NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 16 यमराज की दिशा

By | June 2, 2022
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 16 यमराज की दिशा

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 16 यमराज की दिशा यहाँ सरल शब्दों में दिया जा रहा है. Yamraj ki Disha Class 9 को आसानी से समझ में आने के लिए हमने प्रश्नों के उत्तरों को इस प्रकार लिखा है की कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक बात कही जा सके.

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 16 यमराज की दिशा

चंद्रकांत देवताले Chapter 16 यमराज की दिशा

प्रश्नअभ्यास

1.कवि को दक्षिण दिशा पहचानने में कभी मुश्किल क्यों नहीं हुई?

उत्तर:- कवि की मां उन्हें हमेशा कहती थी कि दक्षिण दिशा यम (मृत्यु के देवता) की दिशा है और इस दिशा में पैर करके सोने से यमराज क्रोधित होते हैं, और इस दिशा में पैर करके सोना बिलकुल अच्छा नहीं होता। कवि को हमेशा यह बात याद रहती थी और इसीलिए उनको दक्षिण दिशा पहचानने में कभी मुश्किल नहीं हुई।

2. कवि ने ऐसा क्यों कहा कि दक्षिण दिशा को लांघ लेना संभव नहीं था?

Class 9 Hindi Kshitiz Chapter - 16 यमराज की दिशा

उत्तर:- दक्षिण दिशा कोई सुनिश्चित स्थान नहीं है जहां पहुंचा जा सके। और इस कविता में कवि का दक्षिण दिशा से आशय है कि ब्रह्मांड अंनत है अत :उसका कोई अंत नही है| उसी प्रकार बुराई और शोषण का कोई अंत नही है यह चारों ओर फैली हुई है | दक्षिण दिशा की कोई निश्चित सीमाएं नहीं है,इसलिए दक्षिण दिशा को लांघलेना संभव नहीं था|

3. कवि के अनुसार आज हर दिशा दक्षिण दिशा क्यों हो गई है?

उत्तर:- यहां कवि का दक्षिण दिशा से तात्पर्य है कि आज बुराई नकारात्मकता और स्वार्थ चारों  ओर फ़ैल चुका है  आज के समय में ऐसी कोई भी जगह नहीं बची है जहां यह सब नहीं है।इसलिए कवि को हर दिशा में यमराज का ही घर नजर आता है | इस बढ़ती आधुनिकता के साथ-साथ दुनिया में ऐसी चीजों का भी निर्माण हो रहा है जो विनाश कारक है; जैसे-परमाणु हथियार, बम, बंदूके, आदि। इन सबसे हमारे समाज से नैतिक मूल्य भी खत्म होते जा रहे हैं इसलिए कवि के अनुसार हर दिशा दक्षिण दिशा है।

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4. भाव स्पष्ट कीजिए

सभी दिशाओं में यमराज के आलीशान मकान हैं

और वे सभी में एक साथ

अपनी दहकती आंखों सहित विराजते हैं।

उत्तर:- इन पंक्तियों से लेखक का आशय है किआज के आधुनिक समाज में हम जैसे जैसे आगे बढ़ते जा रहे हैं हमारे समाज में बुराइयाँ और नकारात्मकता भी उतनी ही बढती जा रही है | कहीं अपराधी नेता बनकर घोटाले कर रहे हैं और बेचारी जनता पर अत्याचार कर रहे हैं, तो कहीं भ्रष्ट अफसर रिश्वत लेकर घटिया काम कर रहे हैं। और इनके पास महलों जैसे घर है और संपत्ति है, जिनमें ये यमराज की तरह विराजमान है। इन्होंने पूरी सृष्टि पर कब्जा कर रखा है और आम आदमी के लिए ऐसा कोई स्थान नहीं रह गया जहां वह इनसे बच सके। इसलिए इन पंक्तियों कवि ने कहा है कि यमराज अपनी अंगारों जैसी दहकती आँखों के साथ हमारे चारों तरफ, सभी दिशाओं में विराजते हैं।

रचना और अभिव्यक्ति

5. कवि की मां ईश्वर से प्रेरणा पाकर उसे कुछ मार्गनिर्देश देती है। आपकी मां भी समयसमय पर आपको सीख देती होंगी

(). वह आपको क्या सीख देती है?

(). क्या उसकी हर सीख आपको उचित जान पड़ती है? यदि हां तो क्यों और नहीं तो क्यों नहीं?

उत्तर:- (). हमारी मां हमें हमेशा अच्छे कर्म करने, सबके साथ एक समान व्यवहार करने, मेहनती बनने, और सबकी मदद करने ,दयालु बनने, कभी ना हार मानने व भगवान पर आस्था बनाये रखने की सीख देती है।

(ख). हां, हमें हमारी मां की हर सीख उचित लगती है क्योंकि वे हमसे बड़ी है और हर माँ अपने बच्चे का भला ही चाहती है और उन्होंने हमसे ज़्यादा दुनिया देखी है। कई बार ऐसा होता है कि हमें लगता है कि ज़माना बदल गया है और मां को आजकल दुनिया के बारे में कुछ नहीं पता; लेकिन ऐसा नहीं होता, क्योंकि उनके पास एक बहुत महत्त्वपूर्ण चीज होती है और वह है- अनुभव।

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6. कभीकभी उचित अनुचित के निर्णय के पीछे ईश्वर का भय दिखाना आवश्यक हो जाता है इसके क्या कारण हो सकते हैं

उत्तर:- कभी-कभी उचित अनुचित के लिए ईश्वर का भय दिखाना जरूरी है क्योंकि इससे समाज में होने वाले अपराधों व दुष्कर्मौं से बचा जा सकता है और अच्छे जीवन के लिए आवश्यक नैतिक-मूल्यों को भी कायम रखा जा सकता है। इस प्रकार संसार में लोगों का ईश्वर पर विश्वास भी बना रहता है; जोकि लोगों में सकारात्मकता व इंसानियत के लिए अत्यधिक आवश्यक है।

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