NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 3 दोहे

By | June 4, 2022
NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 3 दोहे

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 3 – दोहे यहाँ सरल शब्दों में दिया जा रहा है|  NCERT Hindi book for Class 10 Sparsh Solutions के Chapter 3 – दोहे को आसानी से समझ में आने के लिए हमने प्रश्नों के उत्तरों को इस प्रकार लिखा है की कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक बात कही जा सके| इस पेज में आपको NCERT solutions for Class 10 hindi Sparsh दिया जा रहा है|

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 3 दोहे

प्रश्न अभ्यास

() निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

1.छाया भी कब छाया ढूँढ़ने लगती है?

उत्तर:- जेठ के महीने में धूप इतनी तेज होती है कि सिर पर आने लगती है जिससे छाया छोटी होती जाती है। इसलिए कवि का कहना है कि जेठ की दुपहरी की भीषण गर्मी में छाया भी छाया ढूँढ़ने लगती है।

2. बिहारी की नायिका यह क्यों कहती है ‘कहिहै सबु तेरौ हियौ, मेरे हिय की’? बातस्पष्ट कीजिए।

उत्तर:- बिहारी की जो नायिका है वह लोक, लाज व शर्म के मारे डर के कारण अपने मन की बात नायक को नहीं बता पा रही है वह नायक को एक कागज में लिखकर अपना दु:ख बताना चाहती है परन्तु दुख अर्थात विरह की वेदना इतनी अधिक है कि उसकी आंखों से आसू बहते ही जा रहे है और पूरा शरीर डर के कारण कांप रहा है जिसके कारण वह कागज में कुछ भी नहीं लिख पा रही है। इसलिए नायिका, नायक से कहती है कि तुम्हारा मन ही मेरी सारे दुखों को बता देगा।

3. सच्चे मन में राम बसते हैंदोहे के संदर्भानुसार स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:- प्रस्तुत कविता में कवि बिहारी ने कहा है कि माला जपने, पीले वस्त्र धारण करने, तिलक लगाने- जैसे विभिन्न आडंबरों से ईश्वर की प्राप्ति नहीं की जा सकती; क्योंकि ईश्वर कांच के समान क्षणिक मन में कभी वास नहीं करते। ईश्वर ऐसे सच्चे मन में वास करते हैं, जो छल, कपट, लोभ, अहंकार, ईर्ष्या, द्वेष, आदि से मुक्त हो और साफ व निर्मल हो।

4. गोपियाँ श्रीकृष्ण की बाँसुरी क्यों छिपा लेती हैं?

उत्तर:- कृष्ण जी को अपनी बाँसुरी बहुत प्रिय है। वे उसे बजाते ही रहते हैं। गोपियाँ उनसे बातें करना चाहती हैं। वे कृष्ण को रिझाना चाहती हैं। उनका ध्यान अपनी और आकर्षित करने के लिए मुरली छिपा देती हैं।

We hope you are enjoying the NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 3दोहे

5. बिहारी कवि ने सभी की उपस्थिति में भी कैसे बात की जा सकती है, इसका वर्णन किस प्रकार किया है? अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर:- बिहारी कवि ने सभी की उपस्थिति में भी आंखों, इशारों और संकेतों से होने वाली वार्ता का वर्णन किया है। भरे भवन में नायक नायिका को मिलने का इशारा करता है, नायिका मना करती है, नायक उसे इशारों से ही रीझाने और मनाने का प्रयास करता है, जिससे नायिका खीज उठती है। दोनों के नयन आपस में मिलते है, जिससे नायिका शरमा जाती है और नायक प्रसन्न हो उठता है।

() निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए

1.मनौ नीलमनीसैल पर आतपु पर्यौ प्रभात।

उत्तर:-प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि बिहारी के दोहे से उद्धृत हैं |इन पंक्तियों के माध्यम से कवि बिहारी श्रीकृष्ण के सौंदर्य का वर्णन करते हुए कहते हैं कि पीले वस्त्र में सुसज्जित साँवले-सलोने श्रीकृष्ण ऐसे सुशोभित हो रहे हैं, मानो नीलमणि पर्वत पर सुबह-सुबह सूर्य की किरणें पड़ रही हों |

2. जगतु तपोबन सौ कियौ दीरघदाघ निदाघ।

उत्तर:- प्रस्तुत पंक्ति के द्वारा कवि कहना चाहता है कि ग्रीष्म ऋतु की प्रचंड गर्मी और तप में पूरा वन तपोवन जैसा प्रतीत होता है। सांप व मोर और हिरण व शेर एक-दूसरे के शत्रु है, लेकिन जेठ की भयानक गर्मी में अपनी सारी दुश्मनी भूलकर ये सभी साथ में रहते है। ऐसा प्रतीत होता है, मानो सूरज के तप में तपकर ये सभी तपस्वी बन गए हों।

This content has been designed by the experts keeping in mind the exam score.  Go through NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 3 दोहे and add highest value to your studies.

3. जपमाला, छापैं, तिलक सरै न एकौ कामु।

मनकाँचै नाचै बृथा, साँचै राँचै रामु।।

उत्तर:- प्रस्तुत पंक्तियों द्वारा कवि ने विभिन्न आडंबरों का खंडन करके ईश्वर की सच्ची भक्ति करने पर बल दिया है। बिहारी का मानना है कि बाहरी आडम्बरों से ईश्वर नहीं मिलते। माला फेरने, हल्दी चंदन का तिलक लगाने या छापै लगाने से एक भी काम नहीं बनता। कच्चे मन वालों का हृदय डोलता रहता है। वे ही ऐसा करते हैं लेकिन राम तो सच्चे मन से याद करने वाले के हृदय में रहते हैं।कवि के अनुसार माला जपने, पीले वस्त्र धारण करने, माथे पर तिलक लगाने- जैसे दिखावे करने से कुछ प्राप्त नहीं होता। कांच के सामान क्षणभंगुर मन वाले व्यक्ति जिनका हृदय अस्थिर होता है, वे यह सभी आडंबर करके व झूठा प्रदर्शन करके दुनिया को धोखा दे सकते है, परन्तु ईश्वर तो उन्हीं लोगों के साफ और सच्चे मन में बसते हैं, जिनका मन अहंकार, छल, कपट, मोह-माया, जैसे विकारों से मुक्त होता है और जो ईश्वर का सच्चे मन से ध्यान करते है।