Two Stories about Flying Part 2 Black Aeroplane Hindi Explanation | Word to Word Meaning | Class 10 | First Flight Book

[PAGE 37] : चाँद पूर्व से मेरे पीछे उग रहा था और तारे आकाश में मेरे ऊपर चमक रहे थे । आकाश में एक भी बादल नहीं था । मैं सोते हुए देहाती इलाके से काफी ऊपर होने पर प्रसन्न था । मैं अपना पुराना डाकोटा जहाज फ्रांस के ऊपर वापिस इंग्लैंड को जाता हुआ उड़ा रहा था । मैं अपनी छुट्टी का सपना ले रहा था और अपने परिवार स मिलने का इंतजार कर रहा था, मैंने अपनी घड़ी को देखा : सुबह के एक बजकर तीस मिनट ।
“मैं शीघ्र ही पेरिस के कंट्रोल से बात करूँगा” मैंने सोचा ।
जब मैंने जहाज़ के नाक से परे नीचे को देखा, तो मैँने अपने सामने एक बड़े शहर की रोशनियाँ देखी । मैंने रेडियो चालू कर दिया और कहा, “पेरिस कंट्रोल, डाकोटा डी०एस० 088 यहाँ । क्या आप मेरी आवाज सुन सकते हैँ; मैं इंग्लैंड के रास्ते पर हूँ ओवर ।”
रेडियों में से आवाज ने फौरन मुझे उत्तर दिया, “डी०एस० 088, मैं तुम्हें सुन सकता है । अब तुन्हें बाऱह डिग्री पश्चिम में मुड़ जाना जाना चाहिए “डी०एस० 088, ओवर” ।
मैंनें नक्शे एवं दिशा सूचक यंत्र की जाँच की और अपने दूसरे एवं आखिरी ईधन के टैंक को चालू किया और अपना डाकोटा को बारह डिग्री पश्चिम में इंग्लैंड की ओर मोड़ दिया ।
“मैं नाश्ते के लिए समय पर पहुंच जाऊँगा,” मैंने सोचा । एक बड़ा, अच्छा अग्रेजी नाश्ता ! हर काम ठीक हो रहा था । यह  एक आसान उड़ान थी।
जब मैंने बादल देखे तो पेरिस 150 किलोमीटर मेरे पीछे था । तूफानी बादल । वे बहुत बड़े थे । वे मेरे सामने आकाश में खड़े काले पहाड़ लगते थे । मैं जानता था कि मैं उनके ऊपर से जहाज को नहीँ उड़ा सकता था, और मेरे पास इतना ईधन नहीं था कि मैं उत्तर या दक्षिण में  उनके गिर्द से जहाज़ को ले जाऊँ ।
“मुझे वापिस पेरिस चला जाना चाहिए, ” मैंने सोचा ,मगर मैं घर जाना चाहता था । मैं नाश्ता करना चाहता था ।
“मैं खतरा मोल लूँगा”,मैंने सोचा और पुराने डाकोटा को सीधे तूफ़ान में डाल दिया ।  
बादलों के अंदर हर एक चीज़ अचानक काली हो गई । जहाज के बाहर की किसी भी चीज़ को देखना असंभव था । पुराना जहाज हवा में उछला एवं बल खाने लगा । मैंने दिशा- सूचक यंत्र को देखा ।

[PAGE 38] : मैं अपनी आँखों पर विश्वास नहीं कर सका : दिशा –सूचक गोल –गोल घूमे जा रहा था । यह बंद हो गया था । यह काम नहीं कर रहा था : बाकी के यंत्र भी अचानक ठप्प हो गए । मैंने रेडियो चालू करने का प्रयत्न किया ।
“पेरिस कंट्रोल” ? पेरिस कंट्रोल ? क्या तुम मुझे सुन सकते हो ? “
कोई उत्तर नहीं मिला । रेडियो भी ठप्प हो गया था । मेरा रेडियो और दिशा-सूचक यंत्र ठप्प  हो गए थे और मैं नहीं देख सकता था । कि मैं कहाँ था, मैं तूफान में खो गया था । तब काले बादलों में, मेरे बहुत नजदीक मैंने एक अन्य जहाज़ को देखा । इसके पंखों पर कोई रोशनी नहीं थी, मगर मैं तूफान के बीच में से इसे अपने नजदीक उड़ता देख सकता था । मैं पायलट के चेहरे को मेरी तरफ मुड़ा हुआ देख सकता था । मैं अन्य व्यक्ति को देखकर बहुत प्रसन्न हुआ । उसने एक हाथ उठाया और उसे हिलाया ।
। “मेरे पीछे आओ”, वह कह रहा था । “मेरे पीछे आओं ।”
” वह जानता है कि मैं भटक गया हूँ “, मैंने सोचा, । “वह मेरी सहायता करने का प्रयत्न कर रहा है।”
 उसने अपना जहाज धीरे-से मेरे डाकोटा के सामने उत्तर की तरफ मोड़ लिया ताकि मेरे लिए उसका पीछा करना आसान हो जाए ।  मुझे एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह उस अजीब जहाज के पीछे-पीछे जाने में बड़ी प्रसन्नता हुईं। आधे घंटे के बाद यह अजीब काला हवाई जहाज़ अभी भी मेरे सामने बादलों में था ।

[PAGE 39]: अब डाकोटा के आखिरी ईधन के टैंक में केवल पाँच या दस मिनट तक और उड़ने के लिए ईधन था । मैंने फिर से डरा हुआ महसूस करना आरंभ कर दिया था । मगर तब उसने नीचे जाना आरंग कर दिया और मैंने तूफान के अंदर से उसका पीछा किया ।
अचानक मैं बादलों से निकल आया और मैंने अपने सामने रोशनियों की दो लंबी कतारें देखीं । यह हवाई पट्टी थी । हवाई अड्डा ! मैं काले हवाई जहाज वाले अपने मित्र को देखने मुड़ा, मगर आकाश खाली था । वहीं कुछ भी नहीं था । काला हवाई जहाज जा चुका था। मुझे वे कहीं भी नजर नहीं आ रहा था ।
मैंने जहाज को नीचे उतारा और मुझे नियंत्रण मीनार के पास पुराने डाकोटा से उतारकर जाने का अफसोस नहीं था । मैं गया और नियन्त्रण केंद्र में एक स्त्री से पूछा कि मैं कहाँ था एवं दूसरा पायलट कौन था । मैं उसका धन्यवाद करना चाहता था । उसने मेरी तरफ अजीब ढंग-से देखा और फिर हँसने लगी।
“अन्य हवाई जहाज ? वहाँ ऊपर तूफान में ? आज रात कोई अन्य जहाज नहीं उड़ रहे थे । राडार पर में केवल आपका जहाज़ देख सकती थी ।” .
तो वहाँ पर बिना दिशा-सूचक यंत्र या रेडियो और मेरे टैंकों में अधिक ईधन के बिना, वहाँ सुरक्षित पहुंचने में मेरी सहायता  किसने की थी ?  तूफान में, बिना रोशनियों के उड़ता हुआ उस अजीब काले जहाज का पायलट कौन था ?

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