Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi

swachh bharat abhiyan essay in hindi

Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi में हम आपको बताना चाहते हैं कि स्वच्छता एक साधन है निरंतर साधना, जैसे नित्य स्नान, नित्य व्यायाम.कोई भी अभियान Rashtriya Ekta पर निर्भर करता है.

Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi

भूमिका – स्वस्थ और स्वच्छ रहना सभी चाहते हैं. स्वच्छ रहना जितना अच्छा लगता है, स्वच्छता बनाये रखना उतना ही कठिन है. स्वच्छता एक साधन है – निरंतर साधना, जैसे नित्य स्नान, नित्य व्यायाम.
अभियान का स्वरूप और उद्देश्य – दुर्भाग्य से भारत का जनजीवन स्वच्छ नहीं है. यहां नगर – नगर में कूड़े के ढेर हैं किंतु उसे निपटाने के उपाय नहीं हैं. इससे विकट दशा को देखकर भारत के स्वप्नत्थील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नारा दिया – स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत. इसे एक अभियान के रूप में लिया गया. गंदगी के अंबार से निपटने के लिए प्रभावी अभियान जरूरी था. जिस प्रकार जनसेवा फोड़े का ऑपरेशन करना पड़ता है, उसी प्रकार जानलेवा गंदगी से मुक्ति पाने के लिए प्रभावी अभियान छेड़ना जरूरी था. सारे देश को सफाई के प्रति सचेत किया गया. स्कूलों, कार्यालयों, गली – मोहल्लों में सफाई अभियान चलाए गए. खुले में शौच करने के विरुद्ध अभियान छेड़ा गया. गांव – गांव में, घर – घर में, स्कूल – कॉलेज में, बाजार – पार्क में, शौचालय खोले गए. जगह-जगह कूड़ा दान रखवाए गए. लाखों की संख्या में सफाई – कर्मचारी रखे गए. उद्देश्य केवल एक था – भारत को स्वच्छ बनाना.
वर्तमान में जरूरत एवं महत्व – वर्तमान में भी भारत पूरी तरह स्वच्छ नहीं हुआ है. अभी भी कई स्थलों पर कूड़े के अंबार लगे दिखाई देते हैं. कारण यह है कि जितनी मात्रा में कूड़ा पैदा हो रहा है, उतनी तेजी से पूरा निपटाया नहीं जा रहा. कूड़ा निपटाने की युक्तियाँ हमारी समझ से बाहर हैं. अभी कूड़े से गैस, सड़कें या अन्य सामग्री बनाने की पर्याप्त विधियां नहीं खोजी गई हैं. इसलिए इसे एक जगह से दूसरी जगह डंप किया जा रहा है. अभी पुरानी पीढ़ी अपनी पुरानी आदतों के अनुसार जी रही है. कहीं भी खाकर कूड़ा फेंक देना, थूक देना मल त्याग देना पूरी तरह समाप्त नहीं हुए. इसलिए आज भी स्वच्छता अभियान की जरूरत बनी हुई है.
वर्तमान स्थिति – वर्तमान में विद्यालयों में शौचालय बन गए हैं किंतु रखरखाव की कमी है. सार्वजनिक और जल शौचालय भी बन गए हैं किंतु वे भी नियमित रूप से साफ नहीं रहते. अभी इस ओर प्रबंधन की आवश्यकता है. स्वच्छता को लाभकारी व्यवसाय बनाकर जनता की आदतों में सुधार किया जाना अपेक्षित है.
स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत – भारत के बारे में एक विदेशी विद्वान ने लिखा था कि भारत एक खुला शौचालय है. सौभाग्य से आज स्थिति में बदलाव आया है. आज खुले में शौच करने को शर्म का विषय माना जाता है. नई पीढ़ी शौचालयों का ही प्रयोग करती है, कूड़ेदानों का प्रयोग करती है और कूड़ा बिखराने को अपराध मानती है. इसलिए भारत की स्वच्छता का वर्तमान चाहे संतोषजनक न हो किन्तु भविष्य बहुत अच्छा है.
भारत स्वच्छ होगा तो निश्चित रूप से भी स्वास्थ्य भी बढ़ेगा.
उपसंहार – भारत विश्व की महाशक्ति बनने जा रहा है. इस दिशा में हमारा आचरण और संस्कार भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. सौभाग्य से हम स्वच्छता और स्वस्थता को अपनाकर प्रगति की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. यह एक शुभ संकेत है.

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