NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 7 तोप

By | June 4, 2022

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 7 तोप यहाँ सरल शब्दों में दिया जा रहा है.  Class 10 Top Solutions को आसानी से समझ में आने के लिए हमने प्रश्नों के उत्तरों को इस प्रकार लिखा है की कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक बात कही जा सके.

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 7 तोप

प्रश्नअभ्यास

() निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

प्रश्न 1. विरासत में मिली चीजों की बड़ी सँभाल क्यों होती है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर प्रस्तुत पाठ के अनुसार, विरासत में मिली चीज़ों की बड़ी सँभाल इसलिए होती है, क्योंकिये तमाम चीज़ें हमारे पूर्वजों की निशानी होती है तथा हमारे धरोहर होते हैं | इसके अलावा ये सारी चीजें इतिहास को स्मरण कराती हैं |ये चीजें हमें तत्कालिक परिस्थिति की जानकारी देने के साथ-साथ दिशा-निर्देश भी देती हैं। नई पीढ़ी अपने पूर्वजों के बारे में जाने, उनके अनुभवों से कुछ सीखे, इसी उद्देश्य से विरासत में मिली चीज़ों को सँभाल कर रखा जाता है।

प्रश्न 2. इस कविता से आपको तोप के विषय में क्या जानकारी मिलती है?

उत्तर यह कविता हमें तोप के विषय में यह जानकारी देती है की यह तोप अंग्रेजों के समय की है। यह तोप सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के समय अंग्रेजी सेना द्वारा प्रयोग की गई थी। इस तोप ने बहुत से अन्य युद्धों में भी अपना योगदान दिया था। इसने अनगिनत शूरवीरों और स्वतंत्रता सेनानियों को मार डाला था परन्तु अब यह तोप निष्क्रिय एक बाग में रखी हुई है एवं यह अब केवल प्रदर्शन की वस्तु बनकर रह गई है। अब पहले से इसका वर्चस्व कम हो गया है। इसमें अब चिड़ियों ने घोसले बना लिए हैं। इससे हमें यह सीख मिलती है कि कोई कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, एक-न-एक दिन उसे धराशायी होना ही पड़ता है।।

प्रश्न 3. कंपनी बाग में रखी तोप क्या सीख देती है?

उत्तरकंपनी बाग में रखी तोप सुबह-शाम बाग में आने वाले सैलानियों को यह सीख देती है कि मैं बहुत बहादुर हूँ, जबरदस्त हूँ। यद्यपि शुरू में मेरा प्रयोग देशभक्तों के विरुद्ध किया गया और मैंने इसे बेमन से स्वीकार भी किया, लेकिन बाद में मेरा जीवन धन्य हो गया, जब मैंने अपने ज़माने में बड़े-बड़े बहादुर अंग्रेज़ों की धज्जियाँ उड़ाई थीं अर्थात् उन्हें नाकों चने चबवा कर उन्हें उनकी कुटिल कूटनीति का सबक सिखाया था।

प्रश्न 4. कविता में तोप को दो बार चमकाने की बात की गई है। ये दो अवसर कौनसे होंगे?

उत्तर विता में जिन दो अवसरों पर तोप को चमकाने की बात कही गई है, वे हैं

कविता में तोप को दो बार चमकाने कि बात कही गई है यह दो अवसर निम्नलिखित है-

(क) 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस)

(ख) 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस)

यह दोनों दिन हमारे देश के लिए ऐतिहासिक एवं महत्वपूर्ण हैं। इन दोनों तिथियों पर इस तोप को चमकाया जाता है एवं प्रदर्शनी के तौर पर इसका प्रदर्शन किया जाता है| इसके पीछे कारण यह है कि यह तोप अंग्रेजी सरकार से हमारी जीत और आज़ादी का प्रतीक है। इसलिए राष्ट्रीय महत्व को ध्यान में रखते हुए इस तोप को चमकाया जाता है ताकि लोगों के मन में राष्ट्रीयता की भावना को बढ़ावा मिले और लोगों को स्वतंत्रता दिलाने वाले वीरों की याद दिलाई जा सके ताकि वे स्वतंत्रता का महत्त्व समझें और राष्ट्र के प्रति समर्पित रहें|।

() निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए

प्रश्न 1. अब तो बहरहाल

छोटे लड़कों की घुड़सवारी से अगर यह फ़ारिग हो

तो उसके ऊपर बैठकर

चिड़ियाँ ही अकसर करती हैं गपशप।

उत्तर – इन पंक्तियों में कवि ने तोप की वर्तमान स्थिति का वर्णन किया है ,एक समय में जहाँ तोप ने सबको डरा कर रखा था वही आज बच्चे उस पर घुड़सवारी कर रहे हैं और चिड़ियाँ उस पर बैठ कर गपशप कर रही हैं।

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प्रश्न 2. वे बताती हैं कि दरअसल कितनी भी बड़ी हो तोप

एक दिन तो होना ही है उसका मुँह बंद।

उत्तर कवि ने तोप की दयनीय दशा का चित्रण करते हुए कहा है उसकी यह दशा इस बात का प्रतीक है की बुराई पर अच्छाई की जीत होकर रहती है। चाहे बुराई कितनी ही प्रबल क्यों न हो उसका अंत निश्चित होता है। यही कारण है कि तोप इस दयनीय अवस्था में पड़ी हुई है। कंपनी बाग में रखी तोप के अंदर कभी चिडि़या घुस जाती है तो कभी बच्चे उस पर घुड़सवारी का आनंद उठाते हैं। यह हमें उन तमाम देश भक्तों की याद दिलाती है जो अंग्रेजों के अत्याचारों की बली चढ़े। यह इस बात का जीता जागता उधारण है कि कोई कितना भी बलवान क्यों न हो वह सच्चाई के आगे नहीं टिक सकता एवं उसका अंत निश्चित है। कवि ने इन प्रतीकों के माध्यम से सत्ता के बदलते स्वरूप पर व्यंग्य किया है। कवि बताता है कि समय के आगे किसी की नहीं चलती, समय सबसे अधिक बलवान है।

प्रश्न 3. उड़ा दिए थे मैंने

अच्छेअच्छे सूरमाओं के धज्जे।

उत्तरइसका भाव है कि सन् 1857 की तोप, जो आज भी कंपनी बाग के प्रवेश द्वार पर रखी हुई है, उसके सामने चाहे देशभक्त आया, चाहे देशद्रोही, उसने अपने जमाने के बड़े-बड़े वीर अंग्रेज़ों को भी परास्त कर दिया था, उनकी धज्जियाँ उड़ा दी थीं।

भाषा अध्ययन

प्रश्न 1. कवि ने इस कविता में शब्दों का सटीक और बेहतरीन प्रयोग किया है। इसकी एक पंक्ति देखिए ‘धर रखी गई है यह 1857 की तोप’। ‘धर’ शब्द देशज है और कवि ने इसका कई अर्थों में प्रयोग किया है। ‘रखना’, ‘धरोहर’ और ‘संचय’ के रूप में।

उत्तर- छात्र स्वयं इन्हें ध्यानपूर्वक पढ़े और समझें।

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प्रश्न 2. ‘तोप’ शीर्षक कविता का भाव समझते हुए इसका गद्य में रूपांतरण कीजिए।

उत्तर तोप’ कविता का गद्य रूपांतरण- ईस्ट इंडिया कंपनी ने कंपनी बाग के प्रवेश द्वार पर जो तोप रखवायी थी, वह आजस्वतंत्र भारत में विरासत बनकर रह गई है। वर्ष 1857 की इस तोप को कंपनी बाग के साथ ही साल में दो अवसरों पर साफ़-सुथरा करते हुए चमकाया जाता है। जैसे कंपनी बाग हमें विरासत में मिली थी, उसी तरह ये तोप भी थी। आजकल सुबह-शाम कंपनी बाग में जो सैलानी टहलने के लिए आते हैं, उन्हें यह तोप बताती है कि किसी समय मैं बहुत ताकतवर थी। उस जमाने में मैंने अच्छे-अच्छे शूरमाओं की धज्जियाँ उड़ा दी थीं।आज स्थिति यह है कि इस पर लड़के घुड़सवारी करते हैं। वहाँ से बच्चों के हटते ही चिड़ियाँ उसके ऊपर बैठकर गप-शप करती हैं। गौरैयें तो और भी शैतानी करती हुई इसके अंदर घुस जाती हैं। ऐसा करके वे यह बताती हैं कि कितनी भी बड़ी तोप क्यों न हो, एक दिन तो उसका मुँह बंद हो ही जाता है अर्थात् अन्यायी कितना भी बड़ा क्यों न हो एक न एक दिन अंत अवश्य होता है।