Madam Rides the Bus NCERT Solutions are written by experts. Go through and gain confidence. We at edumantra highly appreciate your feedback regarding The Midnight Visitor Summary in English.
Table of Contents
Madam Rides the Bus Summary in Hindi
[PAGE 116] : इस भावुक कहानी में , एक आठ वर्षीय लड़की की अपने गाँव से बाहर की दुनिया की प्रथम बस यात्रा है और वह उसके जीवन और मृत्यु का रहस्य है । वह इस बात के अंतर को समझती है कि हम मौत के बारे में क्या जानते हैं और क्या समझते है ।
[PART –I]
[PAGE 117] : वलियामायी नाम की एक लड़की थी जिसे संक्षेप में वल्ली कहते थे । वह आठ साल की थीं और चीज़ों के बारे में बहुत उत्सुक रहती थी । उसका प्रिय शौक अपने घर के सामने दरवाजे में खड़े होकर यह देखना था कि बाहर गली में क्या हो रहा है । उसकी गली में उसके साथ खेलने के लिए उसकी उम्र के साथी नहीं थे और वह तो बस यही करती थी ।
लेकिन वल्ली के लिए, अपने सामने वाले दरवाजे पर खडा होना उतना ही आनंददायक था जितना कि अन्य लड़कों के लिए कोई विस्तृत खेल खेलना । गली में देखना उसे बहुत-से नए असाधारण अनुभवों का ज्ञान कराता था ।
[PAGE 118] : उसके लिए सबसे अधिक आकर्षक चीज वह बस थी जोकि उसके गाँव और निकटतम कस्बे के बीच चलती थी । यह हर घंटे बाद उसकी गली में से गुजरती थी, एक बाहर कस्बे में जाते समय और एक बार वहाँ से वापस आते समय । हर बार नए यात्रियों से भरी उस बस का दृश्य ,वल्ली के लिए निरंतर आनंद का स्रोत था ।
दिन –प्रतिदिन वह बस देखती थी , और धीरे –धीरे एक छोटी –सी इच्छा उसके दिमाग में रेंगने लगी और वहाँ पैदा हो गई । वह बस पर सवार होना चाहती थी चाहे सिर्फ एक बार ही । यह इच्छा मजबूत –से – मजबूत होती गई ,जब तक कि वह एक तीव्र इच्छा नहीं बन गई । वल्ली बहुत ही गहन इच्छा के साथ एकटक भाव से लोगों को बस में चढ़ते और उतरते हुए देखती थी तब वह गली के कोने पर रूकती थी ।उसकी इच्छाओं ,सपनों और आशाओं को प्रकाशित करते थे । यदि उसकी कोई सहेली बस में सवार हो जाती है और वह उसे शहर के दृश्यों के बारे में बताती, तो वल्ली को उससे इतनी ईष्यों होती थी कि वह उसकी बात नहीं सुनती थी और अंग्रेजी में चिल्ला उठती थी ‘घमंडी ! घमंडी !’न तो वह स्वय और न ही उसकी सहेलियों इस शब्द का अर्थ समझती थीं लेकिन वे असहमति का भाव प्रकट करने के लिए इस शब्द का प्रयोग करती थी ।
बहुत – से – दिनो और महीना तक वल्ली सावधानीपूर्वक अपने उन पड़ोसियों और लोगों के बीच की बातचीत को सुनती थी जो नियमित रूप से बस में सफर करते थे और कभी-कभार वह उनसे कुछ शांत से सवाल भी पूछ लिया करती थी । इस तरह से बस की यात्रा के बारे में उसने कई छोटी –छोटी जानकारियाँ हासिल कर ली थी । क़स्बा उसके गाँव से छह मील की दूरी पर था । एक तरफ का किराया तीस पैसे था –“जोकि लगभग न के बराबर था“ उसने एक अच्छी पोशाक पहने हुए व्यक्ति को कहते सुना ,लेकिन वल्ली ने इतना अधिक धन कभी नहीं देखा था ।
एक महीने से दूसरे महीने ,उसके लिए तो यह बड़ी धन –सम्पत्ति था । कस्बे तक की यात्रा में पैंतालिस मिनट लगते थे । शहर पहुंचकर यदि वह अपनी सीट पर बैठी रहती और पैसे का भुगतान कर देती , तो वह उसी बस पर गाँव लौट सकती थी । इसका अर्थ था कि वह एक बजे की बस ले सकती थी और एक बजकर पैंतालिस मिनट पर कस्बे में पहुँच सकती सकती थी और लगभग दो बजकर पैंतालिस मिनट तक घर लौट सकती थी ….। जैसे –जैसे वह गणना और पुनर्गणना , योजना और पुनर्योजना बनाती गई उसके मन में विचार चलते रहे ।
[PART –II]
[PAGE 119] : वसंत बस्तु मेँ एक सुहावने दिन को जब दोपहर बाद वाली बस में गाँव से जाने ही वाली थी और मुख्य मार्ग पर मोड़ मुड़ने ही वाली थी , एक छोटी-सी बच्ची के चिल्लाने की आवाज़ सुनाई दी, ‘बस को रोको! बस को रोको !’और आदेशात्मक मुद्रा में एक छोटा – सी बच्ची के चिल्लाने की आवाज़ सुनाई दी , ‘बस को रोको ! बस को रोको !’ और आदेशात्मक मुद्रा में एक छोटासा हाथ उठा।
बस की गति धीमी हो गई और परिचालक ने दरवाजे से सिर बाहर निकालकर कहा, ‘जल्दी करो! जो कोई भी आ रहा है उसे आने को कहो ।’
‘यह मैं हूँ ‘ वल्ली ने चिल्लाकर कहा, ‘मैं ही अकेली हूँ, जिसे बस में चढ़ना है ।‘
अब तक बस रुक चुकी थी और परिचालक ने कहा, ‘ओह सचमुच : तुम ऐसा नहीं कहते !‘
. ‘ हाँ , मुझे तो सिर्फ कस्बे में जाना है” वल्ली ने अभी भी बस से बाहर खडे हुए कहा, ‘और ये मेरे पैसे हैं’ उसने उसे कुछ सिक्के दिखाए ।
‘ठीक है ,ठीक है , लेकिन तुम पहले बस पर तो चढ जाओ”, परिचालक ने कहा और उसने उसे ऊपर चढ़ाने में मदद करने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया ।
‘चिंता मत करो , मैं स्वयं ही बस में चढ़ जाऊँगी । आपको मेरी मदद करने की आवश्यकता नहीं है.’उसने कहा ।
परिचालक एक हँसमुख स्वभाव का मजाक का शौकीन व्यक्ति था , ” ओह,मेरी सुन्दर मैडम कृपया मुझसे नाराज मत होइए’
उसने कहा , ‘वहाँ सामने एक सीट ले लीजिए । कृपया सभी रास्ते से हट जाइए । मैडम के लिए रास्ता बनाइए !”
यह दिन का मंदी वाला समय था और बस में केवल छह या सात सवारियाँ थीं । वे सभी वल्ली की ओर देख रहीं थी और परिचालक के साथ हँस रही थीं । वल्ली को शर्म आ रही थी । सभी की नज़रों से बचते हुए ,वह तेजी से एक खाली सीट तक गई और बैठ गई ।
[PAGE 120] : “ मैडम , क्या अब हम चल सकते हैं ?” परिचालक ने मुस्कराते हुए पूछा । तब उसने दो बार अपनी सीटी बजाई और एक शोर के साथ बस आगे चल दी ।
यह एक नई बस थी इसके बाहर चमकदार सफेद रंग हुआ था जिस पर हरे रंग की कुछ पट्टियाँ बनी थी । अंदर अंदर ऊपर लगी लोहे की सलाखें चाँदी की तरह चमक रहीं थीं । वल्ली के बिल्कुल सामने हवा रोकने वाले शीशे के ऊपर वहाँ एक सुन्दर घड़ी लगी थी । सीटें नर्म और आरामदायक थी ।
वल्ली ने अपनी नज़रों से सब कुछ खोजा । लेकिन जब उसने बाहर देखना शुरु किया उसने पाया की उसकी नजर को मोटे कपड़े से एक पर्दे से रूकावट पेदा हो रही थी जो उसकी खिड़की के निचले भाग को ढके हुए था । इसलिए वह उठकर सीट पर खड़ी हो गई और पर्दे के ऊपर से झाँकने लगी ।
अब बस एक नहर के किनारे के साथ-साथ जा रही थी । सड़क बहुत तंग थी । उसके एक ओर तो नहर थी तथा इसके पार खजूर के पेड़ , घास के मैदान, दूरी पर पर्वत व नीला-नीला आसमान था । दूसरी ओर एक गहरी खाई थी और फिर कई एकड़ में फैले हरे खेत, चारों और जहाँ तक नजर जाती थी हरियालीही हरियाली थी ।
‘ओह , यह सब कितना अदभुत था ।
अचानक ही वह एक आवाज़ सुनकर चौंक पड़ी ,”सुनो ,बच्चे ,” आवाज़ ने कहा ,” तुम्हे इस तरह से खड़े नहीं होना चाहिए , नीचे बैठ जाओ । “
[PAGE 121-122] : नीचे बैठते हुए, उसने यह देखने का प्रयास किया कि कौन बोला था । यह एक बूढा आदमी था जो सचमुच में उसके प्रति परवाह कर रहा था , लेकिन वह उसके ध्यान की वजह से नाराज़ हो रही थी ।
“ यहाँ ऐसा कोई नहीं है , जो बच्चा है , “ उसने घमंडपूर्वक कहा ,” “मैंने भी अन्य सभी की तरह तीस पैसे का भुगतान किया है । “ परिचालक बीच में बोल पड़ा , “अरे, श्रीमान जी, लेकिन यह तो एक बहुत ही व्यस्क मैडम है । आपके विचार में क्या मात्र एक लड़की अपना किराया खुद दे सकती है और बिल्कुल अकेली शहर जा सकती है ?”
वल्ली ने क्रोधित नज़रों से परिचालक की ओर देखा और कहा, “मैं मैडम नहीं हूँ। कृपया यह बात याद रखना कि आपने अभी तक मुझे मेरा टिकट नहीं दिया है।”
“मैं याद रखूँगा “परिचालक ने उसकी आवाज़ की नकल उतारते हुए कहा । हर कोई हँसने लगा और धीरे-धीरे वल्ली भी हँसी में शामिल हो गई ।
परिचालक ने एक टिकट पर नम्बर छेदे और उसे वल्ली को पकड़ा दिया “अब आराम से बैठ जाओ । जब तुमने सीट केपैसे दे रखे है तो तुम खड़ी क्यों हो ?”
“क्योंकि मैं खड़ा होना चाहती हूँ ” उसने उत्तर दिया, फिर सेखड़ी होते हुए ।
” लेकिन यदि तुम सीट के ऊपर खड़ी होती हो तो तुम गिर सकती हो और तुम्हें चोट लग सकती हैं। जब बस कोई तेज मोड़ काटेगी । बच्ची यही कारण है कि हम चाहते हैं कि तुम बैठ जाओं ।”
” मैं एक बच्ची नहीं हूँ , मैं आपको बता देती हूँ “,उसने चिढ़ते हुए कहा, “मैं आठ साल की हूँ ।”
“नि: संदेह , नि:संदेह। मैं भी कितना मूर्ख हूँ ! आठ साल ! हे भगवान !”
बस रूक गई , कुछ नए यात्री अंदर आए और थोडी देर के लिए परिचालक व्यस्त हो गया । अपनी सीट के खो जाने के भय से वल्ली अंततः नीचे बैठ गई ।
एक वृद्ध महिला उसके पास आकर बैठ गई । “ प्रिय , क्या तुम बिल्कुल अकेली हो ?” जैसे ही बस पुन : चली उसने वल्ली से पूछा ।
वल्ली को वह औरत पूर्णतया घृणाजनक लगी । उसके कानों के तलवों में कितने बड़े –बड़े सुराख़ थे और उनमें कितनी भद्दी वालियाँ थीं तथा वह उस सुपारी की गंध सूंघ सकती थी जिसे वह महिला चबा रही थी और पान के उस रस को देख सकती थी जो किसी भी पल उसके होंठों से गिरने का भय पैदा कर रहा था । ओह ! इस तरह के व्यक्ति के साथ कौन मिलनसार हो सकता है ?
[PAGE 122] : “ हाँ , मैं बिल्कुल अकेली यात्रा कर रही हूँ “ उसने तीखे स्वर में उत्तर दिया ।
“और मैंने टिकट भी लिया है ।“
”हाँ, वह शहर जा रही है “परिचालक ने कहा, तीस पैसे का एक टिकट लेकर” ।
” ओह , आप अपने काम पर ध्यान क्यों नहीं देते हो ? ” वल्ली ने कहा । लेकिन वह फिर भी हँस पड़ी और परिचालक भी हँसने लगा ।
लेकिन बूढ़ीऔरत ने अपनी बकबक जारी रखी है “क्या इतने छोटे व्यक्ति के लिए अकेले यात्रा करना उचित है? क्या तुम्हें सही-सही पता है कि तुम शहर में कहाँ जा रही हो? कीन-सी गली है? क्या मकान नम्बर है ? “
“आपको मेरे बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है । मैं अपना ख्याल खुद रख सकती हूँ ।” वल्ली ने खिड़की की ओर अपना चेहरा घुमाते हुए कहा और बाहर देखने लगी ।
[PART-III]
उसकी पहली यात्रा –इसके लिए उसको कितना ध्यानपूर्वक, परिश्रम के साथ और सोच –समझकर योजनाएँ बनानी पड़ी थीं ! जो भी छोटे –छोटे सिक्के उसके हाथ लग जाते थे कितनी किफ़ायत के साथ उन्हें बचाकर के रखा था और कैसे अपने –आपको पुदीने की गोलियाँ , खिलौने, गुब्बारे और इस तरह की अन्य चीज़े खरीदने से रोककर रखा था और आखिरकार उसने 60 पैसे बचा लिए थे । यह सब कुछ उसके लिए कितना कठिन था, खासतौर पर गाँव के मेले वाले दिन लेकिन उसने दुढ़ निश्चय के साय झूलों पर सवार होने की अपनी इच्छा को दबा दिया था , जबकि उसके पास पैसे भी थे ।
पर्याप्त धन बचा लिया था , उसके बाद उसकी अगली समस्या थी अपनी माँ को बिना बताए कैसे घर से बाहर निकले । लेकिन बिना किसी अधिक कठिनाई के उसने इसकी व्यवस्था कर ली । दोपहर का भोजन करने के पश्चात् उसकी माँ एक बजे से लेकर चार बजे तक हल्की नींद लिया करती थी । वल्ली इन घंटों का प्रयोग हमेशा अपने “सैर-सपाटे” के लिए किया करती थी । जब वह अपने घर के दरवाजे पर खडी होकर बाहर देखती थी या फिर कई बार गांव में भी जाने का साहस कर लेती थी । आज वह इन घंटों का प्रयोग गाँव से बाहर उसके पहले भ्रमण के लिए करेगी ।
[PAGE 123] : कभी बस एक पेड़ रहित भूमि क्षेत्र, कभी किसी छोटे-से गाँव से भागती हुई तथा रास्ते के किनारे बनी किसी दुकान के पास सेनिकलती हुई आगे बढ़ रही थी । कई बार ऐसा प्रतीत होता था कि बस अपनी जोर आते हुए किसी दूसरे वाहन अथवा सड़क पार कर रहे किसी पद यात्री को निगल जाएगी । लेकिन यह तो सभी बाधाओं को सुरक्षित भय से पीछे छोड़ते हुए आराम से निकल जाती थी । वृक्ष उनकी जोर भागते हुए प्रतीत होते थे लेकिन जव बस उनके पास पहुँचती थी तो वे वहीं रुक जाते थे और सड़क के एक ओर एक पल के लिए असहाय हुए खडे रहते और फिर दूसरी दिशा में भागने लगते।
अचानक ही वल्ली ने (खुशी से) अपने दोनों हाथों से ताली बजा दी । एक छोटी-सी गाय हवा में अपनी पूँछ को उठाकर बहुत तेजी से भाग रही थी , बिल्कुल सड़क के बीच में, ठीक बस के सामने। बस की गति धीमी हो गई और चालक बार-बार हॉर्न बजा रहा था । लेकिन वह जितना ज्यादा हॉर्न बजाता पशु उतना अधिक भयभीत हो जाता तथा और तेजी से भागता हमेशा ठीक बस के आगे ।
[PAGE 124] :यह बात वल्ली को बहुत अधिक मनोरंजक लगी। वह तब तक हैंसती रहीँ जब तक कि उसकी आँखों से आंसू नहीं आ गए ।
‘अरे युवती, क्या तुम बहुत ज्यादा नहीं हैंस ली हो?’परिचालक ने आवाज़ लगाई, ‘बेहतर होगा, कुछ हैंसी कल के लिए बचाकर रख लो ।’
अंततः गाय सड़क से हट गई और शीघ्र ही बस एक रेलवे क्रॉसिंग के पास आ गई । दूर सेरेलगाड़ी एक छोटे से धब्बे के समान दिखाई दे रही थी , जैसे –जैसे वह निकट आ रही थी , बड़ी और बड़ी होती जा रही थी । तब वह बहुत अधिक शोर और खट – खट के साथ क्रॉसिंग गेट को पार कर गई, बस को हिलाते हुए । तब बस चल दी और उसने स्टेशन को पार किया । वहाँ से उसने एक अच्छी तरह से सजी हुई दुकानों वाले बाज़ार को पार किया और मुड़ने के बाद एक अधिक चौड़े रास्ते पर आ गई । इतनी बड़ी चमकदार दुकानें । वस्त्रों तथा बेचने की अन्य चीजों का कितना चमकदार प्रदर्शन हो रहा था । इतनी ज्यादा भीड़ !
हैरानी के कारण मूक बनी वल्ली हर चीज़ को मुँह खोले देखती रही ।
‘हे युवती,’ परिचालक ने कहा , ‘क्या तुम नीचे उतरने जाने के लिए तैयार नहीं हो ? तुम्हारे तीस पैसे तुम्हें यहीं तक ला सकते थे ।
‘नहीं , वल्ली ने कहा , ‘मैं इसी बस पर वापस जा रही हूँ ।’ उसने अपनी जेब से और तीस पैसे निकाले तथा सिक्के परिचालक को सौंप दिए ।
‘क्यों , क्या कुछ बात हो गई है ?’
‘नहीं , कोई बात नहीं है । मैं तो सिर्फ बस की सवारी करना चाहती थी और वह मैंने कर ली । ’
‘क्या तुम कुछ द्रश्यों को नहीं देखना चाहोगी , अब तब तुम यहाँ आ ही गई हो।”
‘बिल्कुल अकेली ? अरे , मुझे बहुत अधिक डर लगेगा ।”
लड़की के बोलने के ढ़ंग से अत्यधिक प्रसन्न होकर परिचालक ने कहा, लेकिन तुम्हें बस में आते समय तो डर नहीं लगा ।‘
‘उसमें डर वाली कोई बात नहीं थी ,’ उसने उत्तर दिया ।
‘ठीक है, तो फिर तुम वहाँ उस दुकान पर जाकर कुछ पीना क्यों नहीं चाहोगी ? उसमें तो डरने की भी कोई बात नहीं है ?’
‘अरे नहीं , मैं ऐसा नहीं कर सकती हूँ ।‘
‘ तो ठीक है , मुझे तुम्हारे लिए एक शीतल पेय लाने दो ।‘
[PAGE 125-126] : ‘नहीं , मेरे पास पर्याप्त पैसे नहीं हैं । बस मुझे तो टिकट दे दो , यही काफी है ।‘
यह मेरी तरफ से दावत रहेगी और इसका तुम्हें कोई खर्च नहीं करना पड़ेगा ।
‘नहीं , नहीं ’उसने दृढ़तापूर्वक कहा ,’कृपया नहीं । ’
परिचालक ने अपने कंधे सिकोड़ लिए तथा वे प्रतीक्षा करते रहे जब तक कि बस की वापसी की यात्रा का समय नहीं हो गया । दोबारा में फिर से अधिक यात्री नहीं थे ।
[PART-IV]
‘क्या तुम्हारी माँ तुम्हें ढूँढ नहीं रही होगी ?’ परिचालक ने पूछा जब उसने उसे टिकट दिया ।
‘नहीं , कोई भी मेरी तलाश नहीं कर रहा होगा ,’ उसने कहा ।
बस चल दी और फिर से वहाँ अदभुत दृश्य थे ।
वल्ली का मन बिल्कुल भी ऊबा और वह प्रत्येक चीज का उसी उत्साह से स्वागत कर रही थी जैसापहली बार देखने पर किया था । लेकिन अचानक ही उसने एक छोटी गाय को सड़क किनारे मृत पड़े हुए पाया, ठीक उसी स्थान पर जहाँ किसी तेज रफ़्तार वाले वाहन ने उसे टक्कर मारी थी।
‘क्या वह वहीं गाय नहीं है जो शहर आते समय हमारी बस के आगे भाग रही थी ?’उसने परिचालक से पूछा ।परिचालक ने हाँ में सिर हिलाया और उस पर उदासी छा गई । कुछ ही समय पहले जो एक प्यारा, सुन्दर जीव था अब अचानक अपनी सुन्दरता और जीवन खो चुका था और इतना भयानक और डरावना लग रहा था । जब वह वहाँ पड़ा हुआ था , टाँगें फैली हुई , बेजान आँखों में एक स्थायी टकटकी भरे हुए और सब जगह खून के साथ ।
बस आगे चल दी । मृत गाय की याद उसे परेशान कर रही थी , उसके उत्साह को ठंडा कर रही थी । अब वह खिड़की से बाहर नहीं देखना चाहती थी ।
वह अपनी सीट पर तब तक चिपकी हुई बैठी रही जब तक कि तीन चालीस पर बस उसके गाँव नहीं पहुँच गई। वह उठी और उसने एक अगड़ाई ली । तब वह परिचालक की ओर मुड़ी और कहा ,’अच्छा श्री मान जी , मैं आपसे फिर मिलने की आशा रखूँगी ।‘
[PAGE 125] :‘ठीक है , मैडम,’उसने उसे मुस्कराते हुए उत्तर दिया , जब कभी भी बस की सवारी करने का तुम्हारा मन करे ,तो हमारे साथ आ जाना और अपना किराया लाना मत भूलना ।‘
वह हँसी और उसने बस से छलाँग लगा दी । तब वह सीधी घर की ओर भाग गई ।
जब वह घर में घुसी तो उसने अपनी माँ को जागा हुआ पाया और दक्षिणी गलीमें रहने वाली वल्ली की एक मौसी से बातें करते हुए पाया । वह मौसी वास्तव में एक बातूनी थी , , यदि एक बारबोलना शुरु कर देती थी तो कभी अपना मुँह बंद नहीं करती थी ।
‘और तुम कहाँ थी ?’ उसकी मौसी ने पूछा जब वल्ली अंदर आई । वह बहुत बेरुखी से बोली ,उसे उत्तर की आशा नहीं थी । इसलिए वल्ली सिर्फ मुस्कराई और उसकी माँ तथा मौसी अपने वार्तालाप को जारी रखती रही ।
‘हाँ ,तुम ठीक हो ,’ उसकी माँ ने कहा , ‘कितनी सारी चीज़े हमारे में और हमारे से बाहर की दुनिया में होती है । हम संभवतः हर चीज़ के बारे मै कैसे जान सकते हैं और यदि हमें किसी बात के बारे में पता भी चल जाता है तो हम उसे पूर्णतया समझ नहीं पाते हैं ,क्या समझ पाते है ?’
ओह , हाँ !’ वल्ली ने सांस लेते हुए कहा ।
‘क्या ? उसकी माँ ने पूछा ,’तुमने क्या कहा ?’
‘ओह.’ वल्ली ने कहा , मैं तो केवल उस बात से सहमति व्यक्त कर रही थी जो आप कह रही थीं हमारी जानकारी के बिना घटित होने वाली बातों के बारे में ।‘
‘एक छोटी –सी लड़की है वह ,’उसकी मौसी ने कहा ।
‘और देखो वह हमारी बातचीत में बिना किसी मतलब के अपनी टाँग अड़ा रही है जैसेकि वह समझदारऔरत हो । ‘
वल्ली स्वयं पर मुस्कराई । वह नहीं चाहती थी कि वे उसकी मुस्कराहट आ अर्थ समझे । लेकिन फिर इसकी कोई ज्यादा सम्भावना भी नहीं थी , क्या थी ?
Madam Rides the Bus NCERT Solutions
Activity – Page No.94
1. Look at the words and phrases given below. Then put a tick against the ones you think you will find in the text.
_____a set of passengers _____ get on the bus
_____ get off the bus _____ platform
_____Tickets ,please _____a roar and a rattle
_____A row of seats _____slowing down to a crawl
_____blowing a whistle
Ans.
- a set of passengers
- get on the bus
- get oft the bus
- a roar and a rattle
2.You must have travelled by bus more than once. What can you sec from a fast-moving bus? Given below some suggestions. Speak briefly about some of these scenes. or about other such sines that you have seen; or write a sentence or two about them.
rivers green fields hills roadside shops marketplaces railway tracks moving trains vehicles on the road trees a crowd clothes in shops animals |
Ans. Usually, the following scenes can be seen from a fast-moving bus :
- green fields • roadside shops
- marketplaces • grazing animals
- moving trees • a crowd
- vehicles on the road • crops in fields
- people walking on the road • factories
- distant hills • rivers
- valleys
The above scenes are generally visible when the bus is moving in the plains and passing through cities. When the bus leaves the city, we can see green fields on both sides of the road. In these fields, we can see the grazing animals, standing crops, etc. We also see the trees moving towards us when the bus runs. We also see factories and the people walking on the road. When the bus passes through the cities, we can see marketplaces, crowds of people and roadside shops. But when the bus passes through a hilly area, we can see hills, far off mountains, rivers, valleys, etc. All these things look very charming and beautiful.
Oral Comprehension Check – Page No.97
Question 1: What was Valli’s favourite pastime?
Answer: Valli’s favourite pastime was to stand in the front doorway of her house and watch what was happening in the street outside.
Question 2: What was a source of unending joy for Valli? What was her strongest desire?
Answer: A source of unending joy for Valli was the sight of the bus that travelled between her village and the nearest town, filled with a new set of passengers each time it passed through her street. Her strongest desire was to ride on that bus.
Question 3: What did Valli find out about the bus journey? How did she find out these details?
Answer: Valli found out that the town was six miles from her village. The fare was thirty paise one way. The trip to the town took forty-five minutes. On reaching the town, if she stayed in her seat and paid another thirty paise, she could return home on the same bus. She found out these details by listening carefully to the conversations between her neighbours and the people who regularly used the bus. She also gained information by asking them a few questions.
Question 4: What do you think Valli was planning to do?
Answer: Valli was planning to travel on that bus.
Oral Comprehension Check – Page No.100
Question 1: Why does the conductor call Valli ‘madam’?
Answer: When the conductor stretched out his hand to help her get on the bus, Valli said commandingly that she could get on by herself, and that she did not require his help. She did not act like a child, but as a grown-up girl and therefore, the conductor called her ‘madam’.
Question 2: Why does Valli stand up on the seat? What does she see now?
Answer: Valli stood up on her seat because her view was cut off by a canvas blind that covered the lower part of her window. She stood up to look over the blind. She saw that the road was very narrow, on one side of which there was the canal and beyond it was palm trees, grassland, distant mountains, and the blue sky. On the other side, there was a deep ditch and many acres of green fields.
Question 3: What does Valli tell the elderly man when he calls her a child?
Answer: When the elderly man called her a child, Valli told him that there was nobody on the bus who was a child. She had paid her fare of thirty paise like everyone else.
Question 4: Why didn’t Valli want to make friends with the elderly woman?
Answer: Valli did not want to make friends with the elderly woman because she found her absolutely repulsive. She saw that the woman had big holes in her earlobes and very ugly earrings in them. She could smell the betel nut the woman was chewing and could see the betel juice that was almost about to spill over her lips. That is why she did not want to be sociable with her.
Oral Comprehension Check – Page No.103
Question 1: How did Valli save up money for her first journey? Was it easy for her?
Answer: Valli had carefully saved whatever stray coins came her way, resisting every temptation to buy peppermints, toys, balloons, and the like. Finally, she had saved sixty paise. No, it was not easy for her, especially at the village fair where she was tempted to ride the merry-go-round as she had the money. However, she suppressed her strong desire and saved the money for the bus ride.
Question 2: What did Valli see on her way that made her laugh?
Answer: Valli saw a young cow, whose tail was high in the air, running right in front of the bus in the middle of the road. The bus slowed and the driver sounded his horn loudly. However, the more he honked, the more frightened the cow became and it kept running faster and faster, right in front of the bus. Valli found it so amusing that she had tears in her eyes. At last, the cow moved off the road.
Question 3: Why didn’t she get off the bus at the bus station?
Answer: She did not get off the bus at the bus station because she had to go back on that same bus. She took out another thirty paise from her pocket and handed the coins to the conductor. She just wanted to ride on the bus.
Question 4: Why didn’t Valli want to go to the stall and have a drink? What does this tell you about her?
Answer: Valli did not want to go to the stall and have a drink because she did not have any money for that. Even when the conductor offered her a cold drink free of charge, she refused firmly and said that she only wanted her ticket. This shows that Valli had a lot of self-will and pride. Possibly, she did not want to take anything for free, particularly from a stranger.
Thinking About the Text – Page No.105
Question 1: What was Valli’s deepest desire? Find the words and phrases in the story that tells you this.
Answer: Valli’s strongest desire was to ride on the bus she saw every day. The sentences in the story which depict this are as follows: “Day after day she watched the bus, and gradually a tiny wish crept into her head and grew there: she wanted to ride on that bus, even if just once. This wish became stronger and stronger until it was an overwhelming desire.”
Question 2: How did Valli plan her bus ride? What did she find out about the bus, and how did she save up the fare?
Answer: Valli planned that she would take the one o’clock afternoon bus, reach the town at one forty-five, and be back home by about two forty-five. She found out that the town was six miles from her village. The fare was thirty paise one way. The trip to the town took forty-five minutes. On reaching the town, if she stayed in her seat and paid another thirty paise, she could return home on the same bus. She had carefully saved whatever stray coins came her way, resisting every temptation to buy peppermints, toys, balloons, and the like, and finally, she had saved sixty paise.
Question 3: What kind of a person is Valli? To answer this question, pick out the following sentences from the text and fill in the blanks. The words you fill in are the clues to your answer.
(i)Stop the bus! Stop the bus!” And a tiny hand was raised.
(ii)“Yes, I go to town,” said Valli, still standing outside the
(iii)“There’s nobody here “She said haughtily. ‘I: ve paid my thirty paise like everyone ”
(iv)“Never mind,” she said, “I can You don’t have to help “I’m not a child, I tell you,” she said, .
(v)“You needn’t bother about I ,” Valli said, turning her face toward the window and staring out.
(vi)Then she turned to the conductor and said, “Well, sir, I hope .
Answer:
(i)“Stop the bus! Stop the bus!” And a tiny hand was raised commandingly.
(ii)“Yes, I simply have to go to town,” said Valli, still standing outside the
(iii)“There’s nobody here who’s a child,” she said I’ve paid my thirty paise like everyone else.”
(iv)“Never mind,” she said, “I can get on by myself. You don’t have to help “I’m not a child, I tell you,” she said, irritably.
(v)“You needn’t bother about I can take care of myself,” Valli said, turning her face toward the window and staring out.
(vi)Then she turned to the conductor and said, “Well, sir, I hope to see you ” For Valli, the bus journey probably symbolised the adult world. Like anyone else, she spent her money to buy the ticket. She would have attained a great sense of pride and satisfaction in doing so. Therefore, though a child, Valli wanted to be treated as a grown-up on the bus. She had a great sense of self-respect which prevented her from taking anyone’s help. She felt she was able to take care of herself very well and was easily irritated when anyone treated her as a child.
Question 4: Why does the conductor refer to Valli as ‘madam’?
Answer: When the conductor stretched out his hand to help her get on the bus, Valli said commandingly that she could get on by herself, and that she did not require his help. She did not act like a child, but as a grown-up girl and therefore, the conductor called her ‘madam’. When the elderly man called her a child and asked her to sit down on her seat, she replied that nobody was a child on the bus. She kept stressing on the fact that she had paid her fare like everybody else and therefore, she should not be treated differently.
Question 5: Find the lines in the text which tell you that Valli was enjoying her ride on the bus.
Answer: The following lines in the text show that Valli was enjoying her ride on the bus:
(i)“Valli devoured everything with her ”
(ii)“On the one side there was the canal and, beyond it, palm trees, grassland, distant mountains, and the blue, blue
(iii)n the other side was a deep ditch and then acres and acres of green fields − green, green, green, as far as the eye could see. Oh, it was all so wonderful!”
(iv)“Everyone laughed, and gradually Valli too joined in the Suddenly, Valli clapped her hands with glee.”
(v)“Somehow this was very funny to She laughed and laughed until there were tears in her eyes.”
(vi)“Valli wasn’t bored to the slightest and greeted everything with the same excitement she’d felt the first ”
Question 6: Why does Valli refuse to look out of the window on her way back?
Answer: Valli refused to look out of the window on her way back because she saw a young cow lying dead by the roadside, just where it had been struck by some fast-moving vehicle. It was the same cow that was running in front of their bus, during their trip to the town. She was overcome with sadness. The memory of the dead cow haunted her and therefore, she refused to look out of the window.
Question 7: What does Valli mean when she says, “I was just agreeing with what you said about things happening without our knowledge.”
Answer: Valli’s mother said that many things happen around us, but we are usually unaware of them. Valli had gone on a bus ride to town, all alone, and had come back without any harm. She did all this without the knowledge of her mother. Hence, she agreed with what her mother said.
Question 8: The author describes the things that Valii sees from an eight-year-old’s point of view. Can you find evidence from the text for this statement?
Answer: The author has described the things that Valli saw from an eight-year-old’s point of view. She was fascinated by a bus. Watching the bus filled with a new set of people each time was a source of unending joy for her. Her strongest desire was to ride the bus. She saved money by cutting on peppermints, toys, and balloons, and even resisting the temptation to ride the merry-go-round at the fair.
When the author describes the bus, the points he stresses on are the colour and look of the bus. It was a ‘new bus’, painted a ‘gleaming white’. The overhead bars ‘shone like silver’. The seats were ‘soft and luxurious’.
The descriptions that the author gives when Valli looked outside are also typical for an eight-year-old. The ‘blue, blue sky’ and the ‘acres and acres of green fields − green, green, green’ show the enthusiasm of a kid on looking at different colours. Valli clapped her hands in glee on watching a cow run right in front of the bus. She found it so funny that tears came into her eyes.
On the other hand, she was overcome with sadness on her way back when she saw the same cow lying dead. It had been a ‘lovable, beautiful creature’ and later it ‘looked so horrible’. The memory of the dead cow haunted her so much that she refused to look outside the window. These are the typical reactions of a young child.
Speaking – Page no.105
This story has a lot of people talking in it. The conductor jokes and laughs with Valli, some passengers try to show their concern for her, and her mother and her aunt spend time chatting.
Read the conversations carefully. ‘Then think of similar people or similar situations that you have experienced. Mimic a person or persons who spoke to you, saying what they said, along with your replies.
Ans. I often travel by bus. The memory of one such journey is still fresh in my mind. The conductor of the bus was a very jolly person. He was perhaps a man who could never be sad. He replied to every question in a humorous way. I saw the bus stand. I went near it asked the conductor where the bus would go. He looked at me and said, “How can the bus go? Do you find any legs attached to the bus?”
Everyone laughed. I too enjoyed the joke. In the meantime, someone had told me that the bus was going to Delhi. It was the right bus so I boarded it. After some time a person asked the conductor as to what was the last stop of the bus. At this conductor replied. “The last stop of every bus is the junk dealer’s shop.” Again everybody laughed. At the next stop, an old man boarded the bus.
He was a stammered while tallying. He said something to the conductor. who replied, “Sir, applying the brakes is the driver’s job. Why do you apply brakes when speaking?” Thus the conductor kept making humorous remarks. As a result, I and the other passengers had a good time.
Writing – Page No.105
Write a page—about three paragraphs—on one of the following topics.
1. Have you ever planned something entirely on your own, without taking grown-ups into your confidence? What did you plan, and how? Did you carry out your plan?
Ans. What I planned Entirely on My Own
I remember that once I planned a visit to the International book fair on my town, without taking any elders into confidence. I am a book lover. When I learnt that an international book fair was being held in Delhi. I could not resist the temptation of visiting it. I told my father that I wanted to visit my uncle who lived in Delhi.
After some hesitation, my father agreed. A few days ago I had won a cash prize at a declamation contest held in our school. So I had money in my pocket for the books. My father gave me the bus fare. I was very happy. On reaching Delhi, I boarded a local bus for the Pragati Maidan.
After one hour, I reached the book fair site. I was thrilled to see so many book stalls there. I kept money only for the return fare and spent the rest of the money on the books. I purchased some very good books. I shall always remember that visit.
2. Have you made a journey that was unforgettable in some way? What made it memorable?
Ans. My Unforgettable Journey
Once I went to Ludhiana by bus. That journey will always remain fresh in my mind Everything went the wrong for the start to the finish. First of all, I was late for the bus. I hired an auto-rickshaw for the bus stand Hut the auto-rickshaw struck an electric pole and turned over. Luckily I escaped without any injury.
I rushed to the bus stand and found the bus just left. I ran very hard and was able to catch it. But as I entered the bus. I collided against a lady who was standing. She asked me if I was blind, Everyone laughed at me. I was red in the face.
Then the bus broke down on the way. After waiting for one hour for the bus to be repaired., I finally took another bus. I reached Ludhiana at night. Then I forgot the adders of my friend. kept wandering in his colony. However, all is well that ends well. Luckily I found my friend coming in the street. I went to his room and heaved a sigh of relief.
3. Are you concerned about traffic and road safety? What are your concerns? How would vets make road travel safer and more enjoyable?
Ans. My Concern about Traffic and Road Sitlely
I am concerned about traffic and road safety. In India. the traffic rules are very commonly ignored. As a result, there are many accidents in which numerous people lose their lives.
We must follow the traffic rules for our own and others’ safety. We should keep to the left while driving on the road. We should use the zebra crossing while crossing the mad. When we are driving a vehicle, we must slow it when we approach the zebra crossing.
The most important thing is that the public should be educated about traffic rules and traffic safety, The police must check the traffic violations strictly. Those who violate the traffic rules should be punished severely.