NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sanchayan Chapter 1 हरिहर काका मिथिलेश्वर

By | June 4, 2022
NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sanchayan Chapter 1 हरिहर काका मिथिलेश्वर

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sanchayan Chapter 1 हरिहर काका मिथिलेश्वर यहाँ सरल शब्दों में दिया जा रहा है. Harihar Kaka Class 10 NCERT को आसानी से समझ में आने के लिए हमने प्रश्नों के उत्तरों को इस प्रकार लिखा है की कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक बात कही जा सके.

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sanchayan Chapter 1 हरिहर काका मिथिलेश्वर

बोधप्रश्न

1.कथावाचक और हरिहर काका के बीच क्या संबंध है और इसके क्या कारण हैं?

उत्तर:- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, कथावाचक और हरिहर काका के बीच प्यार और स्नेह भरा संबंध था। दोनों एक-दूसरे के पड़ोसी थे। जब लेखक बड़े हुए तो उनकी पहली मित्रता हरिहर काका के साथ ही हुई थी। दोनों आपस में कोई बात नहीं छिपाते थे। हर संभव एक-दूसरे कि सहायता किया करते थे। उम्र में अंतर होने के बावजूद भी दोनों के बीच आत्मीय संबंध था। 

2. हरिहर काका को महंत और अपने भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगने लगे?

उत्तर:- हरिहर काका को महंत और अपने भाई एक ही श्रेणी के लगने लगे क्योंकि-

  • हरिहर काका के भाई भी महंत की तरह स्वार्थी और मतलबी थे हरिहर काका के भाइयों ने भी महंत की तरह ही स्वयं की स्वार्थ पूर्ति के लिए हरिहर काका से प्रेम व आत्मीयता का ढोंग रचा व उनका आदर सत्कार करने का नाटक किया।
  • हरिहर काका के भाइयों ने भी महंत की तरह ही उनकी जमीन पाने के लिए उन पर अत्याचार किए और उन्हें जानवरों की तरह मारा।
  • हरिहर काका के भाई व महंत सभी उनके शुभचिंतक होने का दावा करते थे, लेकिन उन सभी की नजर केवल हरिहर काका की जमीन-जायदाद पर थी।

3. ठाकुरबारी के प्रति गांव वालों के मन में अपार श्रद्धा के जो भाव हैं उससे उनकी किस मनोवृति का पता चलता है?

उत्तर:- ठाकुरबारी के प्रति गाँववालों के मन में जो अपार श्रद्धा के भाव थे उनसे गाँववालों की ठाकुरजी के प्रति अगाध विश्वास, भक्ति-भावना ईश्वर में आस्तिकता, और एक प्रकार की अंधश्रद्धा जैसी मनोवृतियों का पता चलता है। क्योंकि गाँववाले अपनी हर छोटी-बड़ी सफलता का श्रेय ठाकुरबारी को ही देते थे।

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4. अनपढ़ होते हुए भी हरिहर काका दुनिया की बेहतर समझ रखते हैं? कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:- हरिहर काका पढ़े-लिखे नहीं थे परंतु उन्हें दुनियादारी की बहुत समझ थी। ज़बरदस्ती जमीन को अपने नाम कराने के लिए उनके भाई उन्हें डराते थे। जब उन्हें सब के असली रंग दिख गए तब उन्होंने यह सोच लिया था, कि उनके भाई चाहे कितना दिखावा करे या महंत भङकाए वह अपनी जमीन किसी को नहीं देंगे। जब उनके भाइयों ने उन्हें धोखा दिया और महंत ने भी उनपर घात किया तब उनको यह समझ आ गया, कि उनसे किसी को कोई प्यार नहीं है। जो प्यार उन्हें मिल रहा है वह सिर्फ जायदाद के लिए है।

5. हरिहर काका को जबरन उठा ले जाने वाले कौन थे? उन्होंने उनके साथ कैसा बर्ताव किया?

उत्तर:- मंहत ने हरिहर काका को बहुत प्रलोभन दिए जिससे वह अपनी ज़मीन जायदाद ठाकुर बाड़ी के नाम कर दे परन्तु काका इस बात के लिए तैयार नहीं थे। वे सोच रहे थे कि क्या भगवान के लिए अपने भाइयों से धोखा करूँ? यह उन्हें सही भी नहीं लग रहा था। मंहत को यह बात पता लगी तो उसने छल और बल से रात के समय अकेले दालान में सोते हुए हरिहर काका को उठवा लिया। मंहत ने अपने चेले साधुसंतो के साथ मिलकर उनके हाथ पैर बांध दिए, मुहँ में कपड़ा ठूँस दिया और जबरदस्ती अँगूठे के निशान लिए, उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया। जब पुलिस आई तो स्वयं गुप्त दरवाज़े से भाग गए।

6. हरिहर काका के मामले में गांव वालों की क्या राय थी और उसके क्या कारण थे?

उत्तर:- कहानी के आधार पर गाँव के लोगों को बिना बताए पता चल गया कि हरिहर काका को उनके भाई नहीं पूछते। इसलिए सुख आराम का प्रलोभन देकर मंहत उन्हें अपने साथ ले गया। भाई मन्नत करके काका को वापिस ले आते हैं। इस तरह गाँव के लोग दो पक्षों में बँट गए कुछ लोग मंहत की तरफ़ थे जो चाहते थे कि काका अपनी ज़मीन धर्म के नाम पर ठाकुर बाड़ी को दे दें ताकि उन्हें सुख आराम मिले, मृत्यु के बाद मोक्ष, यश मिले। मंहत ज्ञानी है वह सब कुछ जानता है। लेकिन दूसरे पक्ष के लोग कहते कि ज़मीन परिवार वालो को दी जाए। उनका कहना था इससे उनके परिवार का पेट भरेगा। मंदिर को ज़मीन देना अन्याय होगा। इस तरह दोनों पक्ष अपने-अपने हिसाब से सोच रहे थे परन्तु हरिहर काका के बारे में कोई नहीं सोच रहा था। इन बातों का एक कारण यह भी था कि काका विधुर थे और उनके कोई संतान भी नहीं थी। पंद्रह बीघे ज़मीन के लिए इनका लालच स्वाभाविक था।

7. कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि लेखक ने यह क्यों कहा, “अज्ञान की स्थिति में ही मनुष्य मृत्यु से डरते हैं। ज्ञान होने के बाद तो आदमी आवश्यकता पड़ने पर मृत्यु को वरण करने के लिए तैयार हो जाता है।

उत्तर:- हरिहर काका वाली स्थिति में फँसा हर आदमी जानता है कि बार – बार की मौत से एक बार की मौत अच्छी है । जब हरिहर काका अज्ञान की स्थिति में थे तो वे अपने भाइयों तथा उनके परिवार को सुख – दुख में अपना सहयोगी मानते थे । परंतु जब ज़मीन न लिखने की स्थिति में उनके भाइयों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया तो उन्हें अपने भाइयों के स्वार्थी तथा अत्याचारी होने का ज्ञान हुआ । उनके हृदय में अपने भाइयों के परिवार के प्रति अनासक्ति का भाव जागृत हुआ । ऐसी स्थिति में लोग जीवन की अपेक्षा मृत्यु का वरण करना अधिक श्रेष्ठ समझते हैं । उन्हें लगने लगता है कि रोज़ – रोज़ घुट – घुट कर मरने से एक बार मर जाना ज्यादा अच्छा है ।

8. समाज में रिश्तों की क्या अहमियत है? इस विषय पर अपने विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर:- समाज में रिश्तों-नातों का एक विशेष स्थान है। सामाजिक जीवन को सुचारू रखने के किए इनकी महत्त्ता को कोई नजरंदाज नहीं कर सकता है परन्तु आज समाज में मानवीय मूल्य तथा पारिवारिक मूल्य धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं। ज़्यादातर व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए रिश्ते निभाते हैं, आए दिन हम अखबारों में समाचार पढ़ते हैं कि ज़मीन- जाय़दाद, पैसे- जेवर के लिए लोग हत्या जैसा घृणित कार्य करने से भी नहीं कतराते हैं। कहानी के पात्र हरिहर काका जैसे लोगों को अपने नज़दीकी रिश्तेदारों से बचने के लिए पुलिस की आवश्यकता पड़ती है क्योंकि जब रिश्तों पर स्वार्थ का रंग चढ़ जाता है तो सारे रिश्ते बेमानी हो जाते हैं।

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9. यदि आपके आसपास हरिहर काका जैसी हालत में कोई हो तो आप उसकी किस प्रकार मदद करेंगे?

उत्तर:- यदि हमारे समाज में हरिहर काका जैसा व्यक्ति है तो अपने व्यस्ततम समय से कुछ समय निकालकर उसके साथ बातें करेंगे ताकि उसका एकाकीपन दूर हो सके। उसकी आवश्यकता के बारे में पूछेगे तथा यथासंभव उसको पूरा करने का प्रयास करेंगे। इसके अलावा उसके खाने-पीने संबंधी आवश्यकता पूरी करने का प्रयास करेंगे। इसके अलावा खुश रखने का हर संभव प्रयास करेंगे।

10. हरिहर काका के गांव में यदि मीडिया की पहुंच होती तो उनकी क्या स्थिति होती? अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर:- हरिहर काका की बात मिडिया तक पहुँच जाती तो जो दुखी और एकाकी जीवन वे बिता रहे थे वह उन्हें मिडिया के हस्तक्षेप से न बिताना पड़ता। वे अपने पर हुए अत्याचार लोगों को न केवल बताकर भयमुक्त हो जाते बल्कि उनके कारण कई और लोग भी जागृत हो जाते। साथ ही मिडिया वहाँ पहुँचकर सबकी पोल खोल देती, मंहत व भाईयों का पर्दाफाश हो जाता। अपहरण, धमकाने और जबरन अँगूठा लगवाने के अपराध में उन्हें जेल हो जाती। मिडिया उन्हें स्वतंत्र और भयमुक्त जीवन की उचित व्यवस्था भी करवा देती