This page offers Tea From Assam Summary in Hindi Class 10 pdf in easy language. We have presented short and long summaries from 50 words to 300 words. Go through to get a deep insight of the chapter Tea From Assam from the Book First Flight. It is useful for exam point of view and quick learning of the chapter. Downloadable PDF is also available.
इस पेज में हमने Tea From Assam Summary in Hindi सरल शब्दों में प्रस्तुत की है । यह सारांश 50 शब्दों से लेकर 300 शब्दों तक के छोटे और लंबे पैराग्राफ में उपलब्ध है । First Flight’ पुस्तक से ‘Tea From Assam’ अध्याय की गहरी समझ प्राप्त करने के लिए इसे पढ़ें। यह परीक्षा के दृष्टिकोण से और अध्याय को जल्दी सीखने के लिए उपयोगी है। डाउनलोड करने योग्य PDF भी उपलब्ध है।
Tea From Assam Class 10 Summary in Hindi
प्रांजल आसाम का रहने वाला था l वह देहली के एक स्कूल में पढ़ता था I प्रांजल का पिता ऊपरी आसाम में चाय के एक बाग का प्रबंधक था l प्रांजल ने राजवीर को गर्मी की छुट्टियों में अपने घर आने के लिए आमंत्रित किया l दोनोँ ने एक रेलगाड़ी से आसाम के लिए यात्रा की I रास्ते में जब एक स्टेशन पर गाड़ी रुकी तो एक चाय वाले ने कहा, “चाय गरम, गरम चाय” l उन्होंने चाय ली और उसे पीना आरंभ कर दिया l राजवीर ने प्रांजल को कहा कि सारे संसार में प्रतिदिन अस्सी करोड़ कप से अधिक चाय पी जाती है l
प्रांजल ने अपनी जासूसी पुस्तक फिर से पढ़नी आरंभ कर दी l मगर राजवीर चलती हुई गाड़ी से बाहर देखने लगा l बाहर का द्दश्य सुन्दर था l शीघ्र ही धान के नर्म हरे खेत पीछे रह गए और चारों तरफ चाय की झाड़ियाँ थी l राजवीर चाय के बागो के शानदार नजारे से आकर्षित हो गया l वहाँ पर छायादार वृक्ष भी थे l वह बहुत उत्तेजित हो गया l प्रांजल ने राजवीर की उतेजना में कोई भाग नहीं लिया क्योकि उसका पालन-पोषण चाय के बागानों में ही हुआ था l उसने राजवीर को बताया कि आसाम में संसार के सबसे ज्यादा चाय के बागान हैं l
Also Read:
- Hard Words : Tea from Assam
- Tea From Assam Class 10 Summary in Hindi
- Tea From Assam Short Summary
- Tea From Assam Extract Based MCQ questions
- Theme of the Chapter Tea From Assam
- Author of Tea From Assam
- Tea From Assam Class 10 NCERT Solutions
- Tea From Assam Summary in English
राजवीर ने कहा कि इस बात का किसी का पूरा ज्ञान नहीं है कि चाय की खोज किसने की l उसने प्रांजल को बताया कि चाय की खोज के साथ बहुत-सी किवदंतियाँ जुड़ी हुई है l एक कहानी के अनुसार एक चीनी सम्राट ने संयोग से इसकी की खोज कर दी l वह पानी सदा उबालकर पिया करता था l एक दिन बर्तन के नीचे जलती हुई टहनियों के कुछ पत्ते पानी में गिर गए l परिणमस्वरूप, पानी में स्वादिष्ट सुगंध आ गई l यह कहा जाता है कि वे चाय के पत्ते थे l एक अन्य भारतीय कहानी के अनुसार, बोधिधर्म, नाम के एक प्रचीन बौद्ध भिक्ष को, साधना के दौरान नींद आया करती थी l इसलिए उसने अपनी पलकों को काटकर फेंक दिया l उसकी पलकों से चाय के दस पौधे पैदा हुए l इन पौधों के पत्ते को गर्म पानी में डालकर पीने से नींद गायब हो जाती थी l
राजवीर ने प्रांजल को बताया कि सबसे पहले चाय को 2700 ईसा पूर्व चीन में पिया गया l ‘चाय और चीनी’ जैसे शब्द चीन के है l चाय यूरोप में सोलहवीं शताब्दी में आई l शुरु में इसे पेय पदार्थ से अधिक एक दवाई के रूप में पिया जाता था l राजवीर और प्रांजल दोनों मैरीयानी स्टेशन पहुँचे l प्रांजल के माता-पिता ने उनका प्लेटफार्म पर स्वागत किया l वे उन्हें कार में धेकियाबरी ले गए, जोकि चाय का बाग था जहाँ प्रांजल के पिता प्रबंधक थे l
सड़क के दोनों ओर कई-कई एकड़ो तक चाय की झाड़ियाँ थी l अपनी पीठ पर पर बाँस की टोकरियाँ रखे हुए औरतें चाय के ताज़े पत्ते को तोड़ रही थी l वे वहाँ पर नई पत्तियाँ उगने के मौसम में आए थे l राजवीर ने कहा कि मौसम मई से जुलाई तक चलता है l इस मौसम के दौरान सर्वोतम चाय उगती है l प्रांजल के पिता ने राजवीर से कहा कि वह चाय के बारे में बहुत कुछ जानता है l उसने कहा कि वह वहाँ पर चाय के बारे में और बहुत कुछ सीखेगा l