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Coorg Summary in Hindi Class 10
कुर्ग कर्नाटक का एक छोटा-सा जिला है I इसे कोडागु भी कहा जाता है I यह तटीय शहर मंगलैर और मैसूर के बीच पड़ता है I यह एक बहुत सुंदर स्थान है I लेखक कहता है कि यह अवश्य ही भगवान के प्रदेश से आया होगा I यह कर्नाटक का सबसे छोटा जिला है I
कुर्ग अपने कॉफी के बागानों, सदाबहार जंगलों और मसालों का लिए प्रसिद्ध है I इस इलाके का तीस प्रतिशत भाग सदाबहार जंगलों से ढका हुआ है I इस इलाके में आने का सबसे अच्छा मौसम सितम्बर और मार्च के बीच में हैं I मौसम एकदम सही है I हवा कॉफी की सुगन्ध से भरी हुई है I हर सुन्दर कोने में सुन्दर अंग्रेजों के जमाने के बंगले है I
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कुर्ग के लोग स्वतंत्र और बहादुर है I वे यूनानी या अरब वंश के है I एक कहानी के अनुसार, सिकन्दर की सेना का एक भाग वापस नहीं लौटा और यहीं पर बस गया I उन्होंने स्थानीय लोगों के बीच शादियों कर ली I यह संस्कृति बहादुरी के रीति-रिवाजों, शादी और धामिक कार्यक्रमों से नजर आती है I एक अन्य सिद्धान्त कहता है कि ये लोग अरबों के वंशज है I यह बात इन लोगों द्धारा पहने जाने वाले लम्बे कोटों से झलकती है I ये कोट अरबों और कुर्ड लोगों के द्धारा पहने जाने वाले कुफिया की तरह होते है I
कुर्ग-घरों में मेहमान-नवाजी की परम्परा है I वे लोग बहादुर है I उनकी बहादुरी के किस्से प्रसिद्ध है I कुर्ग रेजिमेन्ट भारतीय सेना में सबसे अधिक सम्मानित रेजिमेन्ट है I भारतीय सेना का पहला चीफ, जनरल करियप्पा एक कुर्गी था I आज भी कोडावु भारत के एकमात्र ऐसे लोग है जिन्हेँ बिना लायसेन्स के आग्नेयास्त्र रखने की अनुमति है I
यहाँ बहुत-से प्राकृतिक नजारे है, पर्यटक जिनका आनन्द ले सकते है I इस इलाके की एकमात्र नदी कावेरी को अपना पानी कुर्ग की पहाड़ियों से मिलता है I यह नदी ताजे पानी की मछली महासीर से भरी है I यहाँ पर हाथी, किंगफिशर, गिलहरियाँ और लंगूर प्रकृति का आनन्द उठाते हुए देखे जा सकते है I यहाँ पक्षी, मधुमक्खियाँ और तितलियाँ अच्छी संगत देती है I हाथी अपने महावतो द्वारा नहलाए जाने का आनन्द लेते है I
नदी और पर्वत रोमांचकारी खेलों, जैसेकि रिवर रैफ्टिंग (रैफ्ट किश्ती में सफर), नौका विहार, रैपेलिंग, पर्वतारोहण और पर्वत हाइकिंग का अवसर प्रदान करते है I भ्रमणकारियों को इस इलाके में कई अच्छे रास्ते मिलते है I
ब्रहागिरि की पहाड़ियों से व्यक्ति कुर्ग के सारे इलाके का मनोरम द्दश्य देख सकता है I पास में ही चौसठ एकड़ का निसर्गधाम नाम का द्वीप है I इस तक रस्से के एक पुल द्वारा जाया जा सकता है I बाइलाकुपे में बौद्ध भिक्षु बसे हुए है जोकि पास में ही है I उनके लाल, गेरुए और पीले पहनावे देखने में बहुत आकर्षक लगते है I