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Two Stories About Flying Part-II Black Aeroplane Summary in Hindi
By– Frederick Forsyth
इस कहानी का लेखक एक पायलट है । एक रात यह अपना पुराना डाकोटा जहाज फ़्रांस के ऊपर उड़ा था । यह तारों भरी रात थी । वह इंग्लैंड जा रहा था । उसे अपनी अपने परिवार के साथ छुट्टियाँ बिताने की आशा थी यह एक आसान यात्रा थी एवं वह प्रसन्नचित था । उसने अपनी घड़ी को देखा । सुबह के एक बज कर तीस मिनट हुए थे । उसने बेतार के द्वारा पेरिस कंट्रोल को संपर्क किया । उन्होंने उसे बारह डिग्री पश्चिम को मुड़ने की सलाह दी । उसे जो करने की सलाह दी गई ,उसने वैसा ही किया । वह पेरिस से 150 किलोमीटर दूर था ।
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अचानक लेखक ने अपने सामने बड़े –बड़े बादल देखे । बादलों के ऊपर से जहाज को उड़ाना संभव नहीं था । उसके पास अधिक ईधन नहीं था । इसलिए बादलों के बड़े –बड़े पहाड़ों के बाएं या दाएँ से जहाज को उड़ाकर ले जाना संभव नहीं था । उसने खतरा मोल लेने का फैसला किया और जहाज़ को सीधा बादलों के बीच ले गया । जब वह बादलों में घुसा तो हर चीज एकदम काली हो गई । उसने देखा कि उसके दिशा-सूचक यंत्र ने काम करना बंद कर दिया। । उसने निर्देशों के लिए पेरिस कंट्रोल से संपर्क करने का प्रयत्न किया । मगर उसे यह देखकर सदमा लगा कि उसके रेडियो ने भी काम करना बंद कर दिया था ।
अचानक लेखक ने अपने पास एक काला हवाई जहाज देखा । वह उसके अंदर के पायलट को देख सकता था । पायलट ने लेखक को अपने पीछे-पीछे आने का इशारा किया । उसने काले हवाई जहाज का पीछा एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह किया । अब लेखक को काले हवाई जहाज के पीछे चलते हुए आधा घंटा हो गया था । उसे चिंता हो गई क्योंकि उसके जहाज का ईधन केवल पॉंच या दस मिनट का ही और था । मगर तभी काले जहाज़ ने नीचे जाना आरंभ किया और लेखक ने उसका पीछा किया ।
अचानक लेखक बादलों के बाहर था । यह हवाई जहाज की पट्टी को देख सकता था । वह काले जहाज को देखने के लिए मुड़ा । मगर उसे वह कहीं नजर नहीं आया । आकाश खाली था । लेखक ने अपना डाकोटा जहाज उतारा । वह नियत्रण कक्ष पर गया और वहाँ की स्त्री से पूछा कि अन्य पायलट कौन था ? स्त्री ने लेखक को अजीब ढंग से देखा । तब वह हँसी और उसने कहा वैसी तूफानी रात में कोई भी अन्य जहाज नहीं उड़ रहे थे । उसने लेखक को बताया कि उसे राडार पर केवल उसी का जहाज नजर आया था ।