Summary of the Ghat of the Only World in Hindi

By | September 9, 2023
Summary of the Ghat of the Only World in Hindi

This new content has been created by the writers who know exactly how your exam will be scored. Look at Summary of the Ghat of the Only World in Hindi and add as much value to your studies as you can.

Summary of the Ghat of the Only World in Hindi

आग़ा शाहिद अली कश्मीरी था, पर अमेरिका में जाकर बस गया था I वह कैंसर पीड़ित था I उसका उपचार 14 माह से हो रहा था I पर वह अभी भी चल फिर लेता था तथा खुश रहने की कोशिश करता था I केवल यदा कदा वह होश खो देता था, उसकी याददाशत शून्य हो जाती थी तथा उसकी दृष्टि भी कुछ समय के लिए मंद पड़ जाती थीI  25 अप्रैल 2001 को उसकी लेखक के साथ वार्ता हुई थी जिसमें उसने अपनी आसन्न मृत्यु का जिक्र किया था I लेखक ने उसे ढाढ़स बंधाना चाहा पर शाहिद ने बोलने नहीं दिया I पर उसने निवेदन अवश्य किया I उसने इच्छा व्यक्त की कि मेरी मृत्यु के पश्चात मेरे बारे में एक लेख अवश्य लिखना I
शाहिद तथा लेखक दोनों ने ही दिल्ली में शिक्षा पाई थी पर उनकी भेंट कभी नहीं हो पाई थी I 1998-99 में कई बार दोनों ने फोन पर बातें की तथा एक दो बार मिले भी I पर यह जान-पहचान बढ़ नहीं पाई जब तक दोनों अमेरिका में ब्रुकलिन नहीं पहुँच गए I वे पड़ोस के घरों में ही रहते थे I शाहिद कोई आठ भवनसमूह(blocks) परे रहता था I 2000 में अचानक उसकी स्मृति धोखा दे गई I उसके मस्तिष्क में एक संघातिक गिल्टी या गाँठ बन गई थी I इसलिए वह मैनहाटल से ब्रुकलिन आ गया था जहाँ उसकी सबसे छोटी बहन समीथा रह रही थी I जब शाहिद ने अपनी निकट आती मृत्यु के बारे में कहा तो वह साथ ही हँस दिया पर था वह नितान्त गंभीर I उसने लेखक को एक महान दायित्व सौंप दिया I ‘तुम मेरे बारे में अवश्य लिखना’ वह बोला I और लेखक ने उसकी इच्छा शिरोधार्य कर ली I उस दिन से शाहिद के साथ हुई बातचीत का हर शब्द लिखना शुरू कर दिया और उसी रिकार्ड ने उसे शाहिद के बारे में यह लेख लिखने में मदद की I
शाहिद एक कवि था जो अंग्रेजी में लिखता था I लेखक ने उसका एक काव्य संग्रह ”The Country without a Post Office” 1997 में पढ़ा था I उससे बहुत प्रभावित भी हुआ था I एक बार जब वे ब्रुकलिन में पड़ोसी बन गए तो अक्सर ही खाने पर मिलने लगे I शाहिद की दशा नाजुक थी पर उसकी बीमारी उसे उदास नहीं कर पाई I दोनों के साझे मित्र थे I दोनों को रोगनजोश प्रिय था, किशोर कुमार के गीत पसंद थे I दोनों को क्रिकेट में अरुचि थी तथा पुरानी मुंबईया फिल्मों से प्रेम था I वे नियमित रूप से मिलने लगे I
एक दिन लेखक शाहिद के भाई बहन‑‑ इकबाल तथा हिना के साथ उसे अस्पताल से लाने आया I 21 मई का दिन था I शाहिद के कई असफल ऑपरेशन हो चुके थे I अस्पताल का एक कर्मी पहिया गाड़ी लेकर आ गया I पर शाहिद ने उसे वापस लौटा दिया I उसने सोचा कि अभी उसमें पैदल चलने की शक्ति शेष है I पर उसके घुटनों ने कुछ कदम पश्चात ही जवाब दे दिया I अस्पताल कर्मी को पुनः व्हीलचेयर लेकर बुलाया गया I   
शाहिद को सभी साथी तथा पार्टियों में खाना पसंद था I उसके पास उदासी के लिए समय ही नहीं था I उसका घर सातवीं मंजिल पर था I पर वहाँ ऊपर तक जाने में हमें कोई तकलीफ नहीं होती थी I ऊपर पहुँचते ही रोगन-जोश की सुगंध तथा गायन स्वागत करते थे I शाहिद दरवाजा खोलता तथा खुशी से ताली बजा देता था I वहाँ कवि, छात्र, लेखक तथा संबंधी बैठे होते I यद्यपि उसका स्वास्थ्य गिरता जा रहा था, उसे बातें करना, हँसना और खाना-पीना पसंद था और साथ ही काव्य पाठ भी I रसोईघर में उसकी उतनी ही गहरी रुचि थी जितनी कि उसकी काव्य कुशलता थी I उसे सपना आया कि वह इस मात्र संसार के घाट पर आ पहुँचा है I
शाहिद कोई धर्मान्ध नहीं था I उसे अफ़सोस था पंडित कश्मीर से पलायन कर गए थे तथा वह इस भाव को अपनी कविताओं में व्यक्त भी करता था I उसे बंगाली भोजन भी पसंद था I बेगम अख्तर की आवाज पसंद थी I वह तीखे नुकीले उत्तर देने में निपुण था I एक बार बर्सिलोना हवाई अड्डे पर सुरक्षा कर्मी महिला ने उससे पूछा आप क्या काम करते हैं I उसने उत्तर दिया मैं कवि हूँ और कविता लिखना ही मेरा धंधा है I अंत में महिला ने पूछा क्या आपके पास कोई ऐसी वस्तु है जो यात्रियों के लिए खतरा बन जाए I शाहिद बोला ‘केवल मेरा दिल है I’
वह शिक्षक के रूप में भी लोकप्रिय था I उसने अनेक कॉलिजों तथा विश्वविद्यालयों में शिक्षण कार्य किया I  1999 में उसे प्रोफेसर नियुक्त किया गया और 3 फरवरी 2000 में ही उसके मस्तिष्क में अंधेरा छा गया था I 1975 के पश्चात शाहिद मुख्य रूप से अमेरिका में ही रहा जहाँ उसका भाई था तथा दो बहनें थी I उसके माता-पिता श्रीनगर में ही बने रहे I कश्मीर में चल रही हिंसा ने उसे बहुत व्यथित किया I पर वह राजनीति का कवि नहीं बना I वह तो भाषा की कला का पुजारी बना रहा I उसका दृष्टिकोण व्यापक था, धर्मनिरपेक्ष था I बचपन में उसने अपने कमरे में श्रीनगर में एक हिंदू मंदिर बना रखा था I उसके माता-पिता ने कोई एतराज नहीं किया I
4 मई को वह अस्पताल में एक टेस्ट के लिए गया ताकि पता चले कि केमोथेरेपी का कुछ लाभ भी हो रहा है अथवा नहीं I अगले ही दिन उसने लेखक को बताया कि डॉक्टर ने सभी प्रकार की दवाइयाँ बंद कर दी है और बता दिया था कि बचने की कोई उम्मीद नहीं है I मैं कश्मीर में घर पर मरना चाहता था ताकि पिता के साथ रह ले I पर किन्हीं कारणों से उसने विचार बदल दिया I उसकी मृत्यु अमेरिका में हो गई तथा उसे नार्थम्पटन में ही दफना दिया गया I वह नींद में रात दो बजे 8 दिसंबर को भगवान को प्यारा हो गया I

Want to Read More Check Below:-

The Ghat of the Only World- Introduction

The Ghat of the Only World- Important Word-Meanings of difficult words

The Ghat of the Only World- Important Extra Questions Short Answer Type

The Ghat of the Only World-Important Extra Questions Long Answer Type