विज्ञापन और हमारा जीवन | Vigyapan aur Hamara Jeevan

By | May 11, 2023
विज्ञापन और हमारा जीवन

विज्ञापन और हमारा जीवन के सम्बन्ध को समझने से पूर्व हमें जानना होगा कि विज्ञापन का अर्थ क्या है. दरअसल यह एक प्रचार का  माध्यम है जो वस्तु या सेवा को अधिक से अधिक उपभोक्ताओं को आकर्षित करने में मदद करता है . समाचार-पत्र भी एक साधन है विज्ञापन का.

विज्ञापन और हमारा जीवन

विज्ञापन के उद्देश्य – किसी वस्तु, विचार, कार्यक्रम या संदेश के प्रचार-प्रसार के लिए जो साधन-सामग्री प्रयोग में लाई जाती है, उसे विज्ञापन कहते हैं. विज्ञापन का उद्देश्य संबंधित वस्तु या संदेश को दूर-दूर तक फैलाना होता है.
विज्ञापनों के विविध प्रकार – विज्ञापनों के अनेक प्रकार होते हैं. सामाजिक विज्ञापनों के अंतर्गत दहेज, नशा, परिवार-नियोजन आदि संदेश आते हैं. विभिन्न कार्यक्रमों, रैलियों, आंदोलनों के विज्ञापन भी इसके अंतर्गत आते हैं. कुछ विज्ञापन विवाह, नौकरी, संपत्ति की खरीद-बेच संबंधी होते हैं. सबसे लोकप्रिय और लुभावने विज्ञापन होते हैं – व्यापारिक विज्ञापन. व्यापारी और उद्योगपति अपने माल को दूर-दूर तक बेचने के लिए अत्यंत आकर्षक विज्ञापनों का प्रयोग करते हैं.
विज्ञापन का जीवन पर प्रभाव – मनुष्य कौन सा माल खरीदें – इसमें विज्ञापनों की भूमिका सबसे बड़ी होती है. कोई भी व्यक्ति दुकान पर खड़ा होकर विविध वस्तुओं को ही चुन पाता है. चाहे बाजार में कितने भी श्रेष्ठ साबुन उपलब्ध हों, किन्तु ग्राहक उन्हीं को खरीदा है जिनका उसने विज्ञापन सुना है. जब मनुष्य बहुत सारी विविधताओं में फँस जाता है तो विज्ञापन ही निर्णय कराने में सहायक होते हैं.
विज्ञापन प्रभावकारी होते हैं. इसलिए उनका सामाजिक दायित्व भी बहुत बड़ा होता है. प्रायः माल बेचने के लिए भ्रामक विज्ञापन दिए जाते हैं. गलत तथा दूषित माल बेचने के लिए भी आकर्षक सितारों का उपयोग किया जाता है. पीछे शाहरुख खान से कहा गया कि वे कोका कोला या पेप्सी आदि हानिकारक पेयों का विज्ञापन न करें. परंतु उन्होंने पैसे के लोभ में इसकी जिम्मेदारी सरकार पर डाल दी. वास्तव में विज्ञापन से जुड़े हर व्यक्ति का कर्तव्य है कि वे भ्रामक विज्ञापन न छापें. इससे समाज में गलत वस्तुओं और संदेशों को प्रचार होता है.
निष्कर्ष – यह है कि विज्ञापनों में समाज को प्रभावित करने की अद्भुत शक्ति है. ये सरकार, व्यापार तथा समाज के लिए वरदान है. परंतु गलत हाथों में पड़कर इनका दुरुपयोग भी हो सकता है. इस दुरूपयोग से बचा जाना चाहिए.