NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 3 सवैया और कवित्त

By | June 3, 2022
NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 3 सवैया और कवित्त

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 3 सवैया और कवित्त यहाँ सरल शब्दों में दिया जा रहा है.  Class 10 Hindi Kshitij Chapter 3 Question Answer को आसानी से समझ में आने के लिए हमने प्रश्नों के उत्तरों को इस प्रकार लिखा है की कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक बात कही जा सके.

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 3 सवैया और कवित्त

प्रश्न–अभ्यास

1.कवि ने ‘श्रीब्रजदूलह’ किसके लिए प्रयुक्त किया है और उन्हें संसार रुपी मंदिर का कपक क्यो कहा है?

उत्तर कवि ने ‘श्रीब्रजदूलह’ किसके लिए प्रयुक्त किया है और उन्हें संसार रूपी मंदिर का दीपक क्यों कहा है, कवि ने ‘श्रीब्रजदूलह’ श्री कृष्ण के लिए प्रयुक्त किया है और उन्हें संसार रूपी मंदिर का दीपक इसलिए कहा है, क्योंकि श्री कृष्ण मंदिर के दीपक के समान अपने तेज़ से संसार रूपी मंदिर में प्रकाश भरते हैं उनके ज्ञान रूपी प्रकाश से मार्ग-दर्शन पाकर ही सांसारिक लोग कर्मपथ पर अग्रसर होते हैं। जिस तरह एक दीपक पूरे मंदिर को रोशन कर देता है उसी तरह कृष्ण पूरे संसार को रोशन कर देते हैं। इसलिए उन्हें संसार रूपी मंदिर का दीपक कहा गया है।

2. पहले सवैये में से उन पंक्तियों को छाँटकर लिखिए जिनमे अनुप्रास और रूपक अलंकार का प्रयोग हुआ है?

उत्तरअनुप्रास अलंकार –

कटि किंकिनि कै धुनि की मधुराई ।

साँवरे अंग लसै पट पीत।

हिये हुलसै बनमाल सुहाई।

रूपक अंलकार –

जै जग-मंदिर दीपक सुंदर।

मंद हँसी मुखचंद्र जुंहाई ।

3. निग्नलिखित पंक्तियों का काव्य सौंन्दर्यं स्पष्ट कीजिए।

पाँयानि नूपुर मंजु बजै, कटि किकिनि कै धुवि की मधुराई। साँवरे अंग लसै पट पीत, हिये हुलसै बनमाल सुहाई।

उत्तरइन पंक्तियों में श्रीकृष्ण के अंगो एवं वस्त्रो, आभूषणो की सुंदरता को परिभाषित किया गया है।

भाव – श्रीकृष्ण के पाँवो मे जो पायल है उससे बड़ी ही मोहित करने वाली ध्वनि आ रही है। कृष्ण के कमर की करधनि भी मधुर आवाज कर रही है तथा मनमोह रही है। नंदलाल के साँवले शरीर पर पीला वस्त्र सज रहा है तथा उनके गले में विराजमान बनमाला की सुंदरता भी अध्दभुत है।

काव्य सुंदरता – ब्रजभाषा का सुंदर प्रयोग। तत्सम शब्दो को प्रयोग। पंक्तियो मे लयबद्धता व संगीतात्मकता का सराहनीय प्रयोग। अलंकारो के प्रयोग से भाषा की बढ़ती सुंदरता।

4. दूसरे कवित्त के आधार पर स्पष्ट करें कि ऋतुराज वसंत के बालरुप का वर्णन परंपरागत वसंत वर्णन से किस प्रकार भिन्न है।

उत्तर दूसरे कवियों द्वारा ऋतुराज वसंत को कामदेव मानने की परंपरा रही है परन्तु देवदत्त जी ने ऋतुराज वसंत को कामदेव का पुत्र मानकर एक बालक राजकुमार के रुप में चित्रित किया है।

2. दूसरे कवियों ने जहाँ वसन्त के मादक रुप को सराहा है और समस्त प्रकृति को कामदेव की मादकता से प्रभावित दिखाया है। इसके विपरीत देवदत्त जी ने इसे एक बालक के रुप में चित्रित कर परंपरागत रीति से भिन्न जाकर कुछ अलग किया है।

3. वसंत के परंपरागत वर्णन में फूलों का खिलना, ठंडी हवाओं का चलना, नायक-नायिका का मिलना, झूले झुलना आदि होता था। परन्तु इसके विपरीत देवदत्त जी ने यहाँ प्रकृति का चित्रण, ममतामयी माँ के रुप में किया है। कवि देव ने समस्त प्राकृतिक उपादानों को बालक वसंत के लालन-पालन में सहायक बताया है।

इस आधार पर कहा जा सकता है कि ऋतुराज वसंत के बाल-रूप का वर्णन परंपरागत बसंत वर्णन से सर्वथा भिन्न है।

We hope you are enjoying the NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 3 सवैया और कवित्त

5. ‘प्रातहि जगावत ग् मुलाब चटकारी दे’ इन पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए।

उत्तर इन पंक्तियो मे कवि कहते है कि प्रातःकाल बालक वसंत को गुलाब चुटकी बजाकर उठाते है। आशय यह है कि वसंत आने पर प्रातः ही चारो ओर गुलाब खिल जाते है।

6. चाँदनी रात की सुंदरता को कवि ने किनकिन रूपों मे देखा है?

उत्तर कवि चाँदनी रात की सुंदरता को निम्नलिखित रूपों मे देखते है

कवि देव ने आकाश में फैली चाँदनी को स्फटिक (क्रिस्टल) नामक शिला से निकलने वाली दुधिया रोशनी के समतुल्य बताकर उसे संसार रुपी मंदिर पर छितराते हुए देखा है। कवि देव की नज़रें जहाँ तक जाती हैं उन्हें वहाँ तक बस चाँदनी ही चाँदनी नज़र आती है। यूँ प्रतीत होता है मानों धरती पर दही का समुद्र हिलोरे ले रहा हो।उन्होंने चाँदनी की रंगत को फ़र्श पर फ़ैले दूध के झाग़ के समान तथा उसकी स्वच्छ्ता को दूध के बुलबुले के समान झीना और पारदर्शी बताया है।

7. ‘प्यारी राधिका को प्रतिबिंब सो लागत चाँदइन पंक्तियों का भाव स्पष्ट करते हुए बताए कि इसमे कौन सा अलंकार है?

उत्तरभाव: कवि अपने कल्पना में आकाश को एक दर्पण के रूप में प्रस्तुत किया है और आकाश में चमकता हुआ चन्द्रमा उन्हें प्यारी राधिका के प्रतिबिम्ब के समान प्रतीत हो रहा है। कवि के कहने का आशय यह है कि चाँदनी रात में चन्द्रमा भी दिव्य स्वरुप वाला दिखाई दे रहा है।

अलंकार: यहाँ चाँद के सौन्दर्य की उपमा राधा के सौन्दर्य से नहीं की गई है बल्कि चाँद को राधा से हीन बताया गया है, इसलिए यहाँ व्यतिरेक अलंकार है, उपमा अलंकार नहीं है।

8. कवित्त के आधार पर बताइए कि कवि ने चाँदनी रात की उज्जवलता का वर्णन करने के लिए किनकिन उपमानो का प्रयोग किया है?

उत्तर–  कवि ने चाँदनी रात की उज्जवलता का वर्णन करने के लिए निम्नलिखित उपमानों का वर्णन किया है

  • दही के समुद्र का।
  • दूध के झाग का।
  • मोतियो की चमक का।
  • स्फटिक शीला से निर्मित मंदिर का।
  • दर्पण की स्वच्छता का।

This content has been designed by the experts keeping in mind the exam score.  Go through NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 3सवैया और कवित्त and add highest value to your studies.

9. पठित कविताओ के आधार पर कवि देव की काव्यगत विशेषताऍं बताइए।

उत्तर पाठ के आधार पर कवि की काव्यगत विशेषताएँ

  • प्रकृति का अद्धभुत चित्रण।
  • ब्रजभाषा का सुंदर प्रयोग।
  • अलंकारो की छटा से निखरी पंक्तियाँ।
  • लयबद्धता एवं संगीतात्मकता।
  • माधुर्य गुण से ओतप्रोत भाषा।
  • कवित्त एवं सवैया छंद का प्रयोग।
  • मानवीकरण अलंकार का सुंदर प्रयोग।
  • तत्सम शब्दो का अध्दभुत प्रयोग।

रचना और अभिव्यक्ति

10. आप अपने घर से पूर्णिमा की रात देखिए तथा उसके सौन्दर्य को लिखिए।

उत्तर विद्यार्थी स्वयं करें |