रकार, कर्तरि प्रयोग, ‘क्षेत्र’ कर्ता की क्रिया.
और – समानाधिकरण, समुच्चयबोधक, दो वाक्यों को जोड़ता है.
वहाँ – स्थानवाचक क्रियाविशेषण, ‘हो जाता है’ क्रिया से संबंध.
जनजीवन – भाववाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक, ‘हो जाता है’ क्रिया का कर्ता.
अस्त-व्यस्त – रीतिवाचक क्रियाविशेषण, ‘हो जाता है’ क्रिया की विशेषता बताता है.
हो जाता है – अकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, एकवचन, निचश्यार्थ, वर्तमान काल, कर्तवाच्य, कर्तरि प्रयोग.
11.मैं पिछले साल उसे मुंबई में मिला था.
मैं
– पुरुषवाचक सर्वनाम (उत्तम पुरुष), पुल्लिंग, एकवचन, कर्ताकारक, (‘मिला था’ क्रिया का कर्ता)
पिछले – विशेषण (‘साल’ विशेष्य), पुल्लिंग, एकवचन.
साल – जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, अधिकरण कारक.
उसे – पुरुषवाचक सर्वनाम, (अन्य पुरुष) पुल्लिंग एवं स्त्रीलिंग दोनों में संभव, एकवचन, कर्म कारक.
मुंबई में – व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, अधिकरण कारक.
मिला था – सकर्मक क्रिया, पूर्ण भूतकाल, पुल्लिंग, एकवचन.
12.तुम्हारी पुस्तकें अस्त व्यस्त हैं.
तुम्हारी
– सार्वनामिक विशेषण (मध्यम पुरुष), स्त्रीलिंग, बहुवचन, ‘पुस्तक’ विशेष्य.
पुस्तकें – जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, बहुवचन, कर्ता कारक, ‘है’ क्रिया का कर्ता.
13.किसी प्रकार की दुष्टता उसे सत्य से विचलित नहीं कर सकी.
दुष्टता
– भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता, ‘विचलित’ क्रिया का कर्ता.
विचलित – अकर्मक क्रिया, कर्तवाच्य, ‘दुष्टता’ संज्ञा की क्रिया, पुल्लिंग, एकवचन, पूर्ण भूतकाल. ‘कर सकी’ सहायक क्रियाएं हैं.
14.भागकर जाओ और बाजार से कुछ तो लाओ.
भागकर
– पूर्वकालिक क्रिया, रीतिवाचक, क्रियाविशेषण.
जाओ – अकर्मक क्रिया, मध्यम पुरुष, ‘जा’ धातु, वर्तमान काल, कर्तवाच्य, कर्ता का लोप, आज्ञार्थ.
बाजार – जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, अपादान कारक.
कुछ – अनिश्चयवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक.
लाओ – सकर्मक क्रिया, मध्यम पुरुष, वर्तमान काल, कर्तवाच्य, कर्ता का लोप, ‘कुछ’ कर्म.
तो – निपात.
और – समुच्चयबोधक अव्यय.
15.वह विश्वास के योग्य नहीं है.
वह
– पुरुषवाचक सर्वनाम, अन्य पुरुष, एकवचन, उभयलिंगी, कर्ता कारक.
16. Bold Text पद – परिचय दीजिए.
एवरेस्ट संसार का सबसे ऊंचा शिखर है.
व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक, ‘है’ क्रिया का कर्ता.
वह कक्षा में सो जाता है.
पुरुषवाचक, सर्वनाम, अन्य पुरुष, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक.
विस्मय बाजार गया.
व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता, ‘गया’ क्रिया का कर्ता.
भूषण वीर रस के कवि थे.
संज्ञा, व्यक्तिवाचक, अन्य पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, (आदरार्थक बहुवचन), ‘थे’ क्रिया का कर्ता.
वह कल आएगा.
पुरुषवाचक सर्वनाम, अन्य पुरुष, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता, ‘आएगा’ क्रिया का कर्ता.
मैं दसवीं कक्षा में पढ़ता हूं.
मैं – पुरुषवाचक सर्वनाम, उत्तम पुरुष, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता, ‘पढ़ता हूं’ क्रिया का कर्ता.
दसवीं – संख्यावाचक विशेषण, क्रमसूचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य.
पढ़ता हूं – अकर्मक क्रिया, वर्तमान काल, पुल्लिंग, एकवचन, उत्तम पुरुष, ‘पढ़’ धातु, कर्तवाच्य, ‘मैं’ कर्ता.
वह अचानक दिखाई दिया.
वह – पुरुषवाचक सर्वनाम, अन्य पुरुष, एकवचन, ‘दिखाई दिया’ क्रिया का कर्ता, कर्तवाच्य.
अचानक – रीतिवाचक क्रियाविशेषण, ‘दिखाई दिया’ क्रिया.
यह पुस्तक किसकी है.
सार्वनामिक विशेषण, एकवचन, स्त्रीलिंग, पुस्तक विशेष्य.
•सोहनी सातवीं कक्षा में पढ़ती है.
संख्यावाचक विशेषण, क्रमसूचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य.
हम मनाली घूमने गए.
पुरुषवाचक सर्वनाम, मध्य पुरुष, बहुवचन, पुल्लिंग, ‘घूमने गए’ क्रिया का कर्ता.
दिल्ली भारत की राजधानी है.
व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन.
•वह पुस्तक पढ़ेगा.
सकर्मक क्रिया, एकवचन, पुल्लिंग, भविष्यतकाल, कर्तवाच्य.
•शिवा दूध पी रहा है.
जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्म कारक.

प्रयोग की विशिष्टता के कारण पद – परिचय में भिन्नता
वह – वह आया है (सर्वनाम)
वह आदमी मेरे साथ रहता है (विशेषण)
और – उधर और आ गए (संज्ञा)
और बच्चे कहां हैं ? (विशेषण)
थोड़ा और दो. (क्रियाविशेषण)
एक – एक भी योग्य नहीं है. (संज्ञा)
एक पुस्तक मुझे दो. (विशेषण)
मैं तेरे मुंह पर एक लगाउंगा. (क्रियाविशेषण)
कुछ – कुछ खाओ. (सर्वनाम)
कुछ लोग आ रहे हैं. (विशेषण)
वह बहुत कुछ बोल चुका है. (क्रियाविशेषण)
अच्छा – अच्छों को कौन नहीं चाहता ? (संज्ञा)
वह अच्छा लड़का है. (विशेषण)
श्याम बहुत अच्छा गाता है. (क्रियाविशेषण)
अच्छा ! चोर वही है. (विस्मयादिवोधक)
कम – कम ही सफल हो पाते हैं. (संज्ञा)
आज मुझे कम रोटी खानी चाहिए. (विशेषण)
कम बोलो. (क्रियाविशेषण)
बहुत – बहुतों से तो परिचय भी न हो सका. (संज्ञा)
बहुत फल खरीद लिए हैं. (विशेषण)
माला बहुत तेज भागती है. (क्रियाविशेषण)
आप – आप जाएं (मध्यमपुरुष सर्वनाम)
गांधी महान थे. आपका जन्म गुजरात में हुआ. (अन्य पुरुष सर्वनाम)
मैं आप वहां जाऊंगा. (निजवाचक सर्वनाम)
कारण – मुझे इसका कारण नहीं पता. (संज्ञा)
मुझे दर्द के कारण नींद नहीं आई. (संबंधबोधक अव्यय)
मैं बीमार हूं, इस कारण आ नहीं पाऊंगा. (समुच्चयबोधक अव्यय)
क्या – तुम क्या करोगे. (क्रियाविशेषण)
अब तुम क्या काम करोगे ? (विशेषण)
क्या ! उसने झूठ बोला. (विस्मयादिबोधक अव्यय)
क्या से क्या हो गया. (सर्वनाम)
डूबता – डूबते को कोई नहीं बचा पाया. (संज्ञा)
डूबते व्यक्ति को बचाना चाहिए. (विशेषण)
अधिक घमंडी अवश्य डूबता है. (क्रिया)
जो – जो भी प्रथम आएगा, पुरस्कार पाएगा. (सर्वनाम)
जो व्यक्ति जीता, वही प्रसन्न हुआ. (विशेषण)
मैंने नहीं देखा, जो बताया है. (क्रियाविशेषण)
वह ऐसा गधा नहीं है, जो तुम्हारी बात मान ले. (समुच्चयबोधक अव्यय)
चाहे – आपकी इच्छा है चाहे दिल्ली जाएँ या मुंबई. (समुच्चयबोधक)
मनुष्य चाहे तो सब कुछ कर सकता है. (क्रिया)
भला – भलों को सभी पूजते हैं. (संज्ञा)
वह भला आदमी है. (विशेषण)
आप आएँ भले न आएँ. (क्रियाविशेषण)
बुरा – बुरों की संगति से बचना कठिन है. (संज्ञा)
बुरा आदमी पाप ही करता है. (विशेषण)
उसने बहुत बुरा किया. (क्रियाविशेषण)
साथ – साथ अच्छा हो तो सब काम ठीक होते हैं. (संज्ञा)
वह मेरे साथ खेलेगा. (संबंधवाचक अव्यय)
उसे धमकाना तो जरूर साथ ही पीटना भी. (समुच्चयबोधक अव्यय)
कौन – कौन कहता है कि मनुष्य कमजोर है. (सर्वनाम)
वहां कौन जाएगा. (क्रियाविशेषण)
कौन लड़का शरारत कर रहा था ? (विशेषण)
जैसा – जैसा चाहोगे, वैसा ही होगा. (क्रियाविशेषण)
उसने जैसा काम किया, वैसा परिणाम हुआ. (विशेषण)
तुम जैसा कोई नहीं मिला. (सर्वनाम)
ठीक – ठीक को कौन गलत कहता है. (संज्ञा)
ठीक आदमी को कौन गलत कहता है ? (विशेषण)
तुमने बिल्कुल ठीक किया. (क्रियाविशेषण)
ठीक ! तुम्हारी बात बिल्कुल ठीक है. (विस्मयादिवोधक)
ऐसा – ऐसों को मैं चुटकी में ठीक कर सकता हूं. (सर्वनाम)
ऐसा काम कोई दुष्ट ही कर सकता है. (विशेषण)
क्या तुमने ऐसा किया ? (क्रियाविशेषण)
ऐसा ! यह तो जादू हो गया. (विस्मयादिबोधक)

Exercise-1

निम्नलिखित वाक्यों में पदों का परिचय दीजिए –
1.एवरेस्ट विश्व में सर्वोच्च शिखर है.
2.वह अचानक मेरे घर आ गया.
3.सुरेश सातवीं कक्षा में पढ़ रहा है.
4.मैं आपकी पुस्तकें पढ़ना चाहता हूं.
5.वाह ! क्या ही सुंदर उपवन है.
6.सुशील के घर पर आज कोई नहीं है.
7.पौधों पर सुंदर फूल खिले हैं.
8.आजकल तो हिमालय पूर्णतया बर्फ से ढका होगा.
9.तुम कल कहां गए थे.
10.बच्चों को खेलने शाम को ही भेजा करो.
11.वे विद्यालय गए परंतु वहां अवकाश था.
12.सुरेश वहां नौकरी करता है.
13.रवि ने काला कोट पहना है.
14.मेरे घर के सामने मंदिर है.
15.हम सुरेश के घर गए परंतु वे वहां नहीं मिले.
16.जो अपना सामान नहीं संभालता, वह पछताता है.
17.रमेश वहाँ आठवीं कक्षा में बैठा है.
18.वह प्रातः काल तेज चाल से चलता है.
19.ब्राह्मण वेद का पाठ कर रहे हैं.
20.परिश्रमी छात्र सदा सफल होते हैं.
21.वह पेड़ के नीचे बैठा है.
22.गंगा हिमालय से निकलती है.
23.वे अपने देश पर मर मिटे.
24.वीर लोग देश पर प्राण न्योंछावर कर देते हैं.
25.तुम अपने परिवार की मर्यादा बनाए रखो.
26.सुधा अपनी माताजी को पत्र लिखती है.
27.हम – तुम तो इतना भी नहीं जानते कि कुटुंब का पालन कैसे किया जाता है.
28. बीमारी तो बड़ी चीज है. यहां तो रोजमर्रा के खर्चे चलाना भी मुश्किल है.
29. सुरेश, यदि मैं बीमार हो जाऊं तो घर की व्यवस्था रुक जाएगी.
30.यदि हम सातों समुद्रों की स्याही बनाएं और सभी वनों के वृक्षों से कलमें बनाएं और पूरी धरती कागज हो तो भी गुरु के गुणों को लिखा नहीं जा सकता.
31.जहां तक कब्जा हो चुका है, उसमें से कुछ जमीन हमें लौटा दी जाए, ताकि हमें लगे, कि हमारी भावना का सम्मान किया गया.
32.असली परीक्षा अब थी. जो दायित्व मुझे सौंपा गया था, उसके लिए मैं सक्षम हूं, उसको लेकर गहरा संदेह मेरे भीतर था.
33. वृद्ध डॉक्टर ने फार्मूला दिया और मैंने सभी के सामने इस तरह रखा जैसे कि वह पंचायत का फैसला हो.
34. जिलाधिकारी की पहल पर ही इलाके के कुछ प्रमुख लोगों को बुलाया गया, जिसमें महाविद्यालय का प्रिंसिपल होने के नाते मैं भी शामिल था.
35. कब्रिस्तान की भूमि को लेकर छोटे-मोटे तनाव होते हैं. एक ऐसे ही अवसर पर मुझे पंचायत में शामिल होना पड़ा.
36. पिताजी कल ही तीर्थ यात्रा पर गए.
37. घर पहुंचते ही उसे श्याम मिला.
38. थोड़ा खाओ, नहीं तो बीमार पड़ जाओगे.
39.मैं स्वयं चला जाऊंगा.
40. आप आगे चलिए.
41. यह कमीज मेरे छोटे भाई की है.
42. अपने गांव की मिट्टी छूने के लिए मैं तरस गया.
43. सुरभि विद्यालय से अभी – अभी आई है.
44. उसने मेरी बातें ध्यानपूर्वक सुनीं.
45. शाबाश ! तुमने बहुत अच्छा काम किया.
46. वहां दस छात्र बैठे हैं.
47. परिश्रम के बिना सफलता नहीं मिलती.
48. उस गमले में दो गुलाब खिले हैं.
49. सौम्या बगीचे के सामने बैठी है.
50. अविनाश दुकान से गर्म पूड़ियाँ लाया है.
51. वर्षा के बाद धीरे-धीरे हरियाली बढ़ने लगी.
52. राम कहानी पढ़ता है.
53. नेताजी की उस मूर्ति पर टूटा चश्मा लगा था.

उत्तर –
1.संज्ञा, व्यक्तिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक.
2.क्रियाविशेषण, रीतिवाचक, ‘आना’ क्रिया.
3.विशेषण, संख्यावाचक, क्रमसूचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य.
4.पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक.
5.विस्मयादिबोधक अव्यय, हर्षबोधक.
6.क्रियाविशेषण, निषेधात्मक, ‘है’ क्रिया.
7.संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्म कारक.
8.क्रियाविशेषण, परिमाणवाचक, ‘ढका’ क्रिया.
9.सर्वनाम, पुरुषवाचक, मध्यमपुरुष, पुल्लिंग, बहुवचन.
10.क्रियाविशेषण, ‘भेजना’ क्रिया, कालवाचक.
11.समुच्चयबोधक, दो वाक्यों को जोड़ता है.
12.क्रिया विशेषण, स्थानवाचक.
13.कर्ता कारक, संज्ञा, व्यक्तिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, ‘पहना है’ क्रिया.
विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, ‘कोट’ विशेष्य.
14.संबंधबोधक अव्यय.
15.व्यधिकरण समुच्चयबोधक.
16.संबंधवाचक सर्वनाम, अन्य पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक.
17.विशेषण, संख्यावाचक, क्रमसूचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य.
18.क्रियाविशेषण, रीतिवाचक.
19.संज्ञा, जातिवाचक, बहुवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक.
20.विशेषण, गुणवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, ‘छात्र’ विशेष्य.
21.संबंधबोधक अव्यय.
22.संज्ञा, व्यक्तिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक.
23.सर्वनाम, अन्य पुरुषवाचक, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता कारक.
24.जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, अधिकरण कारक.
25.विशेषण, सार्वनामिक, ‘परिवार’ विशेष्य.
26.जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक.
27.हम – सर्वनाम, उत्तमपुरुष, बहुवचन, कर्ता कारक, ‘जानते’ क्रिया का कर्ता.
भी – निपात.
नहीं – क्रियाविशेषण, निषेधवाचक, ‘जानते’ क्रिया से संबंध.
कुटुंब – संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, कर्ता कारक.
28.बीमारी – संज्ञा, जातिवाचक, कर्ता कारक, स्त्रीलिंग, एकवचन.
है – क्रिया, वर्तमान काल, अकर्मक.
यहां – क्रियाविशेषण, स्थानवाचक.
भी – निपात.
29.सुरेश – संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, संबोधन कारक.
मैं – सर्वनाम, उत्तमपुरुष, व्यक्तिवाचक, कर्ता कारक.
घर की – जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, संबंध कारक.
रुक जाएगी – क्रिया, अकर्मक, भविष्यकालिक, एकवचन, स्त्रीलिंग, ‘व्यवस्था’ कर्ता.
30.हम – सर्वनाम, उत्तमपुरुष, बहुवचन, कर्ता कारक.
समुद्रों की – संज्ञा, जातिवाचक, बहुवचन, पुल्लिंग, संबंध कारक.
और – अव्यय, समुच्चयबोधक, समानाधिकरण, दो वाक्यों को जोड़ता है.
पूरी – विशेषण, परिमाणवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘धरती’ विशेष्य.
31.जहां तक – क्रियाविशेषण, स्थानवाचक.
कुछ – विशेषण, सार्वनामिक, ‘जमीन’ विशेष्य.
हमें – सर्वनाम, उत्तम पुरुष, बहुवचन, कर्म कारक.
भावना – भाववाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, कर्ता कारक.
32.अब – क्रियाविशेषण, कालवाचक.
दायित्व – भाववाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्म कारक.
मैं – सर्वनाम, उत्तम पुरुष, एकवचन, कर्ताकारक.
गहरा – विशेषण, परिमाणवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, ‘संदेह’ विशेष्य.
33.वृद्ध – विशेषण, गुणवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, ‘डॉक्टर’ विशेष्य.
मैंने – सर्वनाम, उत्तम पुरुष, एकवचन, कर्ता कारक.
इस तरह – क्रियाविशेषण, रीतिवाचक.
हो – क्रिया, संभावनार्थ.
34.जिलाधिकारी – संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक.
प्रमुख – विशेषण, गुणवाचक, बहुवचन, पुल्लिंग, ‘लोगों’ विशेष्य.
बुलाया गया – क्रिया, पूर्ण भूतकालिक, सकर्मक, ‘लोगों को’ कर्म.
मैं – सर्वनाम, उत्तमपुरुष, एकवचन, कर्ता कारक.
35.कब्रिस्तान की – संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, संबंध कारक.
छोटे-मोटे – विशेषण, गुणवाचक, बहुवचन, ‘तनाव’ विशेष्य.
होते हैं – क्रिया, अपूर्ण वर्तमानकालिक.
मुझे – सर्वनाम, उत्तमपुरुष, एकवचन, कर्ता कारक.
36.गए – क्रिया, अकर्मक, पूर्ण भूतकालिक, कर्तवाच्य.
37.मिला – क्रिया, पूर्ण भूतकालिक, अकर्मक.
38.थोड़ा – क्रियाविशेषण, परिमाणवाचक.
39.स्वयं – सर्वनाम, निजवाचक, एकवचन, पुल्लिंग.
40.आगे – क्रिया विशेषण, स्थानवाचक.
41.यह – विशेषण, सार्वनामिक, ‘कमीज़’ विशेष्य.
42.गांव की – संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, संबंध कारक, ‘मिट्टी से’ संबंध.
मैं – सर्वनाम, उत्तमपुरुष, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक.
तरस गया – क्रिया, अकर्मक, भूतकाल, एकवचन, पुल्लिंग, संयुक्त क्रिया, ‘मैं’ कर्ता से संबंध.
43.विद्यालय से – संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, अपादान कारक.
44.ध्यानपूर्वक – क्रियाविशेषण, रीतिवाचक.
45.तुमने – सर्वनाम, मध्यमपुरुष, उभय लिंगी, कर्ता कारक, ‘काम’ करने से संबंध.
46.दस – विशेषण, संख्यावाचक, ‘छात्र’ विशेष्य, बहुवचन, पुल्लिंग.
47.के बिना – संबंधबोधक अव्यय.
48.उस – विशेषण, सार्वनामिक, ‘गमले’ विशेष्य, एकवचन, पुल्लिंग.
49.बगीचे – संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, अधिकरण कारक.
50.अविनाश – संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक, ‘लाया है’ क्रिया का कर्ता.
51.धीरे-धीरे – क्रियाविशेषण, रीतिवाचक.
52.पढ़ता है – क्रिया, वर्तमानकालिक, सकर्मक, ‘कहानी’ कर्म, एकवचन, पुल्लिंग, ‘राम’ कर्ता से संबंध.
53.नेताजी की – संज्ञा, व्यक्तिवाचक (जातिवाचक प्रयोग), एकवचन, पुल्लिंग, संबंध कारक, ‘मूर्ति’ से संबंध.
उस – विशेषण, सार्वनामिक, अन्य पुरुष, ‘मूर्ति’ विशेष्य, एकवचन, पुल्लिंग. चश्मा – संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, कर्म कारक.
लगा था – क्रिया, सकर्मक, भूतकाल, एकवचन, पुल्लिंग.

Exercise-2

निम्नलिखित वाक्यों में मोटे काले पदों का परिचय दीजिए
1.महकता गुलाब किसे नहीं सुहाता.
2.योग्य पिता की संतान भी योग्य होती है.
3.निर्धन व्यक्ति कठोर परिश्रम कर रहा है.
4.वह बाजार से गर्म पूड़ियाँ ला रहा है.
5.मैंने एक लड़ाकू विमान देखा.
6.मुझे बार-बार घर की याद आती है.
7.आनंदन बहुत भाग्यशाली है.
8.तमिल बहुत प्राचीन भाषा है.
9.मैं कल बनारस जाऊंगा.
10.शेर जंगली जानवर है.
11.मेरे दरवाजे पर कोई खड़ा है.
12.तुम तो मेधावी छात्र हो.
13.कामिनी प्रसिद्ध नृत्यांगना है.
14.अरे वाह ! तुम भी खाना बना सकती हो.
15.धीरे-धीरे कुछ लोग हमारी ओर आ गए.
16.जो अपनी बात को छिपाते हैं, वे विश्वास के योग्य नहीं होते.