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Bholi Summary in Hindi Class 10 pdf
रामलाल गांव का नंबरदार था I उसकी चार बेटियां और तीन बेटे थे I उसके सभी बच्चे बहुत स्वस्थ थे लेकिन उसकी सबसे छोटी बेटी सुलेखा पिछड़ी हुई बच्ची थी I जब वह दस महीने की थी वह चारपाई से नीचे गिर गई थी और उसके दिमाग का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था I
जब वह दो वर्ष की थी तो उसे चेचक की बीमारी का प्रकोप हो गया I उसका चेहरा चेचक के गहरे काले दागों के कारण स्थाई रूप से कुरूप हो गया I उसने 5 वर्ष की आयु में बोलना शुरू किया लेकिन वह हकलाकार बोलती थी I इसलिए सभी उसे भोली कहने लगे I
यहां तक कि उसके माता-पिता, उसकी बहनें और उसके भाई भी उसे मंदबुद्धि मानते थे I कोई भी उसकी देखभाल नहीं करता था I रामलाल की सबसे बड़ी बेटी राधा की पहले ही शादी हो चुकी थी I दूसरी बेटी मंगला की शादी तय हो चुकी थी I रामलाल केवल भोली के बारे में चिंतित था I
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गांव में लड़कियों के लिए प्राथमिक विद्यालय खुला I इसके उद्घाटन समारोह पर तहसीलदार साहब आए थे I उसने रामलाल से कहा कि वह अपनी बेटियों को स्कूल भेजकर गांव के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत करें I रामलाल और उसकी पत्नी दोनों लड़कियों को पढ़ाने के पक्ष में नहीं थे लेकिन रामलाल में तहसीलदार की बात को न मानने का साहस नहीं था I इसलिए उसने भोली को स्कूल भेजने का निर्णय लिया I
अगले दिन रामलाल ने भोली को अपने साथ स्कूल जाने के लिए कहा I भोली स्कूल के बारे में कुछ भी नहीं जानती थी I वह डरी हुई थी I उसने कहीं भी जाने से मना कर दिया I
रामलाल ने अपनी पत्नी को भोली को कुछ सुंदर वस्त्र देने के लिए कहा I कभी भी भोली के लिए नए वस्त्र नहीं बनवाए गए थे लेकिन उस दिन वह एक साफ-सुथरी पोशाक पहनकर भाग्यशाली लग रही थी I यहां तक कि उसे स्नान करवाया गया और उसके सूखे बालों में तेल भी लगाया गया I
उसने सोचा कि उसे अपने घर से अच्छे किसी स्थान पर ले जाया जा रहा था Iजब वे स्कूल पहुंचे, भोली ने कमरों में अपनी आयु की लड़कियों को बैठे हुए देखा I मुख्याध्यापिका ने भोली को कक्षा के एक कमरे में एक कोने में बैठ जाने के लिए कहा I कक्षा में जो महिला अध्यापक थी वह बहुत अच्छी थी I अध्यापिका ने उससे उसका नाम पूछा लेकिन वह अपना पूरा नाम नहीं बोल सकी I उसने रोना शुरू कर दिया I
जब दिन के लिए स्कूल की छुट्टी हो गई, अध्यापिका ने भोली को अगले दिन भी स्कूल आने के लिए कहा और भोली ने हाँ में सिर हिला दिया I भोली को अध्यापिका से लगाव हो गया I अध्यापिका ने उसके अंदर से डर की भावना को बाहर निकाल दिया I अब उसने जरा भी हकलाए बिना बोलना शुरू कर दिया था I
अब भोली बड़ी हो गई थी I उसने कई कक्षाएं पास कर ली थीं I
उसके पिता को विशंवर, जोकि पास के गांव में एक समृद्ध पंसारी था, की ओर से भोली के साथ शादी का प्रस्ताव मिला I वह लगभग पचास वर्ष का था I वह लंगड़ाकर चलता था I उसकी पहली पत्नी से बच्चे भी थे I रामलाल ने शादी के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और बिंशबर से बरात लेकर आने को कहा I
बिशंभर शादी के लिए खूब शानो-शौकत के साथ आया I सभी प्रसन्न थे I
रामलाल और बिंशबर के सभी मित्र और रिश्तेदार वहां उपस्थित थे I लाल रंग के वस्त्र पहने भोली वहां लाई गई I जब विशंभर भोली की गले में हार डालने वाला था, एक महिला ने भोली के घूंघट को पीछे सरका दिया I
बिशंभर ने चेचक के दागों से भरे भोली के चेहरे को देखा I उसने उसके साथ शादी करने से मना कर दिया I अनेक प्रार्थनाओं के पश्चात उसने यह शर्त रख दी कि वह भोली के साथ तभी शादी करेगा यदि उसका पिता उसे पाँच हज़ार रूपए नगद देगा I
रामलाल ने पाँच हज़ार रुपये का बंडल बिशंबर के कदमों में रख दिया विशंबर विजयी अनुभव कर रहा था I उसने दुल्हन के गले में डालने के लिए माला उठाई लेकिन भोली ने माला को टकराकर दूर गिरा दिया I भोली ने कहा कि वह ऐसे कमीने, लालची और कायर के साथ शादी नहीं करेगी I बारात दुल्हन के बिना खाली हाथ लौट गई I
रामलाल दु:ख और शर्म से पीड़ित था I भोली ने अपने पिता को सांत्वना दी कि वह वृद्धावस्था में उनकी सेवा करेगी और उसने कहा कि वह उसी स्कूल में पढ़ाया करेगी जिसमें उसने शिक्षा प्राप्त की थी I