NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 8 कर चले हम फ़िदा

By | June 4, 2022
NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 8 कर चले हम फ़िदा

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 8 कर चले हम फ़िदा यहाँ सरल शब्दों में दिया जा रहा है.  Class 10 Sparsh Kar Chale Hum Fida को आसानी से समझ में आने के लिए हमने प्रश्नों के उत्तरों को इस प्रकार लिखा है की कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक बात कही जा सके.

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 8 कर चले हम फ़िदा

प्रश्न अभ्यास

() निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

1.क्या इस गीत की कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है?

उत्तर:- हाँ, इस गीत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। सन् 1962 में भारत पर चीन ने आक्रमण किया। युद्ध में अनेक सिपाही लड़ते-लड़ते शहीद हो गए। इसी युद्ध की पृष्ठभूम पर फ़िल्म बनी थी। इस फ़िल्म में भारत और  युद्ध की वास्तविकता को दर्शाया गया था। यह गीत इसी फ़िल्म के लिए लिखा गया था।

2. ‘सर हिमालय का हमने न झुकने दिया’, इस पंक्ति में हिमालय किस बात का प्रतीक है?

उत्तर:-इस पंक्ति में हिमालय भारत के मान-सम्मान एवं अस्मिता का प्रतीक है। भारत-चीन युद्ध हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों पर ही लड़ा गया था। भारतीय सैनिक शीश कटवा देते हैं, हँसते-हँसते अपने प्राणों का बलिदान दे देते हैं, लेकिन हिमालय का सिर झुकने नहीं देते अर्थात् वे भारत-भूमि के मान-सम्मान की रक्षा करते हैं। उनके साहस की अमर गाथा से हिमालय की पहाड़ियाँ आज भी गुंजायमान हैं।

3. इस गीत में धरती को दुल्हन क्यों कहा गया है?

उत्तर:- इस गीत में धरती को दुल्हन इसलिए कहा है क्योंकि इस युद्ध के दिन कई वीर सिपाहियों ने अपनी जान गंवाई थी और उनके खून से धरती लाल होकर दुल्हन की तरह सजी हुई प्रतीत हो रही थी। जिस प्रकार दुल्हन की रक्षा करना दूल्हे का कर्तव्य होता है, उसी प्रकार मातृभूमि की रक्षा करना हर सिपाही का धर्म होता है और इसीलिए धरती यानी अपनी दुल्हन की रक्षा करते हुए उन्होंने अपनी जान गवां दी।

4. गीत में ऐसी क्या खास बात होती है कि वे जीवन भर याद रह जाते हैं?

उत्तर:-जिन गीतों में भावनात्मकता, मार्मिकता, सच्चाई, गेयता, संगीतात्मकता, लयबद्धता आदि गुण होते हैं, वे गीत जीवन भर याद रहते हैं। ‘कर चले हम फ़िदा‘ गीत में बलिदान की भावना स्पष्ट रुप से झलकती है। इसलिए यह किसी एक विशेष व्यक्ति का गीत न बनकर सभी भारतीयों का गीत बन गया।

5. कवि ने ‘साथियों’ संबोधन का प्रयोग किसके लिए किया है?

उत्तर:- कवि ने “साथियों” संबोधन का प्रयोग अपने सैनिक-साथियों व बाकी देशवासियों के लिए किया है। उन्होंने सभी देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा है कि मातृभूमि की रक्षा के लिए हमने अपने प्राणों का बलिदान कर दिया है और अब इसकी रक्षा की जिम्मेदारी तुम सब की है। कवि ने सभी देशवासियों को एकजुट होकर, डटकर दुश्मन का मुकाबला करने के लिए प्रोत्साहित किया है।

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6. कवि ने इस कविता में किस काफ़िले को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है?

उत्तर:- कवि ने इस कविता में हमारे वीर सैनिकों के काफ़िले को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है। कविता में सैनिक कहते हैं कि यदि वे शहीद हो जाएँ तो भी ये जंग रुकनी नहीं चाहिए। चाहे लाखों कुर्बानियाँ देनी पड़ें, लेकिन हमें अपनी धरती मां के सिर के ताज यानि हिमालय को बचाना होगा।

7. इस गीत में ‘सर पर कफ़न बाँधना’ किस ओर संकेत करता है?

उत्तर:-सर पर कफ़न बाँधना’ एक मुहावरा है जिसका अर्थ है हर समय शहीद होने के लिए तैयार रहना । इस गीत में ‘सर पर कफ़न बाँधना’ देश के लिए अपना सर्वस्व त्याग करने की ओर संकेत करता है । इसलिए हर सैनिक देश की रक्षा में मौत को गले लगाने के लिए सदा तत्पर रहता है क्योंकि आज़ादी के बाद आज़ादी की सुरक्षा परम आवश्यक है । इसलिए हमें हर समय सचेत रहते हुए देश के अंदर और बाहर दुश्मनों को समाप्त करने के लिए मौत को गले लगाने हेतु सिर पर कफ़न बांधकर तैयार रहना होगा ।

8. इस कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए?

उत्तर:- प्रस्तुत गीत सन 1962 के भारत-चीन के ऐतिहासिक युद्ध की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म ‘हकीकत’ के लिए लिखा गया था। कवि इसके द्वारा संपूर्ण देश को प्रोत्साहित करना चाहता है। उस समय चीन ने तिब्बत की ओर से आक्रमण किया था। भारत के बहादुर सिपाहियों ने इस आक्रमण का मुकाबला बड़ी ही वीरता से किया था। इस गीत के माध्यम से कवि ने उन वीर सिपाहियों के मन में बसे देशप्रेम और बलिदान की भावना को व्यक्त किया है। उन्होंने देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान गवां दी है और जाने से पहले वे अपने साथियों को कह रहे हैं कि अब देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी तुम्हारी है और तुम्हें भी निडर होकर अपना सर्वस्व देश पर न्योछावर करना होगा व इसके मान सम्मान की रक्षा करनी पड़ेगी।

() निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए

1.साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई

फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया

उत्तर:-कवि देशवासियों को संबोधित करते हुए कहते हैं कि हम देश के लिए स्वयं को

 न्योछावर कर सभी से विदा ले रहे हैं । अब यह मातृभूमि तुम्हारे हवाले है जिसकी रक्षा अब तुम्हें करनी है । सैनिक कहता है कि हमने तो अपना कर्तव्य निभाया है । युद्ध में घायल हो जाने पर सैनिकों की सांसें रुकने लगती हैं, नब्ज़ रुक – रुक कर चलने लगती है । तब भी उनके कदम नहीं रुकते; अपितु वे भारत माता की रक्षा हेतु आगे बढ़ते रहते हैं और हँसते – हंसतेयपने प्राण न्योछावर कर देते हैं ।

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2. खींच दो अपने खूँ से ज़मीं पर लकीर

इस तरफ़ आने पाए न रावन कोई

उत्तर:-इन अंशों का भाव है कि सैनिकों ने अंतिम साँस तक देश की रक्षा की। युद्ध में घायल हो जाने पर जब सैनिकों की साँसें रुकने लगती हैं अर्थात् अंतिम समय आने पर तथा नब्ज़ के रुक-रुककर चलने पर, कमज़ोर पड़ जाने पर भी उनके कदम नहीं रुकते, क्योंकि वे भारतमाता की रक्षा हेतु आगे बढ़ते रहते हैं और हँसते-हँसते अपने प्राण न्योछावर कर देते हैं।

3. छू न पाए सीता का दामन कोई

राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियों

उत्तर:- इस अंश का भाव है कि वीरों, सैनिकों, देशभक्तों तथा क्रांतिकारियों के होते हुए सीमा पार से कोई रावण या आक्रमणकारी या दस्यु या आतंकवादी देश में प्रवेश करके देश की अस्मिता को नहीं लूट सकती। अर्थात् राम और लक्ष्मण जैसे अलौकिक वीरों की धरती पर आकर कोई भी दुष्ट भारत माता का दामन नहीं छू सकता।”

भाषाअध्ययन

1.इस गीत में कुछ विशिष्ट प्रयोग हुए हैं। गीत के संदर्भ में उनका आशय स्पष्ट करते हुए अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

कट गए सर, नब्ज़ जमती गई, जान देने की रुत, हाथ उठने लगे।

उत्तर:-  (क). युद्ध के समय सैकड़ों सैनिकों के सर कट गए।

(ख). एवरेस्ट की बर्फीली वादियों में नब्ज़ जमा देने वाली कड़ाके की ठंड होती है।

(ग). सैनिकों के लिए युद्ध का समय, जान देने की रुत के समान होता है।

(घ). सभा में धीरे-धीरे सबके हाथ श्याम के पक्ष में उठ गए।