Two Stories about Flying Part-I Summary | Easy Language

Two Stories about Flying Hindi Summary are written by experts. Go through and gain confidence. We at edumantra highly appreciate your feedback regarding Two Stories About Flying in Hindi.

Two Stories About Flying Part-I His First Flight

By Liam O’Flaherty

Detailed Summary in Hindi – Two Stories About Flying Part-I His First Flight

यह एक शिशु सीगल पक्षी की काल्पनिक कहानी है । यह समय आ गया था जब उसे अवश्य ही उड़ना सीखना था । उसके दो भाइयों एवं छोटी –सी बहन ने  अपने माता-पिता की नकल करके उड़ना सीख लिया था । वे केवल शिखाफलक के किनारे तक पहुँचे थे , अपने पंख फड़फड़ाए और उड गए थे । मगर जब बच्चा सीगल पक्षी किनारे तक आया एवं हवा में उड़ने का प्रयास किया,वह डर गया  । उसे विश्वास था कि अगर उसने उड़ने का प्रयत्न किया तो वह नीचे सागर में गिर जाएगा । इसलिए वह भाग कर शिखाफलक पर अपने छिद्र में चला गया ।

सीगल पक्षी  के माता-पिता उसे अपने साथ लेने आए। मगर उसने उड़ने से इंकार कर दिया। उन्होंने धमकी दी कि वह शिखाफलक पर भूखा मर जाएगा । मगर पक्षी इतना भयभीत था कि यह उड़ा नहीं । चौबीस घटे बीत गए । सीगल पक्षी ने कुछ नहीं खाया था । उसे  बहूत भूख लगनी आरंभ हो गई । उसने अपनी माँ को एक पठार पर बैठे देखा । वह एक मछली खा रहीँ थी । इस द्रश्य ने केवल उसकी भूख को और बढ़ा दिया । उसने अपनी माँ से उसके लिए कुछ भोजन लाने की प्रार्थना की । माँ ने उसकी ओर  निंदात्मक तरीके से देखा । मगर तब उसने मछली का एक टुकड़ा उठाया एबं उसकी तरफ उड़कर आई ।

We hope you are enjoying the Two Stories about Flying Hindi Summary

माँ उस तक नहीं आई । उसने अपने पंख रोक दिए एवं गतिहीन बन गई । सीगलपक्षी को हैरानी हुई कि वह उसके पास क्यों नहीं आ रही थी । वह और अधिक सहन नहीं कर सका । यह भूख से पागल हो गया । उसने मछली पर छलाँग लगाई । वह अपनी माँ तक नहीं पहुंच सका, मगर यह शिखाफलक से नीचे हवा में गिर गया । वह भयभीत हो गया एवं चिल्लाया । मगर यह भय केवल एक मिनट तक रहा । उसने अपने पंख फैलाए एवं उड़ने का प्रयन्न किया । अचानक उसने देखा कि वह उड़ रहा था ।

वह खुशी से चिल्लाया और अधिक ऊँचा उड़ना आरंभ कर दिया । उसके माता –पिता भाई एवं बहन उनके चारों ओर उड़े और खुशी से चिल्लाए ।

 कुछ देर के बाद, सीगल के मातापिता, भाई और बहन समुद्र की सतह पर उतर गए । उन्होंने उसे वहाँ आने के लिए कहा ।

सीगल ने सोचा था कि यह एक हरा फर्श है । उसने ही समुद्र पर खडे होने के लिए अपनी टाँगे नीचे की । इसकी टाँगे इसमें डूब गई और वह डर के मारे चिल्लाया । परंतु उसके पेट ने पानी को छुआ और  वह डूबा नहीं । उसने समुद्र में तैरना आरंभ कर दिया । उसके परिवार के सदस्यों ने उसकी प्रशंसा की और उसे मछली के टुकड़े खाने के लिए दिए । इस प्रकार सीगल ने अपनी पहली उड़ान भर ली थी ।

This content has been designed by the experts keeping in mind the exam score.  Go through Two Stories about Flying Hindi Summary and add highest value to your studies.

    Two Stories About Flying Part-II

By Frederick Forsyth

Detailed Summary in Hindi – Two Stories About Flying Part-II Black Aeroplane

इस कहानी का लेखक एक पायलट है । एक रात यह अपना पुराना डाकोटा जहाज फ़्रांस के ऊपर उड़ा था । यह तारों भरी रात थी । वह इंग्लैंड जा रहा था । उसे अपनी अपने परिवार के साथ छुट्टियाँ बिताने की आशा थी यह एक आसान यात्रा थी एवं वह प्रसन्नचित था । उसने अपनी घड़ी को देखा । सुबह के एक बज कर तीस मिनट हुए थे । उसने बेतार के द्वारा पेरिस कंट्रोल को संपर्क किया । उन्होंने उसे बारह डिग्री पश्चिम को मुड़ने की सलाह दी । उसे जो करने की सलाह दी गई ,उसने वैसा ही किया । वह पेरिस से 150 किलोमीटर दूर था ।  

अचानक लेखक ने अपने सामने बड़े –बड़े बादल देखे । बादलों के ऊपर से जहाज को उड़ाना संभव नहीं था । उसके पास अधिक ईधन नहीं था । इसलिए बादलों के बड़े –बड़े पहाड़ों के बाएं या दाएँ से जहाज को उड़ाकर ले जाना संभव नहीं था । उसने खतरा मोल लेने का फैसला किया  और जहाज़ को सीधा बादलों के बीच ले गया । जब वह बादलों में घुसा तो हर चीज एकदम काली हो गई । उसने देखा कि उसके दिशा-सूचक यंत्र ने काम करना बंद कर दिया। । उसने निर्देशों के लिए पेरिस कंट्रोल से संपर्क करने का प्रयत्न किया । मगर उसे यह देखकर सदमा लगा कि उसके रेडियो ने भी काम करना बंद कर दिया था ।

अचानक लेखक ने अपने पास एक काला हवाई जहाज देखा । वह उसके अंदर के पायलट को देख सकता था । पायलट ने लेखक को अपने पीछे-पीछे आने का इशारा किया । उसने काले हवाई जहाज का पीछा एक आज्ञाकारी  बच्चे की तरह किया । अब लेखक को काले हवाई जहाज के पीछे चलते हुए आधा घंटा हो गया था । उसे चिंता हो गई क्योंकि उसके जहाज का ईधन केवल पॉंच या दस मिनट का ही और था । मगर तभी काले जहाज़ ने नीचे जाना आरंभ किया और लेखक ने उसका पीछा किया ।

अचानक लेखक बादलों के बाहर था । यह हवाई जहाज की पट्टी को देख सकता था । वह काले जहाज को देखने के लिए मुड़ा । मगर उसे वह कहीं नजर नहीं आया । आकाश खाली था  । लेखक ने अपना डाकोटा जहाज उतारा । वह नियत्रण कक्ष पर गया और वहाँ की स्त्री से पूछा कि अन्य पायलट कौन था ? स्त्री ने लेखक को अजीब ढंग से देखा । तब वह हँसी और उसने कहा वैसी तूफानी रात में कोई भी अन्य जहाज नहीं उड़  रहे थे । उसने लेखक को बताया कि उसे राडार पर केवल उसी का जहाज नजर आया था ।

Related Posts

© 2023 EDUMANTRA