Childhood- Summary in Hindi – Full Text

Childhood

By- Markus Naito

Summary in Hindi

 यह कविता बचपन से किशोरावस्था अथवा युवावस्था की ओर बढ़ने पर जो स्थिति बनती है उसकी जानकारी देती है I केवल बच्चा ही एक आयु सीमा तक सरल हृदय, विश्वास कर लेने वाला तथा दब्बू या विनम्र रहता है I आयु एवं शारीरिक विकास के साथ-साथ वैचारिक परिवर्तन भी आ जाते हैं I

 कवि यह सोचकर हैरान है कि उसका बचपन किस दौरान पीछे छूट गया और वह किशोर बन गया I शायद उसके जीवन में यह मोड़ आयु के कारण आया जब वह 11 वर्ष पार कर गया, उसने मूक पर रहकर बड़े लोगों की बातों पर विश्वास करना छोड़ दिया I वह स्वर्ग और नर्क के अस्तित्व पर ही संदेह करने लगा I उसे लगा यह सब कल्पना की उपज है, क्योंकि इसका कोई भौगोलिक प्रमाण नहीं है I

ज्यों-ज्यों वह बड़ा हुआ उसे यह देखकर गहरा झटका लगा कि वयस्क लोग पक्के झूठे हैं I उनकी करनी और कथनी में कोई सामंजस्य नहीं होता I वे उपदेश तो प्रेम का देते हैं पर स्वयं घ्रणा से बाहर नहीं निकल पाते I वे स्वार्थी, लोभी तथा संदिग्ध रहते हैं I
एक और विचार कवि के मन में आता है जब वह बचपन से निकलकर वयस्क बन गया था I यह तब हुआ जब वह अन्य लोगों से भिन्न प्रकार का स्वतंत्र चिंतन करने लगा I वह लोगों तथा उनके कथन की आलोचना करने लगा I  इस आत्मविश्वास ने उसे परिपक्वता का एहसास करा दिया I
पर इन विकल्पों में से कोई भी कभी को संतुष्ट नहीं कर पाता उसे लगता है कि बच्चे का भोलापन तथा सहज विश्वास कर लेने वाला गुण अब वह कभी नहीं हासिल कर पाएगा I  बचपन तो एक श्रेणी है, एक आरम्भ होता है I एक बार उस सीमा रेखा को पार कर लेने के बाद आप दुनियादारी में निपुण तथा दुष्ट भी बन जाते हैंI

Childhood- Introduction

Childhood- Short & Detailed Summary

Childhood- Comprehension Passages

Childhood- Important Extra Questions Short Answer Type

Childhood- Important Extra Questions Long Answer Type

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