NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter-6 प्रेमचंद के फटे जूते

By | June 2, 2022
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter-6 प्रेमचंद के फटे जूते

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter-6 प्रेमचंद के फटे जूते यहाँ सरल शब्दों में दिया जा रहा है.  Prem Chand ke Phate Joote Question Answer को आसानी से समझ में आने के लिए हमने प्रश्नों के उत्तरों को इस प्रकार लिखा है की कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक बात कही जा सके.

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter-6 प्रेमचंद के फटे जूते

Class 9 Hindi Kshitij Chapter-6 प्रेमचंद के फटे जूते Harishankar Parsai

प्रश्न अभ्यास

1.हरिशंकर परसाई ने प्रेमचंद का जो शब्दचित्र हमारे सामने प्रस्तुत किया है उससे प्रेमचंद के व्यक्तित्व की कौनकौन सी विशेषताएं उभर कर आती है?

उत्तर:-  हरिशंकर परसाई ने प्रेमचंद का जो शब्दचित्र हमारे सामने प्रस्तुत किया है उससे पता चलता है कि वे एक साधारण, यथार्थवादी नम्र व हंसमुख व्यक्ति थे। उनके विचार बहुत ही उच्च थे और वे सामाजिक बुराइयों से दूर रहते थे |वे दिखावे व ढोंग में विश्वास नहीं रखते थे। उनके लिए उनका स्वाभिमान व आत्मसम्मान दिखावे से ज्यादा जरूरी था और वे समाज की कुरीतियों से कोसों दूर थे। फटा जूता पहनकर भी उनके चेहरे पर व्यंग्यपूर्ण मुस्कान थी, जिससे पता चलता है कि वे कितने खुशमिजाज व्यक्ति थे और हमेशा खुश रहते थे क्योंकि उनका मानना था कि खुशियां धन-दौलत की आदि नहीं होती।

प्रेमचंद के फटे जूते

2. सही कथन के सामने () का निशान लगाइए

(). बाएं पांव का जूता ठीक है मगर दाहिने जूते में बड़ा छेद हो गया है जिसमें से अंगुली बाहर निकल आई है।

(). लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खींचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए।

(). तुम्हारी यह व्यंग्य मुस्कान मेरे हौसले बढ़ाती है।

(). जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ अंगूठे से इशारा करते हो?

उत्तर:-  (ख)लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खींचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए।

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3. नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट किजिए

(क) जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पचीसों टोपियाँ न्योछावर होती हैं।

(). तुम परदे का महत्त्व ही नहीं जानते, हम परदे पर कुर्बान हो रहे हैं।

(). जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ़ हाथ की नहीं, पांव की अंगुली से इशारा करते हो?

उत्तर:- (क).  यह व्यंग्य लेखक ने आजकल के सम्मान के ऊपर किया है, जिसमें जूते के समान महत्व रखने वाली चीजें, जैसे-संपत्ति, समृद्धि, लोकप्रियता, व दिखावे को ज्यादा महत्व दिया जाता है, टोपी के समान महत्वपूर्ण रखने वाली चीजों, जैसे- मान-मर्यादा, सम्मान, आदर्श, प्रेम-भाव, एकता, आदि के बजाए। अप्रत्यक्ष रूप से यह सारी चीजें दिखावे का ही एक रूप है, जोकि आजकल के समाज में सबसे बड़ी बहुत ज्यादा पाया जाता है।

(ख). इस कथन में पर्दे की तुलना सम्मान व् इज्जत से की गयी है |कुछ लोगों को इज्जत बहुत प्यारी होती है जो अपना सब कुछ गंवां कर भी उसे पाने की चेष्टा करते हैं | जहां आजकल के समाज में लोग अपनी परिस्थितियों व असलियत को छुपाकर रखते हैं और बढ़ा-चढ़ाकर दिखावा करते हैं; वहीं कुछ प्रेमचंद जैसे लोग भी हैं, जिनको इस बेबुनियादी दिखावे से कोई मतलब नहीं है।

(ग). इस कथन में लेखक ने प्रेमचंद के व्यक्तित्व की एक विशेषता का वर्णन किया है और बताया है कि जिनसे वे घृणा रखते है, उनको इस लायक भी नहीं समझते कि उनकी तरफ हाथ से इशारा करें; इसलिए वे उनकी तरफ पैर के अंगूठे से इशारा करते हैं, जिसका तात्पर्य है कि वे उसे अनदेखा करके उसकी अवहेलना व उपेक्षा करते हैं।

4. पाठ में एक जगह पर लेखक सोचता है कि फोटो खिंचाने की अगर यह पोशाक है तो पहनने की कैसी होगी?’ लेकिन अगले ही पल वह विचार बदलता है कि नहीं, इस आदमी की अलगअलग पोशाकें नहीं होंगी।आपके अनुसार इस संदर्भ में प्रेमचंद के बारे में लेखक के विचार बदलने की क्या वजहें हो सकती है?

उत्तर:- पहले लेखक प्रेमचंद के साधारण व्यक्तित्व को परिभाषित करना चाहते हैं कि खास समय में ये इतने साधारण हैं तो साधारण मौकों पर ये इससे भी अधिक साधारण होते होंगे | आमतौर पर लोग घर पर साधारण पोशाक पहनते हैं और जब कभी बाहर जाते हैं तो अच्छी पोशाक पहनकर जाते हैं; वहीं अगर उनको फोटो खींचनी हो तो और भी अच्छी पोशाक पहनकर तैयार होते हैं, लेकिन प्रेमचंद जी ने तो फोटो भी फटे जूतों में खिंचवा ली। यही कारण है कि लेखक ने अपना विचार बदल लिया क्योंकि उनको लगा कि जिस व्यक्ति ने फोटो खिंचवाने को भी महत्व नहीं दिया, वह और किसी भी तरह के दिखावे में भी यकीन नहीं रखता होगा।

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5. आपने यह व्यंग्य पढ़ा। इसे पढ़कर आपको लेखक की कौन सी बातें आकर्षित करती हैं?

उत्तर:- लेखक के इस कथन से पता चलता है कि वे एक स्पष्ट वक्ता और चतुर व्यक्ति है। उन्होंने अपने प्रत्येक विचार को व्यंग्य के रूप में बड़ी ही चतुराई के साथ कहा है। इस व्यंग्य से पता लगाया जा सकता है कि कितनी बुद्धिमता से लेखक ने प्रेमचंद के ऊपर व्यंग्य कसकर, अप्रत्यक्ष रूप से समाज के उस हिस्से, जो दिखावे के जीवन में विश्वास रखता है, का मजाक उड़ाया है। इससे हमें यह भी पता चलता है कि लेखक स्वयं भी इन सब सामाजिक दोषों से दूर है।

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6. पाठ में टीलेशब्द का प्रयोग किन संदर्भ को इंगित करने के लिए किया गया होगा?

उत्तर:- टीला रस्ते की रुकावट का प्रतीक है | प्रस्तुत पाठ में ‘टीले’ शब्द का प्रयोग व्यक्ति के जीवन में आने वाली कठिनाइयों, बाधाओं व रुकावटों के लिए किया गया है। साथ-ही-साथ यह शब्द उन सामाजिक दोषों के लिए भी उपयोग किया गया है जिनकी वजह से व्यक्ति या तो अपना रास्ता बदल लेता है या खुद बदल जाता है; लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो किसी भी तरह का समझौता नहीं करते और हर मुश्किल का सामना करते हुए आगे बढ़ते हैं।

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रचना और अभिव्यक्ति

7. प्रेमचंद के फटे जूते को आधार बनाकर परसाई जी ने यह व्यंग्य लिखा है। आप भी किसी व्यक्ति की पोशाक को आधार बनाकर एक व्यंग्य लिखिए।

उत्तर:- शहर के प्रसिद्ध समाजसेवी गणेशीलाल की कि पहचान उनका गमछा है जो हमेशा उनके कंधे पर शोभित रहता है। गमछे के बिना उनका व्यक्तित्व आधा-अधूरा है। लोग तो यहाँ तक कहते हैं कि इस परिधान का आविष्कार उनके लिए ही हुआ है। हर मौसम में आप उन्हें गमछे के साथ देख सकते हैं। यों तो उनके पास तरह-तरह के गमछे हैं पर वे जिस एक का प्रयोग करना शुरू कर देते हैं, उसे तब तक रगड़ते हैं जब तक कि वह मधुमक्खी के छत्ते की तरह छिद्रमय नहीं हो जाता। गमछे का प्रत्येक छेद उनसे विनती करता है कि हे प्रभु, मुझ पर तरस खाओ कि अब मुझमें इतनी शक्ति नहीं है कि आपको गर्मी, ठंड और बरसात की मार से बचा सकूँ। गणेशीलाल को भी अपने दो-तीन साल पुराने साथी की बात में सच्चाई दिखती है और वे शहर में किसी बूढ़े या बीमार व्यक्ति के मरने की प्रतीक्षा करने लगते हैं। वे अपने नए गमछे का उद्घाटन किसी शवयात्रा में शामिल होकर ही करते हैं, शुभ मुहूर्त में।

8. आपकी दृष्टि में वेशभूषा के प्रति लोगों की सोच में आज क्या परिवर्तन आया है?

उत्तर:आजकल के समाज में वेशभूषा व परिधान व्यक्ति के जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। व्यक्ति के चरित्र, उसकी हैसियत, उसकी समाज में इज्जत व उसकी प्रतिष्ठा का अंदाजा भी आजकल उसकी पोशाक से ही लगाया जाता है। आजकल की दुनिया में दिखावा बहुत जरूरी हो गया है क्योंकि जो व्यक्ति दिखावा न करके सादा जीवन जीने में विश्वास रखता है उसे आजकल की आधुनिकता में पिछड़ा हुआ और असभ्य माना जाता है।

भाषाअध्ययन

9. पाठ में आए मुहावरे छांटिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

उत्तर:- (). मुझे अब पछतावा हो रहा है कि मैंने अपना इतना कीमती वक्त क्यों जाया किया।

().  उस की दयनीय हालत देखकर मैं रो पड़ी।

(). अचानक मेरी नजर उसके कीमती व सुंदर गहनों पर अटक गई।

(). प्रतिस्पर्धा में इतने धुरंधरों को देखकर मेरे तो हौसले ही पस्त हो गए गए।

10. प्रेमचंद के व्यक्तित्व को उभारने के लिए लेखक ने जिन विशेषणों का उपयोग किया है उनकी सूची बनाइए।

उत्तर:- प्रेमचंद के व्यक्तित्व को उभारने के लिए लेखक ने निम्नलिखित विशेषणों का उपयोग किया है:-

1.साहित्यिक पुरखे

2. महान कथाकार

3. उपन्यास सम्राट

4. युग प्रवर्तक

5. जनता के लेखक

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