NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 8 कन्यादान

By | June 3, 2022
NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 8 कन्यादान

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 8 कन्यादान यहाँ सरल शब्दों में दिया जा रहा है.  Chapter 8 Kanyadan Hindi Class 10 को आसानी से समझ में आने के लिए हमने प्रश्नों के उत्तरों को इस प्रकार लिखा है की कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक बात कही जा सके.

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 8 कन्यादान

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 8 कन्यादान

प्रश्नअभ्यास

1.आपके विचार से माँ ने ऐसा क्यों कहा कि लड़की होना पर लड़की जैसी दिखाई मत देना ?

उत्तर माँ ने ऐसा इसीलिए कहा है क्योंकि वह लड़कियों पर हो रहे शोषण से उसे बचाना चाहती है। कोमलता और शालीनता लड़कियों के गुण होते हैं जिसे माँ बनाकर रखने को कहती है परन्तु साथ ही यह भी कहती है की इतना कमजोर मत बनाना की लोगों का अत्याचार सहन करो चूँकि कमज़ोर लड़कियों का शोषण किया जाता है।

2. ‘आग रोटियाँ सेंकनें के लिस है जलने के लिए नहीं।’

() इन पंक्तियों मे समाज मे स्त्री की किस स्थिति की ओर संकेत किया गया है?

() माँ ने बेटी को सचेत करना क्यों जरूरी समझा?

उत्तर– () इन पंक्तियों में स्त्रियों की कमजोर स्थिति का वर्णन किया गया है। नारी का जीवन कष्टों से भरा हुआ है। उन पर अनेक प्रकार के अत्याचार किए जाते हैं। वह ससुराल में घर गृहस्थी संभालती है सबके लिए रोटियां पकाती है और इसी अग्नि में उसे जला दिया जाता है।

(ख) बेटी अभी छोटी है। उसे समाज में व्याप्त कुरीतियों के बारे में नहीं पता। मां नहीं चाहती कि जो उसने झेला उसकी बेटी भी वही सहे। मां ने अपनी लड़की को लड़की बनकर रहने की वजह शक्तिपूर्वक अत्याचार का मुकाबला करने का सुझाव दिया।

3. ‘पाठिका थी वह धुँधले प्रकाश की कुछ तुको और क़ुछ लयबद्ध पंक्तियों की’ इन पंक्तियों को पढ़कर लडकी की जो छवि आपके सामने उभरकर आ रही है उसे शब्दबध्द कीजिए।

उत्तरउपर्युक्त काव्य पंक्तियों को पढ़कर लड़की की जो छवि उभरती है वह निम्न प्रकार है।

लड़की अभी कमसिन , नादान व भोली भाली हैं। उसने अपने माता-पिता के घर सिर्फ सुखों को ही देखा है। वह ससुराल व वैवाहिक जीवन जीने के लिए अभी परिपक्व नहीं है। शादी के बाद महिलाओं का जीवन कितना बदल जाता हैं। उसे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। उसे लगता है कि विवाह के बाद भी उसका जीवन मायके की तरह ही सुख व आराम से कटेगा । इसीलिए वह भविष्य की सुखद कल्पनाओं में खोई हुई हैं। ।

4. मॉ को अपनी बेटी अंतिम पूँजी क्यों लग २ही है?

उत्तर- मां और बेटी का संबंध बहुत गहरा होता है। मां को अपनी बेटी ‘अंतिम पूंजी’ इसलिए लग रही है क्योंकि लड़की के विवाह के बाद मां एकदम अकेली रह जाएगी। मां बेटी एक दूसरे के सुख-दुख के साथी थे। वे बचपन से अपनी पुत्री को संभाल कर उसका पालन-पोषण करती है एक संचित पूंजी की तरह इसलिए अपनी बेटी को अंतिम पूंजी कहती है।

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5. माँ ने बेटी को क्या सीख दी?

उत्तरमाँ ने बेटी को निम्नलिखित सीख दी है

  • अपनी सुंदरता पर कभी गर्व मत करना।
  • धन-संपत्ति से कभी मोहित मत होना।
  • जीवन के कष्टो का डटकर सामना करना, कभी भी आत्महत्या का विचार भी अपने अंदर आने मत देना।
  • सरलता और भोलेपन को कभी अपनी कमजोरी मत बनने देना।

रचना और अभिव्यक्ति

6. आपकी दृष्टि मे कन्या के साथ दान की बात करना कहॉ तक उचित है?

उत्तरभारतीय संस्कृति में कन्यादान को सबसे बड़ा दान माना जाता है। कन्यादान से अभिप्राय है कि लड़की के विवाह के पश्चात विदाई। लेकिन दान शब्द का अर्थ यह नहीं कि उससे हमेशा के लिए संबंध टूट गया। कन्यादान के पश्चात लड़की को अपनी इच्छा अनुसार वस्तुएं दी जाती है, परंतु उसे कन्या का दान देना नहीं कहा जा सकता। यह हमारी दृष्टि से बिल्कुल अनुचित है।