The Happy Prince Summary in Hindi written by experts. Go through and gain confidence. We at edumantra highly appreciate your feedback regarding The Happy Prince Summary in Hindi Class 9.
The Happy Prince Summary in Hindi
By- OSCAR WILDE
नगर में एक ऊँचे स्तम्भ के ऊपर एक सुन्दर बुत लगा हुआ था । यह प्रसन्नचित्त राजकुमार का बुत था । वह सोने की पत्तियों से ढका था । इसकी आँखें नीलम से बनी थीं और इसकी तलवार की मूठ पर एक लाल माणिक जडा हुआ था ।
प्रसन्नचित्त राजकुमार जब जीवित था तो यह एक खुशी भरे महल में रहता था और वह सदैव प्रसन्न रहता था । उसे पता नहीं था कि आँसू क्या होते है । इसलिए उसके दरबारी उसे हैप्पी प्रिन्स (प्रसन्नचित्त राजकुमार) कहा करते थे । उसकी मृत्यु के बाद उसका बुत इतनी ऊँचाई पर स्थापित किया गया कि उसे नगर में रहने वाले सभी लोगों का दु:खी जीवन स्पष्ट दिखलाई देता था । जब वह यह सब देखता तो उसकी आँखों में आँसू भर आते । वह गरीबों की सहायता करना चाहता था किन्तु बेबस था क्योंकि उसके पांव बुत की चौकी के साथ बन्धे हुए थे । फिर भी उसने एक छोटे पक्षी के माध्यम से जरूरतमंदों की सहायता की ।
राजकुमार ने एक अबाबील को अपने पैरों के मध्य विश्राम करते देखा । उसने अबाबील से कहा कि दूर एक गली में किसी गरीब का घर था । एक निर्धन स्त्री वहां रहती थी । उसका पुत्र बीमार था । उसे बुखार था और वह सन्तरे खाना चाहता था । लेकिन निर्धन स्त्री के पास सन्तरे खरीदने के कोई पैसे नहीं थे । राजकुमार ने अबाबील से कहा कि वह उसकी तलवार की मूठ से माणिक उखाड़ कर ले जाए और निर्धन स्त्री के पास पहुंचा दे । अबाबील ने वैसा ही किया और माणिक को ले जाकर निर्धन स्त्री के पास रख दिया । उसने लड़के के माथे पर अपने परों से पंखा भी किया ।
[pt_view id=”0dd46dcfd0″]
इसके बाद राजकुमार ने अन्धेरे कमरे में बैठा हुआ एक युवक देखा । यह युवक एक नाटक लिख रहा था | किन्तु सर्दी इतनी ज्यादा थी कि वह आगे लिख नहीं पा रहा था । उसके पास जलाने की लकड़ी खरीदने के लिए कोई पैसे नहीं थे ।राजकुमार ने अबाबील से कहा कि वह उसकी एक आंख में मे नीलम निकाले तथा उस युवक के पास ले जाए । अबाबील रोने लगा क्योंकि वह ऐसा नहीं करना चाहता था । उसके ऐसा करने से राजकुमार ने एक आंख से अन्धा को जाना था । किन्तु राजकुमार ने अबाबील को आदेश दिया कि वह ऐसा ही करे और नीलम को निकाल कर उस युवक के पास ले जाए ताकि वह जलाने की लकड़ी खरीद सके और फिर अपना नाटक लिख कर पूरा कर सके ।
दूसरे दिन राजकुमार ने अबाबील को बताया कि माचिस बेचने वाली लड़की की माचिस की डिब्बियाँ एक नाले में गिर गई थी । वह रो रही थी क्योंकि वह डरती थी कि यदि वह कुछ पैसे घर नहीं ले जाएगी , उसका पिता उसे पीटेगा । प्रसन्नचित्त राजकुमार ने अबाबील से कहा कि वह उसकी दूसरी आँख का नीलम निकाल कर उस नन्हीं ग़रीब लड़की के पास ले जाए । अबाबील ऐसा नहीं करना चाहता था क्योंकि उसके ऐसा करने से राजकुमार ने पूरा अन्धा हो जाना था । किन्तु राजकुमार ने अबाबील को आदेश दिया कि वह उसके कहे अनुसार नीलम को गरीब लड़की के पास ले जाए ।
राजकुमार अब पूरी तरह अन्धा हो गया । इसलिए अबाबील ने हमेशा उसके साथ रहने का निश्चय कर लिया । राजकुमार ने अबाबील से कहा कि कहा कि वह उड़ कर पूरे नगर में जाए और सभी जगह के द्रश्य के बारे में उसे बताए । अबाबील ने राजकुमार को सूचित किया कि गरीब लोग बहुत दुःखी जीवन व्यतीत कर रहे है ।
राजकुमार ने अबाबील से कहा कि उसके बदन की सोने पत्तियाँ एक –एक करके गरीबों के लिए ले जाए । अबाबील ने वैसा ही किया । गरीब बच्चों को अब खाने के लिए भोजन मिलने लगा । वे हँसने लगे और गलियों में खेलने लगे । उनके चेहरे गुलाब की तरह खिल गए । लेकिन सारा सोना उतरने के बाद राजकुमार का बुत अब बदसूरत लगने लगा । उसी शीत ऋतु में अबाबील कि मृत्यु हो गई । उसका मृत शरीर राजकुमार के पैरों में जा गिरा । यह देखकर राजकुमार का दिल टूट गया , यधपि यह सीसे का बना हुआ था ।
अगली सुबह जब नगर का मेयर उधर से गुजरा तो उसने उस भद्दे बुत को देखा । उसने तुरन्त उसे गिराने का आदेश दे दिया । बुत को एक भट्टी में पिघला दिया गया लेकिन टूटा हुआ दिल न पिघल सका । इसलिए उसे एक कूड़े के ढेर पर फेंक दिया गया जहाँ मृत अबाबील भी पड़ा हुआ था ।
ईश्वर ने अपने दूतों में से एक दूत को भेजा कि वह उस नगर की दो सर्वाधिक मूल्यवान चीज़े चुन कर लाए । दूत ने उस सीसे के दिल को तथा मृत अबाबील को चुना । ईश्वर दूत से बहुत प्रसन्न हुआ । उसने कहा कि दूत का चुनाव बिल्कुल सही था । ईश्वर ने इन दोनों को अपने स्वर्ग में स्थान प्रदान किया । ईश्वर ने कहा कि छोटा पक्षी उसके बाग़ में गाया करेगा और प्रसन्नचित्त राजकुमार (हैप्पी प्रिन्स) उसके सुनहरे स्वर्ग की प्रशंसा किया करेगा ।
[pt_view id=”fe77094cpk”]