NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 2 पद

By | June 4, 2022
NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 2 पद

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 2 पद यहाँ सरल शब्दों में दिया जा रहा है.  Class 10 Hindi Sparsh Ch 2 Question Answer को आसानी से समझ में आने के लिए हमने प्रश्नों के उत्तरों को इस प्रकार लिखा है की कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक बात कही जा सके.

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 2 पद

प्रश्न अभ्यास

() निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

1.पहले पद में मीरा ने हरि से अपनी पीड़ा हरने की विनती किस प्रकार की है?

उत्तर:- पहले पद में मीरा ने हरि से अपनी पीड़ा हरने की विनती उन्हें उनके उन रूपों का स्मरण कराकर करती हैं जिसके द्वारा उन्होंने अपने भक्तों की रक्षा की थी| वे उन्हें कहती हैं कि जिस प्रकार उन्होंने द्रौपदी का वस्त्र बढ़ाकर भरी सभा में उसकी लाज बचाई, प्रह्लाद की रक्षा करने के लिए नरसिंह का रुप धारण करके हिरण्यकश्यप को मारा, डूबते हुए गजराज को बचाया और कष्ट दूर करने के लिए मगरमच्छ को मारा| उसी प्रकार वे उनकी भी पीड़ा दूर करें

2. दूसरे पद में मीराबाई श्याम की चाकरी क्यों करना चाहती हैं? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:- दूसरे पद में मीरा श्री कृष्ण की नौकर बनने की विनती इसलिए करती है क्यों कि वह श्री कृष्ण के दर्शन का एक भी मौका खोना नहीं चाहती है। वह कहती है कि मैं बगीचा लगाऊँगी ताकि रोज सुबह उठते ही मुझे श्री कृष्ण के दर्शन हो सकें।

3. मीराबाई ने श्रीकृष्ण के रूपसौंदर्य का वर्णन कैसे किया है?

उत्तर:- मीराबाई ने श्रीकृष्ण के रूप-सौंदर्य का वर्णन करते हुए बताया है कि उनके सर पर विराजित मोर मुकुट, तन पर धारण पीले वस्त्र एवं गले में सुशोभित वैजंती माला बहुत ही आकर्षक लगते है। और जब वे वृंदावन में अपनी गायों को चराते हुए बांसुरी बजाते हैं, तब वह दृश्य बेहद मनमोहक लगता है।

We hope you are enjoying the NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 2 पद

4. मीराबाई की भाषा शैली पर प्रकाश डालिए।

उत्तर:- मीराबाई ने अपने पदों में ब्रज, पंजाबी, राजस्थानी, गुजराती आदि भाषाओं का प्रयोग किया गया है। भाषा अत्यंत सहज और सुबोध है। शब्द चयन भावानुकूल है। भाषा में कोमलता, मधुरता और सरसता के गुण विद्यमान हैं। अपनी प्रेम की पीड़ा को अभिव्यक्त करने के लिए उन्होंने अत्यंत भावानुकूल शब्दावली का प्रयोग किया है। भक्ति भाव के कारण शांत रस प्रमुख है तथा प्रसाद गुण की भावाभिव्यक्ति हुई है। मीराबाई श्रीकृष्ण की अनन्य उपासिका हैं। वे अपने आराध्य देव से अपनी पीड़ा का हरण करने की विनती कर रही हैं। इसमें कृष्ण के प्रति श्रद्धा, भक्ति और विश्वास के भाव की अभिव्यंजना हुई है। मीराबाई की भाषा में अनेक अलंकारों जैसे अनुप्रास, रूपक, उपमा, उत्प्रेक्षा, उदाहरण आदि अलंकारों का सफल प्रयोग हुआ है।

5. वे श्रीकृष्ण को पाने के लिए क्याक्या कार्य करने को तैयार हैं?

उत्तर:-कवयित्री मीरा अपने कृष्ण को पाने के लिए-

उनकी चाकरी करना चाहती हैं।

उनके बार-बार दर्शन करना चाहती हैं। इसके लिए वे विशाल भवन में बाग लगाना चाहती हैं।

वे वृंदावन की गलियों में घूम-घूमकर कृष्ण के गुणगान करना चाहती हैं।

वे कुसुंबी साड़ी पहनकर अर्धरात्रि में यमुना किनारे श्रीकृष्ण से मिलना चाहती हैं।

मीराबाई ने संसार की सारी मोह-माया का त्यागकर अपना संपूर्ण जीवन श्रीकृष्ण को समर्पित कर दिया हैं।

 वे श्रीकृष्ण को अपना प्रियतम मानती हैं और उनके समीप रहना चाहती है।

() निम्नलिखित पंक्तियों का काव्यसौंदर्य स्पष्ट कीजिए

1.हरि आप हरो जन री भीर।

द्रोपदी री लाज राखी, आप बढ़ायो चीर।

भगत कारण रूप नरहरि, धर्यो आप सरीर।

उत्तर:- मीरा कहती हैं आप सबके दुख दूर करने वाले है जिस प्रकार आपने सभा में उपस्थित लोगों के सामने द्रौपदी की साड़ी बढ़कार उसकी लाज बचायी थी अर्थात द्रौपदी को लज्जित होने से बचा लिया और भक्त पहलाद की प्राणों की रक्षा के लिए आपने नरसिंह अवतार अर्थात आधा नर व आधा सिंह का रूप धारण करके पहलाद को बचा लिया। ठीक उसी प्रकार है कृष्ण भगवान आप मुझे भी अपने दर्शन देेकर मेरी भी पीड़ा अर्थात कृष्टों को दूर करें।

This content has been designed by the experts keeping in mind the exam score.  Go through NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 2 पद and add highest value to your studies.

2. बूढ़तो गजराज राख्यो, काटी कुण्जर पीर।

दासी मीराँ लाल गिरधर, हरो म्हारी भीर।

उत्तर:- प्रस्तुत पंक्तियां मीराबाई के पदों से ली गई है जिसमें मीराबाई ने श्री कृष्ण को जगत का दुःख-हर्ता बताया है और उनकी लीलाओं का बखान किया है। उन्होंने कहा है कि जिस प्रकार आपने डूबते हुए हाथी को बचाया और उसे मगरमच्छ के मुंह से निकाला, उसी प्रकार अपनी दासी मीरा की भी पीड़ा दूर करो।

3. चाकरी में दरसण पास्यूँ, सुमरण पास्यूँ खरची।

भाव भगती जागीरी पास्यूँ, तीनूं बाताँ सरसी।

उत्तर:- मीराबाई कृष्ण से कहती है आपकी सेविका बनकर में आपके नित्य दर्शन कर सकूंगी एवं आपके दर्शनरूपी धन को पाप्त कर सकूंगी। आपके नाम का स्मरण कर, याद रूपी धन को खर्च कर सकूंगी और इस प्रकार मैं आपकी भाव भक्ति रूपी संपत्ति को प्रा सकूंगी।

भाषाअध्ययन

1.उदाहरण के आधार पर पाठ में आए निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित रूप लिखिए –

उदाहरण:-

भीर – पीड़ा, कष्ट, दुख;  री – की

चीर, बूढ़ता, धारयो, लगास्यूँ, कुंजर, घणा, बिन्दराव, सरसी, रहज्यूँ, हिवडा, राख।

उत्तर:-

चीर – वस्त्र, कपड़े

बूढ़ता – डूबता

धारयो – धारण करना

लगास्यूँ – लगाऊंगी

कुण्जर – हाथी

घणा – काफ़ी, बहुत

बिन्दराव – वृंदावन

सरसी – पूरी होगी

रहस्युं – रहूंगी

हिवडा – दिल/ह्रदय

राखो – रखो

कुसुंबी – लाल रंग की