NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 14 चंद्र गहना से लौटती बेर

By | June 2, 2022
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 14 चंद्र गहना से लौटती बेर

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 14 चंद्र गहना से लौटती बेर यहाँ सरल शब्दों में दिया जा रहा है.  Chandra Gehna Se Lauti Ber Question Answer को आसानी से समझ में आने के लिए हमने प्रश्नों के उत्तरों को इस प्रकार लिखा है की कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक बात कही जा सके.

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 14 चंद्र गहना से लौटती बेर

Kedarnath Agarwal

प्रश्नअभ्यास

1.‘इस विजन में……..अधिक है’- पंक्तियों में नगरीय संस्कृति के प्रति कवि का क्या आक्रोश है और क्यों?

उत्तर:- इन पंक्तियों में कवि ने शहरी रिश्तों पर अपना आक्रोश जताया है। कवि के अनुसार शहरी लोगो में अपनत्व की भावना नही होती |वे सिर्फ अपने स्वार्थ में लिप्त होते हैं |वे प्रेम और प्रकति से काफी दूर होते हैं | वही उससे दूर गांव के लोगों में प्रेम और अपनत्व अधिक होता है |क्योंकि यहां लोग एक दूसरे से प्रेम-भाव रखते हैं और संवेदनशील होते हैं। इसीलिए कवि को गांव व वहां की प्रकृति से ज्यादा लगाव है।

2. सरसो को सयानीकहकर कवि क्या कहना चाहता होगा?

सरसो को ‘सयानी’ कहकर कवि क्या कहना चाहता होगा

उत्तर:- जब लड़की सयानी हो जाती है तो उसके हाथ पीले कर दिए जाते हैं, उसी प्रकार कवि ने सरसों को भी सयानी बताया है क्योंकि वह भी पक चुकी है और उसको काटने का समय आ चुका है |

3. अलसी के मनोभावों का वर्णन कीजिए।

उत्तर:- प्रस्तुत कविता में कवि के अनुसार अलसी एक जिद्दी व्  हठीली नायिका है |उसने नीले रंग के पुष्प लिए हुए हैं |और उसने प्रण लिया है कि जो भी सबसे पहले उन फूलों को छुएगा वह उसे ही अपना दिल देगी और उसे ही अपना स्वामी बनाएगी |

4. अलसी के लिए हठीलीविशेषण का प्रयोग क्यों किया गया है?

उत्तर:- अलसी के लिए कवि ने ‘हठीली’ शब्द का प्रयोग इसलिए किया है क्योंकि वह ज़िद्दी राजकुमारी की तरह सर पर फूलों का ताज सजाकर खड़ी है और अपनी महत्ता जताती है और उसकी जिद है कि जो उसे सबसे पहले उसका  स्पर्श करेगा, वह उसी को अपना हृदय देगी और अपना स्वामी बनाएगी ।

5.चांदी का बड़ासा गोल खंभामें कवि की किस सूक्ष्म कल्पना का आभास मिलता है?

उत्तर:- यहाँ कवि ने चांदी का बड़ा-सा गोल खंभा’ की तुलना शहरी  चकाचौंध और शहरी भौतिक सुख सुविधाओं से की है | इसमें कवि ने शहरी लोगों की मानसिकता को निर्देशित किया है। यहाँ कवि यह दर्शाता है कि शहरी लोगों की इच्छाएं कभी खत्म नहीं होती वह कभी संतुष्ट नहीं हो पाते |चांदी के बड़े खम्बे के माध्यम से कवि ने मानव प्रकति का अत्यंत सूक्ष्म वर्णन किया है |

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6. कविता के आधार पर हरे चनेका सौंदर्य अपने शब्दों में चित्रित कीजिए।

उत्तर:- इस कविता में कवि ने हरे चने के रूप सोन्दर्य का वर्णन किसी मानव के रूप में किया है |कवि कहते है कि चने के पौधे बहुत  छोटे दिखाई दे रहे हैं और  उनके ऊपर लगे गुलाबी फूल जो खिले हुए हैं वह ऐसे प्रतीत हो रहे हैं मानो जैसे कोई दूल्हा गुलाबी पगड़ी पहने खड़ा हुआ हो |और वे सज-धजकर स्वयंवर के लिए खड़े हो।

7. कवि ने प्रकृति का मानवीकरण कहांकहां किया है?

उत्तर:- कवि के द्वारा किया गया प्रकृति का मानवीकरण –

1.यह हरा ठिगना चना, बांधे मुरैठा शीश पर। छोटे गुलाबी फूल का, सज कर खड़ा है।

यहां कवि ने हरे चने के पौधे को बौना मनुष्य बताया है।

2. पास ही मिल कर उगी है, बीच में अलसी हठीली। देह की पतली, कमर की है लचीली, नील फूले फूल को सिर पर चढ़ा कर। कह रही है, जो छुए यह, दूं हृदय का दान उसको।

इन पंक्तियों में अलसी को जिद्दी नायिका  बतलाया है।

3. और सरसों की न पूछो, हो गई सबसे सयानी, हाथ पीले कर लिए हैं, ब्याह-मंडप में पधारी।

इन पंक्तियों में कवि ने सरसों को जवान लड़की से संबोधित किया है।

5. बांझ भूमि पर, इधर-उधर रींवा के पेड़, कांटेदार कुरूप खड़े हैं।

इन  पंक्तियों में कवि ने धरती को बांझ बताया है।

8. कविता में से उन पंक्तियों को ढूंढिए जिनमें निम्नलिखित भाव व्यंजित हो रहा है

और चारों तरफ़ सूखी और उजाड़ जमीन है लेकिन वहां भी तोते का मधुर स्वर मन को स्पंदित कर रहा है।

उत्तर:-

बांझ भूमि पर

इधरउधर रींवा के पेड़

कांटेदार कुरूप खड़े हैं।

सुन पड़ता है

मीठामीठा रास टपकाता

सुग्गे का सर्वर

टें टें टें टें;सुन पड़ता है।

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रचना और अभिव्यक्ति

9. और सरसों की न पूछो’- इस उक्ति में बात को कहने का एक खास अंदाज है। हम इस प्रकार की शैली का प्रयोग कब और क्यों करते हैं?

उत्तर:- इस प्रकार की शैली  का  प्रयोग में बहुत  बढ़ा चढ़ा कर किसी की विशेषताओं को बताने में किया  जाता है व उसकी सराहना करने के लिए किया जाता है। यह एक अप्रत्यक्ष रूप से बात कहने का तरीका है।इस से सुनने वाले को भी आनंद आता है |

सफेद पंखों वाली चिड़िया

10. काले माथे और आपकी दृष्टि में किस प्रकार के व्यक्तित्व का प्रतीक हो सकती हैं?

उत्तर:- काले माथे और सफ़ेद पंखों वाली चिड़िया चतुर व स्वार्थी,अक्रामक ,उग्र व्यक्तित्व वाले मनुष्य को प्रदर्शित करती है।यह एक दोहरे व्यक्तित्व का प्रतीक हो सकती है |

भाषा अध्यन

11. बीते के़ बराबर, ठिगना, मुरैठा, आदि सामान्य बोलचाल के शब्द हैं, लेकिन कविता में इन्हीं से सौंदर्य उभरा है और कविता सहज बन पड़ी है। कविता में आए ऐसी ही अन्य शब्दों की सूची बनाइए।

उत्तर:- हठीली, पतली, लचीली, अकेला, सयानी, ब्याह-मंडप, पोखर, लहरियां, खंभा, चंचल, ध्यान-निद्रा, काले माथे, उजली चटुल, स्वच्छंद, अनपढ़ चौड़ी, पहाड़ियां, कुरूप, टपकाता, आदि।

12. कविता को पढ़ते समय कुछ मुहावरे मानसपटल पर उभर आते हैं, उन्हें लिखिए और अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

उत्तर:- प्रस्तुत कविता में आए कुछ मुहावरे –

1.सिर पर चढ़ना :(अधिक लाड प्यार करना, अधिक छूट देना )रमा की माँ ने उसे अधिक प्यार देकर उसे सर पर चढ़ा लिया |

2. ह्रदय दान करना (किसी के प्रति समर्पित हो जाना ) मुझे अनिल से पहली नज़र में ही प्रेम हो गया था और तभी मैंने उसे अपना हृदय दान कर दिया था।

3. पैरों तले रखना : (सेवक बना कर रखना )पूँजीपति वर्ग समाज के लोगों को अपने पैरों के तले रखते हैं।

4. सयानी होना (जवान होना ) कल तक जिस बेटी को गोद में लेकर फूलों की तरह खिलाया आज वो कितनी सयानी हो गयी |

5. हाथ पीले करना – (शादी करना) बेटी के माता-पिता की यही इच्छा होती है कि वे उचित समय पर अपनी बेटी के हाथ पीले कर दें।

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