NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter – 13 गीत – अगीत

By | March 5, 2021
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NCERT Solutions for Class 9 Hindi sparsh Chapter 13 गीत – अगीत यहाँ सरल शब्दों में दिया जा रहा है|  NCERT Hindi book for class 9 Sparsh Solutions के Chapter 13 गीत – अगीत को आसानी से समझ में आने के लिए हमने प्रश्नों के उत्तरों को इस प्रकार लिखा है की कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक बात कही जा सके| इस पेज में आपको NCERT solutions for class 9 hindi Sparsh दिया जा रहा है|

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 13 गीत अगीत

प्रश्न अभ्यास

1.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

() नदी का किनारों से कुछ कहते हुए बह जाने पर गुलाब क्या सोच रहा है? इससे संबंधित पंक्तियों को लिखिए।

उत्तर:- तट पर गुलाब सोचता

“देते स्वर यदि मुझे विधाता,

अपने पतझर के सपनों का

मैं भी जग को गीत सुनाता”

() जब शुक गाता है, तो शुकी के हृदय पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर:- जब शुक गाता है तो शुकी का ह्रदय प्रसन्नता से फूल जाता है। वह उसके प्रेम में मग्न हो जाती है। शुकी के ह्रदय में भी गीत उमड़ता है, पर वह स्नेह में सनकर ही रह जाता है। शुकी अपने गीत को अभिव्यक्त नहीं कर पाती वह शुक के प्रेम में डूब जाती है पर गीत गाकर उत्तर नहीं दे पाती है।

() प्रेमी जब गीत गाता है, तब प्रेमिका की क्या इच्छा होती है?

उत्तर:- संध्या के समय जब प्रेमी गीत गाता है, तब उसका पहला स्वर ही प्रेमिका को उसके घर से खींच लाता है और वह छुपकर उसका गीत सुनती है। प्रेमी जब गीत गाता है,  तब प्रेमिका की इच्छा यह होती है कि वह भी गीत की कड़ी का हिस्सा बन जाए।

() प्रथम छंद में वर्णित प्रकृतिचित्रण को लिखिए।

उत्तर:- प्रथम छंद में कवि ने तेज गति से बहती हुई नदी का वर्णन किया है, जो किनारों से टकराते हुए शोर कर रही है। उसका यह शोर ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो वह दुःखी होकर विरह का गीत गा रही है और किनारों को सुना रही है। वही किनारे पर चुपचाप खड़ा गुलाब का फूल लहराता हुआ ऐसा लग रहा है मानो वह कह रहा हो कि काश! भगवान ने उसे भी अपना विरह-गीत गाने के लिए स्वर दिया होता।

() प्रकृति के साथ पशुपक्षियों के सम्बन्ध की व्याख्या कीजिए।

उत्तर:-प्रकृति के साथ पशु-पक्षियों का बहुत गहरा संबंध है, जिसकी व्याख्या करना बहुत ही मुश्किल है। पशु-पक्षी प्रकृति के बिना जीवित नहीं रह सकते तथा प्रकृति के बिना मनुष्य भी जीवित नहीं रह सकते। प्रकृति ही उन्हें आवास प्रदान करती है और भोजन प्रदान करती है और प्रकृति सभी जीव-जंतु और मनुष्य को ऑक्सीजन प्रदान करती है।

() मनुष्य को प्रकृति किस रूप में आंदोलित करती है? अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर:- मनुष्य को प्रकृति अनेक रूपों में आंदोलित करती है। मनुष्य का प्रकृति के साथ गहरा रिश्ता है। प्रकृति का आलंबन रूप उसे भाता है तो प्रकृति का उद्दीपन रूप उसके भावों को गतिमान बनाता है। प्रकृति उसे शिक्षक के रूप में सिखाती है। मनुष्य प्रकृति को देखकर बहुत खुश होता है। नदियाँ, झरने, वृक्ष, पशु-पक्षी, पर्वत आदि और उनके स्वर सभी कुछ अद्भुत और सुन्दर लगते हैं। मनुष्य उससे केवल खुश ही नहीं होता, उससे शिक्षा भी लेता है।

() सभी कुछ गीत, अगीत कुछ नहीं होता। कुछ अगीत भी होता है क्या? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:- गीत-अगीत, दोनों ही प्रेम की कारण मन में उठनेवाले भावों से संबंध रखते है। मनुष्य के मन में उत्पन्न होने वाले जिन भावों को स्वर मिल जाता है, वे गीत बन जाते हैं और जिनको स्वर नहीं मिल पाता, वे अगीत बन जाते हैं। दोनों में सिर्फ स्वर का फर्क होता है, लेकिन इस कारण हम अगीत के महत्व को नहीं नकार सकते; क्योंकि गीत-अगीत का होना मनुष्य की परिस्थितियों पर निर्भर करता है। अभिव्यक्त न होने के बावजूद भी अगीत अपने-आप में पूर्ण है और इसकी अनुभूति गाए जा सकने वाले गीतों से कहीं ऊपर होती है।

() गीतअगीतके केन्द्रीय भाव को लिखिए।

उत्तर:-‘गीत अगीत’ के केंद्रीय भाव कुछ इस प्रकार हैं :-

गीत और अगीत कविता में छुपी हुई भावना और भावना के बारे में बात की गई है तथा बीच में तुलना की गई है। तुलना करने के लिए इसमें कवि ने प्रकृति का सहारा लिया है। यह तुलना प्रकृति में छुपे अनेक सुख सौंदर्य के साथ कवि ने की हैं।  इस कविता ने कवि ने नदी के गाने की तुलना गुलाब की चुप्पी से की है तथा शुक्र के गाने की तुलना सुकरी के मोन से की है। इस तरह से इस कविता में गीत और अगीत के माध्यम से प्रकृति का बड़ा ही मनोहारी वर्णन है।

इस पेज में आपको NCERT solutions for class 9 hindi Sparsh दिया जा रहा है| हिंदी स्पर्श के दो भाग हैं | Hindi Sparsh स्पर्श भाग 1 सीबीएसई बोर्ड द्वारा class 9th के लिए निर्धारित किया गया है | इस पेज की खासियत ये है कि आप यहाँ पर ncert solutions for class 9 hindi Sparsh pdf download भी कर सकते हैं| we expect that the given class 9 hindi Sparsh solution will be immensely useful to you.

2.संदर्भसहित व्याख्या कीजिए

() अपने पतझर के सपनों का

मैं भी जग को गीत सुनाता

उत्तर:- संदर्भ प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ पाठ्यपुस्तक स्पर्श भाग – 1 में संकलित कविता ‘गीत-अगीत’ से ली गई है, जिसके कवि रामधारी सिंह दिनकर है।

व्याख्याअपने पतझर के सपनों का मैं भी जग को गीत सुनाता :-  इस संदर्भ का यह आशा है कि जब नदी गीत गाते हुए बह रही होती है तथा किनारों से बात कर रही होती है। तब किनारे का एक गुलाब उनकी बातें चुपचाप सुन रहा होता है, और यह सोच रहा होता है काश भगवान ने मेरे को भी बोलने की क्षमता दी होती और मैं भी दुनिया को अपने सपनों के बारे में गा-गाकर सुनाता।

() गाता शुक जब किरण वसंती

छूती अंग पर्ण से छनकर

उत्तर:- संदर्भ प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ पाठ्यपुस्तक स्पर्श भाग – 1 में संकलित कविता ‘गीत-अगीत’ से ली गई है, जिसके कवि रामधारी सिंह दिनकर है।

व्याख्या कवि इसमें शुक पर प्रकृति के प्रभाव को दर्शाते हुए कहता है मनुष्य ही नहीं पशु-पक्षी भी प्राकृतिक सौंदर्य से चहचहाने लगते हैं। जब सूर्य की प्रातः कालीन किरण शक के अंगों को छूती है तो वह मधुर स्वर से गाने लगता है, किंतु शुकी का स्वर स्नेह में ही भीगकर रह जाता है वह अपने भावों को गीत के माध्यम से व्यक्त नहीं कर पाती।

() हुई न क्यों मैं कड़ी गीत की

बिधना यों मन में गुनती है

उत्तर:- संदर्भ प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ पाठ्यपुस्तक स्पर्श भाग – 1 में संकलित कविता ‘गीत-अगीत’ से ली गई है, जिसके कवि रामधारी सिंह दिनकर है।

व्याख्या मानवीय प्रेम की अभिव्यक्ति प्राकृतिक सौंदर्य का ही हिस्सा है। प्रेमी का गाया हुआ गीत प्रेमिका के हृदय तक पहुँच जाता है। तभी वह सोचती है कि हे ईश्वर! वह प्रेमी के गीत की कड़ी क्यों नहीं बनी। इस प्रकार वह मन-ही-मन सोचने लगती है। उसके शब्द गीत की ध्वनि को सुनकर वह खिंची चली आती है; पर वह गा नहीं पाती।

3.निम्नलिखित उदाहारण में वाक्यविचलनको समझने का प्रयास कीजिए। इसी आधार पर प्रचलित वाक्य विन्यास लिखिए

उदाहारण तट पर गुलाब सोचता

एक गुलाब तट पर सोचता है।

1.देते स्वर यदि मुझे विधाता

2. बैठा शुक उस घनी डाल पर

3. गूंज रहा शुक का स्वर वन में

4. हुई न क्यों मैं कड़ी गीत की

5. शुकी बैठ अंडे है सेती

उत्तर:-1. यदि विधाता मुझे स्वर देते|

2. उस घनी डाल पर बैठा हुआ शुक।

3. वन में शुक का स्वर गूंज रहा।

4. मैं गीत की कड़ी क्यों नहीं हुई।

5. सुखी बैठकर अंडे देती है।

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