NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sanchayan Chapter – 2 स्मृति

By | March 10, 2021
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NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 2 स्मृति यहाँ सरल शब्दों में दिया जा रहा है|  NCERT Hindi book for class 9 Sanchayan Solutions के Chapter 2 स्मृति  को आसानी से समझ में आने के लिए हमने प्रश्नों के उत्तरों को इस प्रकार लिखा है की कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक बात कही जा सके| इस पेज में आपको NCERT solutions for class 9 hindi Sanchayan दिया जा रहा है|

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sanchayan Chapter 2 स्मृति

shri ram sharma

बोधप्रश्न

प्रश्न 1. भाई के बुलाने पर घर लौटते समय लेखक के मन में किस बात का डर था?

उत्तर : भाई के बुलाने पर घर लौटते समय लेखक के मन में भाई के हाथ से पिटाई होने का डर था। लेखक को लग रहा था कि बड़े भाई को बेर तोड़ने वाली बात पता चल गई होगी या उसकी किसी और शरारत का पता चल गया होगा और इसलिए वे उसे पीटने के लिए बुला रहे होंगे। पिटाई के खयाल से ही लेखक का दिल दहल उठा था।

प्रश्न 2. मक्खनपुर पढ़ने जाने वाली बच्चों की टोली रास्ते में पड़ने वाले कुएँ में ढेला क्यों फेंकती थी?

पढ़ने जाने वाली बच्चों की टोली रास्ते में पड़ने वाले कुएँ में ढेला

उत्तर: बच्चे स्वभाव से नटखट होते हैं। मक्खनपुर पढ़ने जाने के रास्ते में एक सूखा कुआँ था। उसमें एक साँप गिर गया था। अपने नटखट स्वभाव के कारण साँप को तंग करने और उसकी फुसकार सुनने के लिए बच्चे कुएँ में ढेले फेंका करते थे। उसकी आवाज़ सुनने के बाद अपनी आवाज़ की प्रतिध्वनि सुनने की इच्छा उनके मन में रहती थी।

प्रश्न 3. ‘साँप ने फुसकार मारी या नहीं, ढेला उसे लगा या नहीं, यह बात अब तक स्मरण नहीं’-यह कथन लेखक की किस मनोदशा को स्पष्ट करता है?

साँप

उत्तर साँप की फुफकार होने या उसे ढेला लगने या न लगने की बात लेखक को अब तक याद नहीं, क्योंकि कुएँ में ढेला मारते समय उसकी टोपी में रखी चिट्ठियाँ चक्कर काटती हुई कुएँ में गिर रही थीं। चिठियों को यूँ गिरते देखकर लेखक अपनी भावी पिटाई को सोचकर भयभीत हो गया। उक्त कथन लेखक की भयाक्रांत, निराश और घबराहट भरी मनोदशा को स्पष्ट करता है।

प्रश्न 4. किन कारणों से लेखक ने चिट्ठियों को कुएँ से निकालने का निर्णय लिया?

उत्तर :चिट्ठियाँ कुएँ में गिर जाने के कारण लेखक के सामने यह समस्या उत्पन्न हुई कि यदि उन्होंने इस बात को बड़े भाई को बता दिया तो उनकी खूब पिटाई हो जाएगी। यदि नहीं बताएंगे, तो वे अपराधबोध से ग्रस्त होंगे। लेखक झूठ नहीं बोलना चाहते थे। इसलिए लेखक ने खतरे को आमंत्रित कर चिठियों को कुएँ से निकाल लेने का निर्णय किया।

प्रश्न 5. साँप का ध्यान बँटाने के लिए लेखक ने क्याक्या युक्तियाँ अपनाई?

उत्तर : साँप का ध्यान बंटाने के लिए लेखक ने निम्न युक्तियाँ अपनाईं –

(क) सबसे पहले उसके ऊपर मिट्टी गिराई ।

(ख) चिट्ठियाँ खिसकाने के लिए डंडे का प्रयोग किया ।

(ग) साँप का ध्यान भटकाकर उसे उसके आसन से हटाया ।

(घ) अंत में उसने फटाफट अपनी चिट्ठियाँ उठा लीं ।

प्रश्न 6. कुएँ में उतरकर चिट्ठियों को निकालने संबंधी साहसिक वर्णन को अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर : चिट्ठियाँ सूखे कुएँ में गिर पड़ी थीं। कुएँ में साँप था। कुएँ में उतरकर चिट्ठियाँ लाना बड़ा ही साहस का कार्य कुएँथा। लेखक ने इस चुनौती का स्वीकार किया। लेखक ने छः धोतियों को जोड़कर डंडा बाँधा और एक सिरे को कुएँ में डालकर उसके दूसरे सिरे को कुएँ के चारों ओर घुमाने के बाद गाँठ लगाकर अपने छोटे भाई को पकड़ा दिया। लेखक इसी धोती के सहारे कुएँ में उतरा। जब वह धरातल के चार-पाँच गज उपर था, उसने साँप को फन फैलाए देखा। वह कुछ हाथ ऊपर धोती पकड़े लटका रहा ताकि वह उसके आक्रमण से बच जाए।

साँप को धोती पर लटककर मारना संभव नहीं था और डंडा चलाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी। उसने डंडे से चिट्ठियों को खिसकाने का प्रयास किया कि साँप डंडे से चिपक गया। साँप का पिछला हिस्सा लेखक के हाथ को छू गया। लेखक ने डंडा फेंक दिया। डंडा लेखक की ओर खीच आने से साँप का आसन बदल गया और लेखक ने तुरंत लिफाफे और पोस्टकार्ड चुन लिए और उन्हें अपनी धोती के छोर में बाँध लिया।

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प्रश्न 7. इस पाठ को पढ़ने के बाद किनकिन बालसुलभ शरारतों के विषय में पता चलता है?

उत्तर: इस पाठ को पढ़ने के बाद अनेक बाल सुलभ शरारतों का पता चलता है; जैसे-

इस पाठ से कई बाल सुलभ शरारतों का पता चलता है। बच्चे अक्सर पेड़ों से बेर, आम और अमरूद तोड़ कर खाया करते हैं। वे बिना मतलब जहाँ तहाँ ढ़ेले फेंकते हैं। वे साँप को देखकर उसे मारने निकल पड़ते हैं। लेकिन आजकल के शहरी बच्चे ऐसी शरारतें नहीं कर पाते हैं।

प्रश्न 8. ‘मनुष्य का अनुमान और भावी योजनाएँ कभीकभी कितनी मिथ्या और उलटी निकलती हैं’-का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: मनुष्य अपनी स्थिति का सामना करने के लिए स्वयं ही अनुमान लगाता है और अपने हिसाब से भावी योजनाएँ भी बनाता है। परन्तु ये अनुमान और योजनाएँ पूरी तरह से ठीक उतरे ऐसा नहीं होता। कई बार यह गलत भी हो जाती हैं। जो मनुष्य चाहता है, उसका उल्टा हो जाता है। अत: कल्पना और वास्तविकता में हमेशा अंतर होता है।

प्रश्न 9. ‘फल तो किसी दूसरी शक्ति पर निर्भर है’-पाठ के संदर्भ में इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: लेखक ने अपने बड़े भाई की पिटाई से बचने एवं चिट्ठियाँ डाकखाने में पहुँचाने की जिम्मेदारी के कारण उसने कुएँ में उतरने का निर्णय किया। वह कुएँ में पड़े विषैले साँप से होने वाले भावी खतरों को भी जानता था। इस जोखिमपूर्ण कार्य में उसकी मृत्यु भी हो सकती थी। उसने परिणाम पर कम ध्यान देकर चिट्ठियाँ उठाने में अपना पूरा ध्यान लगाया। उसने अपने उद्देश्य को सामने रखकर कार्य किया, क्योंकि फल तो किसी दूसरी शक्ति पर निर्भर करता है।

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