In the Kingdom of Fools Summary in Hindi | Easy Language

By | February 20, 2023
In the Kingdom of Fools Summary in Hindi edumantra.net

In the Kingdom of Fools Summary in Hindi is written by experts. Go through and gain confidence. We at edumantra highly appreciate your feedback regarding In the Kingdom of Fools Full Story in Hindi.

In the Kingdom of Fools Summary in Hindi

By- A.K. Ramanujan’s

एक समय में मूर्खों का एक राज्य था । राज्य में राजा और मंत्री दोनों मूर्ख थे ।  वे दूसरे राजाओं से भिन्न तरीके से शासन करना चाहते थे । उन्होंने आदेश दिया कि रात को सभी लोगों को जाग कर काम करना है; जैसे ही सूर्योदय होगा, सभी को सो जाना है । जिस किसी ने आज्ञा का उल्लंघन किया उसे मृत्युदंड मिलना था । एक दिन एक गुरु और उसका शिष्य शहर में पहुँचे ।
भरी दोपहरी थी और हर कोई सोया हुआ था । जैसे ही सूर्यास्त हुआ , पूरा नगर जाग उठा और अपने काम पर लग गया । दोनों व्यक्ति भूखे थे । वे कुछ किराने का सामान खरीदने गए । उन्होंने देखा कि हर चीज का एक ही दाम था – एक डड्डू । जब वे खाना पका कर खा चुके तो गुरु को एहसास हुआ कि मूर्खो के एक राज्य में ठहरना बुद्धिमानी नहीं होगी ।
किन्तु शिष्य वह स्थान छोड़ कर जाना नहीं चाहता था क्योंकि वहां हर चीज़ सस्ती थी । इसलिए गुरु वहाँ से चला गया और शिष्य वहीं ठहर गया । वह हर दिन भर पेट खाने लगा और मोटा हो गया ।

[pt_view id=”de6d2950gt”]


एक दिन एक चोर दीवार में सेंध लगा कर एक धनी व्यापारी के घर के अन्दर घुस गया । जैसे को वह अपनी लूट का सामान लेकर बाहर जा रहा था, मकान की दीवार उसके सिर पर गिर गई और वह उसी समय मर गया । चोर का भाई दौड़ता हुआ राजा के पास गया और उसने शिकायत की कि एक मज़बूत दीवार नहीं बनाने के अपराध से व्यापारी को दंड मिलना चाहिए । राजा ने व्यापारी को बुला भेजा ।
किन्तु व्यापारी ने विनती की कि वास्तव यह उस  व्यक्ति का दोष था जिसने दीवार बनाई थी । राजमिस्त्री को लाया गया । उसने कहा कि जब वह दीवार बना रहा था तो उसका ध्यान एक नर्तकी पर चला गया था । वह पूरा दिन अपनी पायल बजाती हुई उस सड़क पर आती- जाती रही थी । उस नर्तकी को दरबार में लाया गया । उसने अपनी तरफ से सफाई पेश की कि उसने सोनार को अपने लिए कुछ आभूषण बनाने के लिए कुछ सोना दिया हुआ था । सोनार एक आलसी व्यक्ति था । उसने काम को करने में देर लगाई । उसने दर्जनों बार उससे अपने घर के चक्कर लगवाए ।
जब सोनार को राजा के सामने लाया गया तो उसने कहा कि उसे पहले एक धनी व्यापारी का काम करना था । उस व्यापारी के घर में विवाह था और वह प्रतीक्षा करने को तैयार नहीं था उसी कारण से उसने  नर्तकी से इतनी बार अपने घर के चक्कर लगवाए । राजा ने उससे उस धनी व्यापारी का नाम पूछा । वह धनी व्यापारी और कोई नहीं , वही था जिसकी दीवार गिर गई थी । किन्तु व्यापारी चिल्लाया कि उसने नहीं बल्कि उसके मृत पिता ने आभूषण बनाने का काम सोनार को दिया था । राजा ने कहा कि अपने पिता की जगह पर उसे दंड मिलना वाजिब था ।
प्राणदंड के लिए एक नई सूली बनाकर तैयार रखने का आदेश दिया गया । मंत्री को यह विचार आया कि सूली पर सही तरीके से भर डालने के लिए वह धनी व्यापारी बहूत पतला था । उसने इस बारे में राजा से बात –चीत की । यह निर्णय लिया गया कि सूली पर चढ़ाने के लिए किसी उपयुक्त मोटे व्यक्ति को ढूंढा जाए । नौकरों  की नज़र उस शिष्य पर पड़ गई जो महीनों से केले, चावल, गेहूँ और घी खा-खा कर मोटा हो गया था । उसे राजा के पास ले जाया गया ।  शिष्य ने विनती की वह निर्दोष था किन्तु सब व्यर्थ गया।

जिस दौरान वह अपनी मृत्यु की प्रतीक्षा कर रहा था उसने गुरु को याद किया । गुरु ने अपनी जादुई शक्ति से सब कुछ देख लिया । वह अपने शिष्य को बचाने के लिए तुरन्त वहाँ पहुँच गया ।  उसने अपने शिष्य के कान में कुछ कहा ।  फिर उसने राजा से निवेदन किया कि पहले उसे सूली पर चढ़ाया जाए ।  जब शिष्य ने यह सुना तो उसने कहा कि उसे वहाँ पहले लाया गया था और इसलिए पहले उसे मृत्युदंड मिलना चाहिए ।  राजा उनके व्यवहार से चक्कर में पड़ गया ।
उसने पूछा कि उनमें से प्रत्येक पहले क्यों मरना चाहता था ।  गुरु ने हिचकिचाते हुए उत्तर दिया कि जो पहले सूली पर चढ़ेगा वह आपले जन्म में पैदा होकर उस देश का राजा बनेगा ।  जो उसके बाद मरेगा वह उस देश का भावी मंत्री बनेगा ।  
राजा दूसरे जन्म में अपना राज्य किसी दूसरे के हाथ में नहीं खोना चाहता था ।  उसने और उसके मंत्री ने निर्णय लिया कि वे स्वयं सूली पर चढ़ जाएँगे और राजा और मंत्री के रूप में फिर से जन्म लेंगें ।  राजा ने जल्लादों से कहा कि उनके पास जो पहला व्यक्ति आएगा उसे पहले मार डालना है और फिर वैसा ही दूसरे आने वाले व्यक्ति के साथ करना है ।   उस रात राजा और उसका मंत्री चुपके से कैदखाने में गए और उन्होंने गुरु और शिष्य को आज़ाद कर दिया ।
फिर उन्होंने उन दोनों का वेश धारण किया और स्वयं को मौत के घाट उतरवा लिया ।  लोगों ने अब गुरु और शिष्य को उनका राजा और मन्त्री बनने के लिए याचना की । दोनों मान गए और उन्होंने सभी पुराने कानूनों को बदल दिया ।  उस दिन के बाद से रात को रात रहना था और दिन को दिन । इसके अतिरिक्त एक डड्डू में कुछ भी नहीं मिलना था ।  वह जगह किसी भी अन्य जगह की तरह बन गई ।

[pt_view id=”f1e1d4aefd”]