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The Laburnum Top Summary in Hindi
अमलताश वृक्ष का शिखर या ऊपरी भाग शांत और निश्चल है l सितंबर के दिन सुनहरी धूप वृक्ष पर बिखरी है l वृक्ष पर शेष बचे कुछेक पत्ते पीले पड़ने लगे हैं l जिसके सार बीज तो भूमि पर गिर चुके हैं l पर यह सन्नाटा एक छोटे गायक मादा पक्षी गोल्डफीन्च के आते ही भंग हो जाता है l वह पक्षी अपने चूजों से मिलने तथा उन्हें भोजन खिलाने के लिए आती है वह एक झटके वाली चहचहाहट शाखा के छोर पर बैठकर करती है l माँ के आगमन से अचानक इतनी हलचल तथा शोर होने लगता है कि चारों और बिखरी शांति अचानक टूट जाती है l घोंसले में पक्षी के बच्चे रह रहे हैं l
पक्षी का शरीर छिपकली की भाँति चिकना तथा चमकीला है वह बहुत सतर्क तथा तेजगति वाली है l घोंसला सुरक्षित स्थान पर ऊंचाई पर बनाया गया है l पक्षी पत्तियों के झुरमुट के बीच प्रवेश करता है l तुरंत वृक्ष किसी से इंजन की भाँति जीवित हो जाता है l बच्चे खुशी से चें-चें करने लगते हैं l वे अपने छोटे-छोटे पंख भी फड़फड़ाते हैं तथा मिला-जुला शोर करते हैं l
यह तो मादा पक्षी है जो इतना सारा शोर मचवा देती है अपने बच्चों को चारा चुगाने के पश्चात वह घोंसले से निकल कर बाहर आ जाती है l उसके चेहरे की धारियाँ ही उसकी पहचान है, एक प्रकार का मुखौटा है l
पक्षी के आने का उद्देश्य पूरा हो जाता है l पुनः वह दूर किसी अज्ञात स्थान की ओर उड़ जाती है l पूर्ववत् सन्नाटा पुनः उस छोटे से वृक्ष को अपने आगोश में ले लेता है l